बैकुण्ठपुर@सनातन को मिटाने का चल रहा षडयंत्र:स्वामी रामस्वरूपाचार्य महाराज

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  • हवन, भंडारे के साथ हुआ श्रीराम कथा का विश्राम..देवराहा बाबा सेवा समिति के आयोजन में उमड़े श्रद्वालु
  • कामदगिरी पीठाधीश्वर ने भक्तों को सुनाई श्रीराम की जीवन गाथा
  • साध्वी अमृतानंदमयी ने भी भजनों के साथ कथा सुनाकर मंत्रमुग्ध किया
  • गौ रक्षा वाहिनी के द्वारा चलाये जा रहे रोटी बैंक से प्रभावित हुए पीठाधीश्वर
  • कहा कि वे अपने पीठ के माध्यम से भी रोटी बैंक चलाने का संकल्प लेते हैं

बैकुण्ठपुर,09 मई 2023 (घटती-घटना)। पिछले 2 मई से प्रेमाबाग परिसर में चल रही श्रीराम कथा का विश्राम बहुत ही भक्तिमय वातावरण में सोमवार को हुआ,शहर में पहली बार पीठाधीश्वर के आगमन पर सनातन प्रेमियों में भी उत्साह देखने को मिला,वैवाहिक समय होने के बावजूद कथा सुनने शहर समेत दूर दराज और अन्य पड़ोसी जिले से भी बड़ी संख्या में श्रद्वालु श्रीराम कथा के साक्षी बने,कथा के अंतिम दिन पूरा पंडाल श्रीराम भक्तों से खचाखच भरा रहा,हवन और भंडारे के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई। व्यास पीठ से कामदगिरी पीठाधीश्वर जगतगुरू रामनंदाचार्य स्वामी श्री रामस्वरूपाचार्य जी महराज ने सनातन प्रेमियों को अपने धर्म के लिए आगे आने का आह्वान किया,उन्होने बहुत ही ओजस्वी रूप धारण कर श्रोताओं को पूरे दिन बांधे रखा। रामस्वरूपाचार्य महराज ने धर्म परिवर्तन कराने वाले लोगो को चेतावनी देते हुए व्यास पीठ से कहा कि आज सनातन को मिटाने का षडयंत्र चल रहा है,लेकिन इसे मिटाने वाले खुद मिट जाएंगे,उन्होनें विभिन्न विषयों पर अपनी बात रखी और बैकुंठपुर शहर में चल रही रोटी बैंक की तरह ही अपने पीठ के द्वारा रोटी बैंक चलाने का संकल्प लिया और गौ रक्षा वाहिनी के कार्यो की सराहना की। इसके पूर्व मंच से मानस समीक्षा साध्वी अमृतानंदमयी ने भी प्रतिदिन की तरह भजनों एवं श्रीराम के जीवनी पर चर्चा करते हुए भक्तों को भाव विभोर कर दिया।
कथा विश्राम दिवस व्यास पीठ से स्वामी रामस्वरूपाचार्य जी महराज ने कहा कि अपना चित्त हमेशा ब्रम्ह से जोड़कर रखना है,जिससे कि शरीर में राक्षस का वास न हो,जब इंसान के विनास का समय आता है तो भगवान की बात भी नही सुनी जाती। उन्होने कहा कि अधर्म को ताकतवर मत बनाओ कथा का तात्पर्य यही है आज अधर्म बहुत बढ गया है,और वास्तविक धर्म पर प्रभाव डाल रहा है। सूर्य और अग्नि प्रत्यक्ष देवता माने गए हैं,पूरे संसार में कोई भी नागरिक सूर्य के प्रकाश के बिना नही रह सकता,अनादिकाल से ही हमारे धर्म में सूर्य का महत्वपूर्ण स्थान है। वेदों मे चंद्रमा का भी बखान है और इसका भी हमाने सनातन मे महत्व है,चंद्रमा सूर्य वरूण हमारे देवता हैं। स्वामी रामस्वरूपाचार्य जी ने कहा कि सभी देवता मिलकर हमारा सहयोग कर रहे हैं,इसके बाद भी सनातन को मिटाने के लिए लोग गांव-गांव घू रहे हैं भोले भाले लोगो को दिग्भ्रमित कर रहे ंहैं उन्हे अपने जाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन कराना चाह रहे हैं । धर्म परिवर्तन कराने वाले लोगो को उन्होने आड़े हाथ लिया और कहा कि सनातन को मिटाने का जो खेल यह खेल रहे हैं षडयंत्र कर रहे हैं यह एक दिन मिट जाएंगे। सनातन प्रेमियों को जागृत करते हुए कहा कि इसके लिए एक होना पड़ेगा,जो श्रृष्टि का संतुलन बिगाड़ने की कोशिश करेगा उसका अंत तय है। पीठाधीश्वर ने कहा कि महाप्रलय में मरने वाला पानी तक नही पाता,जिस प्रकार कोरोना में लोगो का हाल था सोशल डिस्टेंस चल रहा था,घर वाले भी एक दूसरे से बच रहे थे,मरने वाले व्यक्ति को घर वाले तक नही छू रहे थे। कोरोना के बाद लंबी बीमारी आई लेकिन कोई इंसान उससे प्रभावित नही हुआ,उस बीमारी को गौ माता ने खुद में ले लिया जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण है कि धरती पर कई प्रकार के जीव होने के बाद भी लंपी बीमारी से सिर्फ हमारी गौ माता ही प्रभावित हुई थीं वह सिर्फ इसलिए की गौ माता ही हमारी रक्षक थी। लोगो से गौ रक्षा करने का आह्वान करते हुए कहा कि पालिथीन का उपयोग न करें इसे गौ वंश खाती हैं और उन्हे नुकसान पहुंचता है। व्यास पीठ से उन्होने बैकुंठपुर में गौ रक्षा वाहिनी के द्वारा किये जा रहे कार्यो की प्रशंशा की और रोटी बैंक से प्रेरणा लेते हुए उसे अपने पीठ के माध्यम से भी चलाने का संकल्प लिया। स्वामी रामस्वरूपाचार्य जी महाराज ने रावण का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि शाम दाम दंड भेद का सदुपयोग करने वाले की सत्ता बनी रहती है जबकि जो इसका दूरूपयोग करता है उसकी साा समाप्त हो जाती है। उन्होने कहा कलयुग में आदमी ही आदमी से नही बोल रहा है, कथाचार्य ने भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक का प्रसंग सुनाया और प्रभू श्रीराम सीता और लक्ष्मण की झांकी का तिलक करते हुए कथा का विश्राम किया।
स्वामी रामस्वरूपाचार्य जी ने समिति अध्यक्ष समेत सदस्यों की सराहना की
कथा व्यास से स्वामी रामस्वरूपाचार्य ने श्रीराम कथा के आयोजन में देवराहा बाबा सेवा समिति के अध्यक्ष और सदस्यों की जमकर तारीफ की। उन्होने समिति के अध्यक्ष शैलेष शिवहरे के द्वारा कोरोना काल से लेकर समाज सेवा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्या के लिए खूब प्रशंशा की,सारी व्यवस्थाओं के लिए उन्होने खुशी का इजहार किया।
समिति ने कई विभूतियों का सम्मान किया
श्रीराम कथा के आयोजन में प्रतिदिन आयोजन समिति ने क्षेत्र में विभिन्न विभतियों का सम्मान किया,इसी कड़ी में प्रेमाबाग मंदिर के मुख्य पूजारी देवदत्त त्रिपाठी ,समानता क्रांति संगठन के अध्यक्ष अमिताभ गुप्ता,गौ रक्षा वाहिनी के अध्यक्ष अनुराग दुबे,बबलू जायसवाल,महेश मिश्रा,एकल परिवार के मनोज गुप्ता,खुटरापारा सरपंच सुभाष जी का सम्मान किया गया। कथा विश्राम के बाद कथावाचक की पूरी टीम का आयोजन समिति ने मंच पर सम्मान किया। दिन में हवन और रात्रि में आयोजित भंडारे में बड़ी संख्या में श्रद्वालुओें ने प्रसाद ग्रहण किया। आयोजन को सफल बनाने में देवराहा बाबा सेवा समिति के अध्यक्ष शैलेष शिवहरे के साथ बसंत राय,आशीष शुक्ला,धनेंद्र मिश्रा,अनिल शर्मा, जय बाजपेयी, राजू गुप्ता, नगरपालिका अध्यक्ष नविता शिवहरे, राकेश शिवहरे, सुभाष साहू, बृजेन्द्र जायसवाल, मनोज सोनी, पंडित देवदत्त त्रिपाठी, कवि महराज, पंडित कैलाश मिश्रा, कृष्णचंद्र गुप्ता, बीएल सोनी, आशीष शुक्ला, गीता प्रसाद नेमा, मनोज गुप्ता, सुशील शुक्ला, राजेश नामदेव, डब्लू सिंह, अनिल खटिक, अनुराग दुबे, ,रूद्र मिश्रा, अमिताभ गुप्ता, राहुल मिश्रा, शैलेन्द्र शर्मा, अभय दुबे, घनश्याम साहू, रजनीश गुप्ता, आयुष नामदेव, रितिक शिवहरे, दीपक साहू, गिरीश राजपूत, अनुराग तिवारी, समीर जायसवाल, मिंकू सोनी, रिचेश सिंह, रमन गुप्ता, संजय दुबे, आनंद सिंह, कृष्णा, विष्णु, सुभाष सरपंच, बड़कू, गंगा आदि समिति सदस्यों विभिन्न समाज प्रमुखों, संगठनों, प्रशासन, सहयोगकर्ताओं और गणमान्य नागरिकों का सराहनीय योगदान रहा।


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