अम्बिकापुर,@समर कैम्प 2023 के तीसरे दिन को शांति दिवस के रूप में मनाया गया

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  • संवाददाता –
    अम्बिकापुर,07 मई 2023 (घटती-घटना)।
    प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के शिक्षाविद सेवा प्रभाग द्वारा नव विश्व भवन चोपड़ापारा, अम्बिकापुर में छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिये आयोजित समर कैम्प 2023 के तीसरे दिन को शांति दिवस के रूप मे मनाया गया। बच्चों ने आज पूरा दिन मैं शक्तिशाली आत्मा हूँ साथ ही साथ बच्चों को आज्ञाकारिता रूपी गुणों का महत्व बताया गया और बच्चों को कहा गया कि आज पूरे दिन अपने माता- पिता और बड़ों का आज्ञा मानना हैं, बच्चों ने अपने से बड़ो और छोटों का बात मानकर दुआयें लेने की प्रतिज्ञा की।
    ब्रह्माकुमारी प्रतिमा बहन ने बच्चों के अन्दर की प्रतिभाओं को निखारनें के लिये भाषण
    कला के बारे में बताया कि भाषण अंदर की भाव एवं भावनाओं को व्यक्त करने की कला है। हमारे जीवन के हर कदम में इसकी आवश्यकता होती है, इसलिये हमें अपनी बातों में सभी के लिये सम्मान, स्नेह की भावना रखनी चाहिये। उन्होंने बताया कि भाषण देते समय हमें अपने आई कॉन्टेक्ट, आई मूवेन्ट, चेहरे का हाव- भाव, स्थिति के आधार पर एवं निर्भय होकर करना चाहिये। अच्छे- अच्छे शदो को भी हमें अपनी बुद्धि में कलेक्ट करके रखना चाहिये। और भाषण देते समय हमारी आवाज मधुर, आकर्षक एवं उतार- चढ़ाव के साथ करना चाहिये।
    अमृता बहन बच्चों को चित्रकला का महत्व बताते हुये कहा कि चित्र और कला दो शदों से मिलकर बना है। कला एक ऐसा गुण हैं जो सभी बच्चों के अंदर होता है। कला के माध्यम से किसी भी कार्य को कितने परफेक्शन के साथ हम लोगों के सामने प्रस्तुत करते है। चित्र के द्वारा हम अपने भावों की सुन्दरता को प्रस्तुत करते हैं उसे ही चित्रकला कहा जाता है। चित्रकला एक भाषा है जो कई शदों का भण्डार है। एक चित्र हजार शदों से ज्यादा प्रभावी होता है। इसलिये चित्र बनाने के लिये हमारे अंदर धैर्यता रूपी गुणों की आवश्यकता है।

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