- संवाददाता –
अंबिकापुर,15 मई 2023 (घटती-घटना)। केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह ने मां महामाया एयरपोर्ट का निरीक्षण सोमवार को डीजीसीए टीम के साथ किया।तीन सदस्यीय डीजीसीए की इस टीम में डिप्टी डायरेक्टर डीजीसीए अमित श्रीवास्तव दिल्ली रीजन से और दो सदस्य कलकाा रीजन से शामिल हैं। टीम के द्वारा सोमवार को रनवे, बेसिक स्टि्रप, आइसोलेशन बे, एटीसी टावर, एन्टी हाईजैक रूम, अप्रोन, पेरीमीटर रोड, ऑपरेशनल बाउंड्री, अराइवल और डिपार्चर सेक्शन का निरीक्षण किया गया। अगले दो दिनों में पूरे एयरपोर्ट का सघन निरीक्षण किया जायेगा। निरीक्षण के बाद टीम द्वारा रिपोर्ट तैयार की जाएगी और इसके बाद लाइसेंसिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। सोमवार को निरीक्षण का पहला दिन था। टीम अभी दो दिन और रूकेगी और निरीक्षण करेगी। डीजीसीए टीम से चर्चा के बाद केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह ने कहा कि आम आदमी भी उड़ान भरेगा इसी उद्देश्य के तहत 21 अक्टूबर 2016 को प्रधानमंत्री ने उड़ान स्कीम की शुरूआत की थी। 17 अपै्रल 2017 को देश की पहली उड़ान सेवा प्रारंभ हुई। छाीसगढ़ में जगदलपुर, बिलासपुर के बाद तीसरा अंबिकापुर एयरपोर्ट है। जहां उड़ान स्कीम प्रारंभ की जाएगी। भारत सरकार ने 90 करोड़ की स्वीकृति दी है। जिसमें 56 करोड 50 लाख रुपए भारत सरकार ने राज्य सरकार को रनवे, टर्मिनल सहित अन्य कार्यों के लिए दी है। काम अच्छा चल रहा है। डीजीसीए की टीम 15 से 17 मई तक रहेगी। इसमें कई चरणों पर निरीक्षण होता है। इसमें अधिकारियों ने बताया कि चार से पांच सौ क्राइटयेरिया होते हैं। इस आधार पर निरीक्षण होगा। अगर डीजसीए की टीम ने पाया कि निर्माण अच्छा हुआ है तब जाकर लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी होगी और जुलाई तक उड़ान प्रक्रिया शुरू होगी। केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह ने रनवे व टर्मिनल निर्माण को लेकर कहा कि डीजीसीए के अधिकारियों के अनुसार निर्माण ठीक हुआ है। बाकी आगे अभी दो दिनों का और निरीक्षण करना बाकी है। टीम निरीक्षण करने के बाद ही बता पाएगी कि कितना संतोषजनक काम हुआ है। निरीक्षण के लिए प्लेन भी आ रहा है। इसके बाद ही पता चल पाएगा की रनवे कितना अच्छा है। मां महामाया एयरपोर्ट का निरीक्षण करने पहुंची केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि मैं पूर्व में भी यहां निरीक्षण करने पहुंची हूं। निर्माण कार्य में लगे अधिकारियों को हमेशा निर्देश देती रही हूं कि निर्माण सही और गुणवाापुर्ण होनी चाहिए। मलिटी में किसी तरह की कोई समझाता नहीं होनी चाहिए। इससे समय का बचत होगा। अगर निर्माण सही नहीं होगा तो डीजीसीए की टीम पहुंचेगी और अमान्य पाए जाने पर पुनःउखाडऩे के लिए बोला जाएगा। इससे समय की बर्बादी होगी।
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