अम्बिकापुर,13 मई 2023 (घटती-घटना)। नेशनल लोक अदालत में न्यायाधीश धनेश्वरी सिदार के समझाइश के बाद 4 प्रकरणों में बिछड़े परिवार एक साथ रहकर दांपत्य जीवन का निर्वाह करने के लिए राजी हो गए। शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया था। कुटुम्ब न्यायालय अम्बिकापुर में न्यायाधीश धनेश्वरी सिदार के मार्गदर्शन में कुल 66 प्रकरणों को रखा गया था। जिनमें से 54 प्रकरणों में पक्षकार उपस्थित थे तथा न्यायालय द्वारा राजीनामा का प्रयास कर कुल 21 प्रकरणों में राजीनामा कराकर प्रकरण समाप्त किया गया। वहीं 4 प्रकरणों में बिछड़े परिवारों को एक साथ रहकर दाम्पत्य जीवन का निर्वाह करने हेतु भेजा गया है। इस दौरान सूरजपुर जिले के पिता-पुत्र पिछले लगभग 11 वर्षों से अलग-अलग निवास कर रहे थे। पिता द्वारा अपने पुत्र का भरण-पोषण नहीं किया जा रहा था। शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में पिता-पुत्र के मध्य राजीनामा हो गया और पिता अपने पुत्र को भरण-पोषण करने के लिए राजी हो गया। वहीं अम्बिकापुर निवासी दम्पति पिछले लगभग तीन साल से आपसी मतभेद के कारण अपने-अपने माता-पिता के घर में रह रहे थे। नेशनल लोक अदालत में आपसी राजीनामा कर एक साथ रहकर दाम्पत्य जीवन कर निर्वहन करने के लिए न्यायालय से विदाई होकर चले गए। बिश्रामपुर निवासी दम्पति पिछले लगभग ढाई साल से आपसी मतभेद होने के कारण अपने-अपने माता-पिता के घर से पृथक थे, जो नेशनल लोक अदालत में आपसी राजीनामा कर एक साथ रहकर दाम्पत्य जीवन का निर्वहन करने के लिए न्यायालय से विदाई होकर चले गये। इस दौरान परामर्शदातागण मंजू पाण्डेय एवं नीरज पाण्डेय, सदस्य एवं कर्मचारी राजेश किण्डो, रीडर, चंद्रप्रकाश, स्टेनोग्राफर, वशिष्ठ लाल गुप्ता, अनिश कुमार संदीप कुमार वर्मा, विजय भूषण लकड़ा, दिनेश राम, मनदीप महंत द्वारा लोक अदालत को सफल बनाने में सक्रिय सहयोग रहा।
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