नई दिल्ली ,02 मई 2023 (ए)। केंद्र और गुजरात सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वे गुजरात दंगों के दौरान बिल्किस बानो गैंगरेप और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में दोषियों की सजा की छूट के संबंध में दस्तावेजों पर विशेषाधिकार का दावा नहीं करेंगे, और शीर्ष अदालत के अवलोकन के लिए दस्तावेजों को साझा करने पर सहमत हुए। केंद्र और गुजरात सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि वह बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों को छूट देने के संबंध में फाइलों पर विशेषाधिकार का दावा नहीं करते हैं।
मेहता ने प्रस्तुत किया कि केंद्र और राज्य सरकार भी शीर्ष अदालत के पहले के आदेश की समीक्षा की मांग नहीं करेंगे, जिसमें उन्हें दोषियों की छूट के संबंध में रिकॉर्ड दस्तावेज लाने का निर्देश दिया गया था। शीर्ष अदालत ने मेहता का यह बयान दर्ज किया कि केंद्र और गुजरात सरकार रिकॉर्ड पेश करने के निर्देश के साथ आदेश की समीक्षा की मांग नहीं कर रही है।
दस्तावेजों की सर्विस पूरा होने का पता लगाने के लिए शीर्ष अदालत के मई में ही मामले की सुनवाई करने की संभावना है और मामला जुलाई में सुनवाई के लिए आ सकता है।
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