इलाज के नाम पर मरीजों को कर रहे गुमराह
- राजा मुखर्जी –
कोरबा,09 मई 2023 (घटती-घटना)। कोरबा जिले में इन दिनों निजी अस्पतालों की होड़ सी लग गई है जिसके चलते मरीजों एवं उनके परिजनों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि कौन सा निजी अस्पताल में कम दर में इलाज की पूर्ण सुविधा मिल पाएगी पर ऐसा शायद ही होता होगा के कोई भी निजी अस्पताल कम दर में इलाज की सुविधा देती हो द्य प्रदेश की सरकार ने मरीजों को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए कई योजनाएं प्रदेश में प्रारंभ की जिसमे ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक के जनता को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए हमर क्लिनिक से लेकर मेडिकल कॉलेज तक की शुरुआत की गई . जिसमे सभी प्रकार के आधुनिक मशीनों के साथ एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सभी जिलों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी अस्पताल खोलें गए. है द्य कोरबा जिले में भी सौ सईया अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में परिवर्तित कर समस्त मेडिकल सुविधाओं के साथ प्रारंभ किया गया है जिसके चलते अब मरीज कम दर पर अपने इलाज करवा लेते है जिसके चलते निजी अस्पतालों में मरीज की कमी होने से अब जिले में संचालित निजी अस्पताल प्रबंधन अपनी दुकानदारी चलाने के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों पर डोरे डालने लगे है। अस्पताल के एजेंट मरीजों को उपचार के नाम पर लूटने के लिए सरकारी अस्पताल के आसपास चक्कर काटते हुए आसानी से दिख जाते हैं और मौका पाते ही मरीजों को अपनी बातों में उलझाकर निजी अस्पताल ले जाते हैं जहां ईलाज के नाम पर मोटी रकम वसूलते है। ऐसा ही कुछ जिला अस्पताल में देखने को मिला जहां सडक¸ हादसे में घायल कुछ मरीजों को निजी अस्पताल के एजेंट ने अपने झांसे में लेने के लिए कार्ड थमा दिया। पूछताछ के दौरान मरीज ने बताया कि उन्हें निजी अस्पताल में बेहतर सुविधाएं देने की बात कही गई थी। मरीजों से पूछताछ के दौरान पता चला कि निजी अस्पताल का एजेंट उनके पास पहुंचा और अपना विजिटिंग कार्ड थमाते हुए अपने अस्पताल में बेहतर उपचार होने की पेशकश देते हुए फोन नंबर पर संपर्क करने को कहा।मरीज ने बताया कि एजेंट ने आयुष्मान भारत योजना के साथ ही और भी सुविधाएं देने का झांसा दिया था। यह पहली बार नहीं है, जब एजेंट सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों को अपनी बातों में उलझाकर निजी अस्पताल ले जाते हैं। कई बार इस तरह के मामले सामने आए हैं, जहां गरीब मरीजों से इलाज के नाम पर निजी अस्पताल द्वारा मोटी रकम वसूली जाती है। इसलिए मरीजों एवं उनके परिजनों को इन दलालों से सजग रहना होगा साथ ही अस्पताल प्रबंधन को भी सजग होने की आवश्यकता है ताकि समय रहते इन दलालों पर कार्यवाही करें जिससे वे गरीब मरीजों एवं उनके परिजनों को गुमराह न कर सके.