- महिला को 10 लीटर शराब के साथ लाया और 30 लीटर शराब जप्त होने का केस बना कर जेल भेजने का पुलिस पर लगा था बड़ा आरोप
- छत्तीसगढ़ के मुखिया से हुई थी शिकायत,थाना प्रभारी सहित कई पुलिसकर्मियों की पड़ सकती हैं मुसीबत
- घर में अकेले थी आदिवासी महिला जिसे मनेंद्रगढ़ पुलिस रात में घर से उठाकर भेजा था जेल
- ना थाना ना बदला ना जिला बदला एक ही थाने में लंबे समय से कैसे हैं जमे हुए मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी?
- 4 महीने की दुधमुही बच्ची से मां को दूर कर पुलिस ने भेजा था जेल,पुलिस की कार्यवाही की हुई थी निंदा
- पुलिस ने जब आबकारी मामले में इतनी बड़ी कार्यवाही की तो प्रेस विज्ञप्ति क्यों जारी नहीं की?
- आदिवासी गरीब महिला का जेल जाना पूरे शहर में था चर्चा का विषय
- आखिर कब मिलेगा मनेंद्रगढ़ वासियों को इस थाना प्रभारी से निजात
- उप निरीक्षक से निरीक्षक हो गए फिर भी स्थानांतरण का इंतजार,पदोन्नति के बाद तबादले की सूची का इंतजार
- इनके कार्यकाल में बड़े अपराधी पाक साफ छोटे तबके के लोग आरोपी क्यों?
-रवि सिंह-
मनेंद्रगढ़ 16 मई 2023 (घटती-घटना)। अविभाजित कोरिया से लेकर विभाजित एमसीबी जिले का इकलौता मनेंद्रगढ़ थाना जहां एक प्रभारी अपने 3 साल का कार्यकाल पूरा करने की दहलीज ही पर खड़े है जो 3 दिन बाद पूरा होगा, इनके एक ही थाने में इतने लंबे कार्यकाल के दौरान शिकायतों की लंबी सूची है लेकिन इसके बावजूद इन पर मेहरबानी बरसती रही यह भी एक बड़ा सवाल है कि आखिर मेहरबानी किसकी वजह से बरसती रही? जनता भले दुखी हो जाए पर थाना प्रभारी पर मेहरबानी बरसती रहेगी चाहे क्यों ना चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा पर मेहरबानी तो थाना प्रभारी पर बरसती रहेगी, कुछ इसी अंदाज में मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी पर मेहरबानी बरस रही है? शिकायत करने वाले शिकायत कर रहे हैं मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी से प्रताड़ना की शिकायत कई बार हो चुकी है पर जांच में कथन लेने के बाद पूरा मामला ठंडे बस्ते में पड़ जाता है, दो माह पूर्व मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी सहित कुछ कर्मचारियों की शिकायत मुख्यमंत्री सहित तमाम उच्च अधिकारियों से की गई है और उन पर आरोप लगाया गया है अवैध शराब बिक्री करने वाली महिला को उसके 4 महीने के बच्चे से दूर कर उसे जेल भेज दिया गया, जिसकी शिकायत पर जांच चल रही थी अब सूत्रों का मानना है की जांच अंतिम पड़ाव पर है थाना प्रभारी सहित महिला को घर से उठाकर लाने वाले कर्मचारियों की मुसीबत बढ़ सकती है, जिसे लेकर थाना प्रभारी तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं और मामले को कंप्रोमाइज करने के लिए पीडि़त पर दबाव बनाया जा रहा है। आदिवासी नेताओं को भी उस महिला से सुलह कराने के लिए मनाया जा रहा है जोर आजमाइश जारी है पर वही महिला के साथ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी उसके न्याय के लिए खड़ी है और न्याय मिले इसके लिए वह पूरा प्रयास कर रही है। सूत्रों की माने तो कुछ पत्रकारों के माध्यम से भी आदिवासी नेताओं से संपर्क कर मामले में पटाछेप करने की जद्दोजहद शुरू है।
यह है पूरा मामला
ज्ञात हो कि महिला के भाई दीपक सिंह ने छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए अपनी बहन के साथ हुए घटना की पूरी आप बीति को बताते हुए आरोप लगाया था की मेरे बड़े पापा की लड़की सिपाही पारा में निवास करते हैं। हम आदिवासियों को शासन द्वारा अपने घर में शराब बनाकर पीने की छूट है। दिनांक 25/02/2023 दिन शनिवार को मेरे बहन घर में अकेली थी मेरा जीजा भी बाहर अमरकंटक गए हुए थे, अचानक पुलिस वाले मेरी बहन के घर में दबिश देखकर घुस गए घर में तलाशी लेने लगे 10 बोतल कच्ची महुआ शराब जप्त हुई, मेरी बहन से केस नहीं बनाएंगे ऐसे कह कर पैसे की डिमांड किया, पुलिसकर्मियों के द्वारा 15 हजार की मांग की गई थी मेरी बहन ने कहा कि मेरे पास 2 हजार है अभी आप ले लीजिए बाकी का पैसा मैं आपको कल दे दूंगी नहीं माने, बिना महिला पुलिस के शाम के 07 बजे से 08 का बिच मेरी बहन को जबरदस्ती पुलिस वाले अपने साथ में 4 माह के छोटा बच्चा के साथ गाड़ी में बैठा कर मनेंद्रगढ़ थाना कोतवाली ले गए। घटना दिनांक 25/02/2023 दिन शनिवार मनेंद्रगढ़ कोतवाली थाने में महिला पुलिस के बगैर उपस्थिति रात भर बहन को थाने में बैठा कर रखा गया। दिनांक 26/02/2023 को 10 लीटर शराब जप्त कर, 30 लीटर शराब का केस बना कर जेल भेज गया था, पीडि़त के द्वारा 25/02/2023 सीसीटीवी कैमरा की जांच कर फुटेज की मांग की गई थी। ताकि सचा का पता लग सके की मेरी बहन के साथ कोई अन्याय तो नहीं हुआ है क्योंकि महिला पुलिस के बिना मेरी बहन रात भर थाना में रही। जिसके बाद मामले की जांच शुरू हो गई थी और वही सूत्रों का मानना है कि मामला काफी गंभीर है और इस पर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही होनी है जिसे लेकर थाना प्रभारी सहित इस मामले में शामिल कर्मचारी दहशत में और मामला कैसे कर पटाक्षेप हो इसका पूरा प्रयास कर रहे हैं।
शिकायतकर्ता ने कहा है हमे घर पर पीने के लिए शराब बनाने की थी छूट
शिकातकर्ता ने प्रदेश के मुखिया सहित अन्य को भेजे गए शिकायत में उल्लेख किया है की वह आदिवासी समुदाय से आते है और उन्हे घर पर शराब बनाकर पीने की छूट है। उसके बावजूद उनकी बहन के ऊपर शराब मामले में कार्यवाही की गई है और उनकी बहन जिसका तीन वर्षीय बच्चा भी है को गिरफ्तार किया गया है जो गलत है।
पत्रकार कर रहे थाना प्रभारी को बचाने की पैरवी
जहां पर आदिवासी महिला को सही न्याय मिल सके वहां पर पत्रकार को उनकी सहायता करनी चाहिए पर पत्रकार न्याय को ही प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं, मनेंद्रगढ़ के एक तथाकथित पत्रकार थाना प्रभारी की पैरवी में आदिवासी नेता को फोन लगाकर महिला व पुलिस के बीच सुलह कराने की बात कर रहे थे। पुलिस में जहां समाज की रक्षा करने की जिम्मेदारी है पर समाज ही पुलिस से असुरक्षित है तो आप समझ सकते हैं की पुलिस समाज को कैसे सुरक्षित रहेगा।
मामला को पटाक्षेप करना आदिवासी नेताओं से साधा जा रहा है संपर्क
मामला भले ही फरवरी 2023 का है पर यह मामला काफी गंभीर है इसलिए जांच भी कछुए की चाल पर हो रही है पर अब सूत्रों की माने तो जांच अधिकारी अपना जांच प्रतिवेदन पुलिस अधीक्षक को सौंप दिया है अब देखना है कि क्या कार्यवाही दोषी पुलिस वालों पर होती है या फिर जांच में दोषमुक्त पाए जाते हैं?
पुलिस अधीक्षक थाना प्रभारी को बचाने का कर रहे प्रयास परिवार आदिवासी नेता को बुलाकर उनके पक्ष में की बात
सूत्रों का कहना है कि पुलिस अधीक्षक थाना प्रभारी से कुछ ज्यादा ही प्रभावित हैं इसीलिए उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं आदिवासी नेताओं से उन्हें बचाने के लिए संपर्क भी साधा था पर आदिवासी नेताओं ने न्याय के सामने झुकना मुनासिब नहीं समझा, इसलिए जांच को ही धीमी कर दी गई थी और लगातार आदिवासी नेता से संपर्क कर इस मामले को समझौते पर खत्म करने का प्रयास हो रहा है पर आदिवासी नेता भी यह ठाने बैठे हैं की महिला के साथ न्याय होगा और उसके साथ जो गलत किया है उस पर कार्यवाही जरूर होगी इसके लिए हुए आंदोलन भी कर सकते हैं।
महिला के साथ सही न्याय होना चाहिए
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी एमसीबी जिलाध्यक्ष केवल सिंह मरकाम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया बोरिडान्ड आदिवासी महिला को पुरी रात छोटे से बचे के साथ महिला को थाना कोतवाली में बैठा कर रखा गया, पीडि़ता महिला ने एसपी कलेक्टर को शिकायत दी है 2 माह से ऊपर होने जा रहा है। इस पर पुलिस ने क्या कार्रवाई की है? प्रेस मीडिया के सामने खुलासा करें। मरकाम ने कहा कि पुलिस समाज की सुरक्षा के लिए है ना कि समाज कोई असुरक्षित करने के लिए, पुलिस का दायित्व है कि समाज को है मुक्त व सुरक्षित रखें पर ऐसा होता नहीं दिख रहा, गरीब व आदिवासी समुदाय के लोगों पर पुलिस कहर बरसा रही, महिला के साथ जो घटना घटी वह बिल्कुल भी सही नहीं है उसके साथ न्याय होना चाहिए चाहे वह गरीब हो या आदिवासी हो या फिर कमजोर तबके का व्यक्ति हो न्याय पर सभी का अधिकार है, आगे उन्होंने बताया कि गोंडवाना गणतंत्र के हमारे प्रदेश अध्यक्ष के पास एक पत्रकार महोदय का फोन भी आया था मामले को वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। यह बात हमारे प्रदेश अध्यक्ष संजय कमरों ने हमसे बताया था, मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी सचिन सिंह पर कई आरोप है लिखित में शिकायत भी दी गई है कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है? क्योंकि दिनांक 15/05/2023 को मनेंद्रगढ़ एसडीओपी राकेश कुर्रे से मैंने बोरिडान्ड आदिवासी महिला के केस की जानकारी के बारे में पूछा एसडीओपी महोदय का कहना है मैंने विवेचना कर रिपोर्ट एसपी कार्यालय भेज दी है, शासन प्रशासन से अनुरोध है की बोरिडान्ड आदिवासी महिला का मामला जल्द से जल्द न्याय करे और जो भी पुलिसकर्मी दोषी हैं उस पर उचित कार्रवाई करें।
केवल सिंह मरकाम एमसीबी जिलाध्यक्ष गोंडवाना गणतंत्र पार्टी