कोरबा,@द्वितीय हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत में 7847 प्रकरणों का हुआ निराकरण

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कोरबा14 मई 2023 (घटती-घटना)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) एवं छाीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा द्वारा जिला एवं तहसील स्तर पर दिनांक 13 मई 2023 को सभी मामलों से संबंधित नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।डी0एल0 कटकवार, जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के आतिथ्य में एवं विशिष्ठ अतिथि श्री बी. राम, प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय कोरबा, अपर सत्र न्यायाधीश कु. संघपुष्पा भतपहरी, अपर सत्र न्यायाधीश (एफ.टी.सी.) कोरबा श्रीमती ज्योति अग्रवाल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोरबा श्री कृष्ण कुमार सूर्यवंशी, द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-एक कोरबा हरीश चंद्र मिश्र, तृतीय व्यवहार न्यायाधीश, बृजेश राय, प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग एक कोरबा के अतिरिक्त व्यवहार न्यायाधीश, श्रीमती प्रतिक्षा अग्रवाल, व्यवहार न्यायाधीश वर्ग दो श्रीमती रिचा यादव एवं मंजीत जांगडे, श्री संजय जायसवाल, अध्यक्ष, जिला अधिवक्ता संघ, कोरबा, नूतन सिंह ठाकुर, सचिव जिला अधिवक्ता संघ कोरबा, श्री बी.के. शुक्ला, सदस्य, छ0ग0 राज्य विधिज्ञ परिषद बिलासपुर दीप प्रज्वलन कार्यक्रम में उपस्थित थे। नालसा थीम सांग न्याय सबके लिये के साथ नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। जिसमें न्यायालय में कुल 11992 प्रकरण रखे गये थे, जिसमें न्यायालयों में लंबित प्रकरण 2013 एवं प्री-लिटिगेशन के 9979 प्रकरण थे। जिसमें राजस्व मामलों के 6999 प्रकरण एवं प्री-लिटिगेशन प्रकरण तथा न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के कुल प्रकरणों सहित 7847 प्रकरणों का निराकरण नेशनल लोक अदालत में समझौते के आधार पर हुआ।
सक्सेस स्टोरी-
बेसहारा बुजुर्ग दंपçा को मिला न्याय तीन वर्षों से लंबित प्रकरण का हुआ राजीनामा आधार पर निराकरण

  1. मान. सत्र न्यायाधीश/मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण कोरबा
    मोटर दुर्घटना दावा 15/2021
    खण्डपीठ क्र. – 01
    दिनांक 02.08.2020 को आवेदक बुजुर्ग दंपçा के जवान पुत्री की मृत्यु मोटर दुर्घटना में हो जाने के कारण आवेदकगणों के द्वारा समस्त मदों में कुल 16,60,000/- रूपये क्षति रकम प्राप्त करने हेतु, अनावेदक के विरूद्ध मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 166 के अंतर्गत मान. न्यायालय के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया था। उक्त घटना में पीडि़त अपने दाहिने पैर का पंजा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे लंबे चले उपचार के दौरान पीडिता की मृत्यु हो गई थी।ऐसे में मृतिक जो बुजुर्ग दंपति की एकमात्र संतान थी के मृत्यु के पश्चात् बेसहारा बुजुर्ग दंपçा आवेदकगणों के लिये अत्यंत कठिन हो चला था। प्रकरण में आवेदकगण एवं अनावेदक (बीमा कंपनी) ने हाइब्रिड नेशनल लोक अदालत में संयुक्त रूप से समझौता कर आवेदन पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें हाइब्रिड नेशनल लोक अदालत का लाभ लेते हुए आवेदकों ने 3,25,000/- रूपये (तीन लाख पच्चीस हजार रूपये) बिना किसी डर-दबाव के राजीनामा किया जिसे आज दिनांक से 30 दिवस के भीतर अदा किए जाने का निर्देश दिया गया इस प्रकार घर बैठे बुजुर्ग आवेदकों को जीवन जीने का एक सहारा नेशनल लोक अदालत ने प्रदान किया।

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