बैंगलोर@बजरंग दल कांग्रेस के विरोध में आयोजित करेगा हनुमान चालीसा पाठ

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बैंगलोर,03 मई 2023 (ए)।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का संकल्‍प लिया है। इसके साथ ही उसने बजरंग दल जैसे संगठन की तुलना पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से की है, जिस पर सितंबर 2022 में केंद्र द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया था।
कांग्रेस के बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा पर जहां भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार में कांग्रेस को जमकर आड़े हाथों लिया वहीं अब बजरंग दल ने स्‍वयं कांग्रेस के इस चुनावी संकल्‍प के विरोध में गुरुवार को पूरे कर्नाटक में हनुमान चालीसा पाठ कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है।
यह वह समय है
जब धर्म खतरे में है
बुधवार को बजरंग दल ने कहा कि वह राज्य भर में हनुमान चालीसा का पाठ आयोजित करने जा रहे हैं। बजरंग दल संगठन ने कहा यह वह समय है जब ‘धर्म’ खतरे में है और एक साथ खड़ा होना ही आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है। हमें अपने मतभेदों को दूर करना चाहिए और धर्म की रक्षा के लिए एक साथ आना चाहिए और एक साथ हाथ मिलाना चाहिए।
विश्व हिंदू परिषद भी ने
बजरंग दल का किया समर्थन
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने भी बजरगदल के इस आह्वान का समर्थन किया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मंगलवार को विजयनगर जिले के होसपेट में अपनी जनसभा के दौरान बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के कांग्रेस के वादे की जमकर आलोचना करते हुए कहा कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में भगवान हनुमान के नारे लगाने वालों को बंद करने का फैसला किया है।
कांग्रेस ने घोषणा-पत्र
में बोली है ये बात
बता दें कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए विपक्षी कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा कि वह जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
कांग्रेस ने बजरंग दल की पीएफआअई से की तुलना
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा हम मानते हैं कि कानून और संविधान पवित्र है और बजरंग दल, पीएफआई जैसे व्यक्तियों और संगठनों द्वारा इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है या बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक समुदायों के बीच शत्रुता या घृणा को बढ़ावा देने वाले अन्य ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने समेत कानून के अनुसार निर्णायक कार्रवाई करेंगे।
हनुमान चालीसा
बता दें हनुमान चालीसा 16वीं सदी के कवि और भगवान राम के भक्त गोस्वामी तुलसीदास द्वारा अवधी में लिखे गए 40 दोहों का एक समूह है, जो मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश में बोली जाने वाली हिंदी की बोलियों में से एक है।


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