बैकुण्ठपुर@श्रीराम की भक्ति में डूबे श्रद्धालु,आचार्य रामस्वरूपाचार्य जी ने सुनाया प्रसंग

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संवाददाता –
बैकुण्ठपुर,06 मई 2023 (घटती-घटना)।
प्रेमाबाग परिसर में चल रही श्रीराम कथा से शहर का माहौल भक्तिमय हो गया है,कथा में शामिल होकर श्रद्धालु श्रीराम की भक्ति में डूबे हुए हैं,व्यास पीठ से कामदगिरि पीठाधीश्वर जगतगुरु रामनंदाचार्य स्वामी श्री रामस्वरूपाचार्य जी महराज द्वारा अपने श्रीमुख से भक्तो को श्रीराम की जीवन गाथा से परिचित कराया जा रहा है।प्रतिदिन कथा के पूर्व साध्वी अमृतानंदमयी द्वारा कथा की शुरुवात की जाती है,जिसके बाद व्यास पीठ से आचार्य द्वारा कथा श्रवण कराया जाता है। तीसरे दिन गुरुवार को जहां भगवान श्रीराम के जन्म की कथा सुनाई गई तो वही चौथे दिन शुक्रवार को श्रीराम के विवाह की कथा के बारे में बतलाया गया।
व्यास पीठ से स्वामी श्री रामस्वरूपाचार्य जी ने श्रीराम के कहा कि समाज की स्थिति बड़ी विचित्र है,जितनी खुशियां राजा दशरथ ने चार पुत्रों की प्राप्ति पर मनाई थी उतनी खुशियां राजा जनक ने भी पुत्रियों के आने पर मनाई थी। नकारात्मक सोच ने बेटियो की संख्या बिगाड़ दी है अपने स्वार्थ के लिए। बेटी जब आती है अपना भाग्य लेकर आती है,रामकथा सुन रहे हैं तो राजा जनक जैसा विचार रखना होगा। धर्म जगत में सबसे पहला सम्मान पुत्री वाला और बाद में पुत्र वाला सम्मान पाता है,कोई कितना भी बड़ा नाम वाला हो लेकिन आध्यात्म की दुनिया में उसे ही पहला स्थान मिलता है जिसके घर ने पुत्री का जन्म होता है। राजा जनक को ऐसी पुत्रियां मिली हैं जिन्होंने पूरे जगत से सम्मान पाया है और सम्मान दिलाया भी। कथावाचक ने कहा कि जिसके जीवन में कामनाओं का अंत हो जाए वही संत है, मिथिला में पाया जाने वाला बच्चा भी कुछ नहीं चाहता। उपदेश जिसका पवित्र है वही मिथला है। इस दौरान आयोजक समिति के प्रमुख शैलेष शिवहरे के साथ आदित्य नारायण मिश्रा, राकेश शिवहरे, अनिल शर्मा, धनेंद्र मिश्रा, आशीष शुक्ला, बसंत राय, रज्जू नामदेव, सुभाष साहू, शैलेंद्र शर्मा, राहुल मिश्रा, अभय दुबे, आयुष नामदेव, गीता प्रसाद नेमा, सिद्धिविनायक पांडेय, राजेंद्र सिंह,गिरीश राजपूत, योगेंद्र मिश्रा आदि समिति के सदस्य और श्रद्धालु जन शामिल रहे।


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