जमीन बेदखली के भय से बुजुर्ग बैगा की हुई थी मौत फिर भी पीड़ित को नहीं मिला न्याय
पुस्तैनी भूमि के बदले नहीं दी गई दूसरी भूमि,आठ दिन में नहीं मिला न्याय तो परिवार सहित अनशन में बैठेगा बैगा परिवार
बैगा परिवार के एक पीड़ित युवक ने मुखिया की मौत का मुवाबजा एवं अपनी पुस्तैनी भूमि का पट्टा माग रहा
-रवि सिंह-
मनेन्द्रगढ़ 10 मई 2023 (घटती-घटना)। जनकपुर में राजस्व विभाग की मनमानी से राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र बैगा परिवार के लोग न्याय के लिए दर दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं, वहीं जनकपुर के दबंगों के चलते बैगा परिवार दहशत के साये में जी रहा है, हैरत वाली बात तो यह की इसी अंधेरगर्दी के चलते बैगा परिवार के मुखिया की अकाल मृत्यु तक हो चुकी है इसके बाद भी पीड़ित परिवार की कोई सुध लेने वाला कोई नहीं है. अब थक हार कर इस परिवार के मुखिया ने अपने परिवार के साथ भूख हड़ताल शुरू करने का आवेदन दिया है, इससे साफ समझा जा सकता है कि राजस्व विभाग में किस तरह की मनमानी चल रही है। जमीन बेदखली के भय से बुजुर्ग बैगा की मौत के बाद भी पीड़ित को नहीं मिला न्याय,,,, पुस्तैनी भूमि के बदले नहीं दी गई दूसरी भूमि, आठ दिन में नहीं मिला न्याय तो परिवार सहित अनशन में बैठेगा बैगा परिवार, बैगा परिवार के एक पीड़ित युवक ने मुखिया की मौत का मुवाबजा एवं अपनी पुस्तैनी भूमि का पट्टा जो भूमि जबरजस्ती लिया गया उसके बदले में दूसरी भूमि प्रदाय करने की माँग कलेक्टर एमसीबी से की है।
अपने ज्ञापन में जनकपुर निवासी गेन्दलाल बैगा ने कहा है कि वह जिला कार्यालय, तहसीलदार कार्यालय, अनुभाग कार्यालय का चक्कर काट काट कर थक चुका है, लेकिन उसे सिर्फ तारीख पर तारीख मिल रही है, कोई काम नहीं हो रहा, इससे त्रस्त होकर वह 18 मई से तहसीलदार कार्यालय के सामने अपने पूरे परिवार के साथ भूख हड़ताल पर बैठ जायेगा. कलेक्टर को 22मार्च को जन दर्शन में ज्ञापन सौपते हुये गेन्दलाल बैगा ने बताया कि मेरे घर व निवासी पुस्तैनी भूमि को शासकीय बताते हुए 1 फरवरी 2023 को तहसीलदार के द्वारा नोटिस दिया गया कि 4 फरवरी 2023 को मकान खाली कर लिया जाये, मैं घर में नहीं था 4 फरवरी को सुबह घर पहुंचा तो 10 बजे करीब शासन प्रशासन का अमला बुलडोजर मशीन सहित मेरा घर तोड़ने पहुंच गये। जिससे हम सब घर का समान बाहर कर दिये उसके बाद किसी प्रकार एसडीएम व तहसीलदार दो तीन दिन का मौका देकर वापस आ गये। लेकिन मेरे पिताजी (प्रेमलाल बैगा) को बार-बार चक्कर आने लगा वो सोच में पड़ गये कि हमारी पुस्तैनी जमीन चली जायेगी। जिसका पुराना 1935-36 का रिकार्ड भी हमारे पास है और हम लोग कहां जायेंगे। किसी प्रकार समझाने के बाद उन्होने शाम को खाना खाया। 5 फरवरी को शाम 6-7 बजे करीब फिर उनकी तबियत सोचने के कारण खराब हो मई तो उन्हें जनकपुर चिकित्सालय ले गये जहां उनकी मृत्यु केवल अपनी जन्मभूमि को छिनने के चलते हो गई। वहीं मे भी बीमारी से पीड़ित हूं लेकिन क्या करूं 6 फरवरी को हम अपने पिताजी का शव चिकित्सालय से नहीं ला रह थें क्योंकि वहां के डाक्टर उनकी जान नहीं बचा पायें। किसी तरह शव के साथ राजनीति नहीं करते हुए हमने उनका क्रिया कर्म किये पर शासन – प्रशासन द्वारा जो भी आश्वासन दिया गया था। आज दिनांक तक कोई कार्यवाही होते नहीं दिख रहा है। तो मै व मेरा परिवार मांग करता है कि मेरी मां को पांच लाख मुवावजा व हमारे भूमि का पट्टा एवं जो जमीन खाद्यान्न ग्रह भण्डार (भवन) जबजस्ती बना लिया गया हैं उसके बदले जमीन चाहिए नहीं तो मैं व मेरा परिवार तहसील कार्यालय भरतपुर के महुआ पेड़ के नीचे भूख हड़ताल में बैठ जायेंगे जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी वहीं हमारी भूमि के पिछले अभिलेखों में हेराफेरी भी करवाया गया है उसके खिलाफ भी हम कार्यवाही चाहते है एवं नंदकुमार बैगा पिता चैतूराम बैगा व उसकी पत्नी परमिला बैगा के नाम से जितनी चल अचल संपति है उसकी भी जांच कर कार्यवाही की जावे तब पता चल जायेगा कि जनकपुर के जमीन की कितनी हेराफरी करवाई गई है।