अंबिकापुर@वैश्विक समस्याओं के निराकरण के लिएविज्ञान के क्षेत्र में उन्नति एक मात्र विकल्प

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संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय, सरगुजा मे हुआ अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन

  • संवाददाता –
    अंबिकापुर,29 अप्रैल 2023 (घटती-घटना)। संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय, सरगुजा द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेन्स ऑन एडवांसमेंट इन साइंस, मैनेजमेंट, टेक्नोलॉजी, सोशल साइंस एण्ड ह्यूमेनिटिज शनिवार से प्रारम्भ हुआ। इस अवसर पर उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता, कुलपति प्रो. अशोक सिंह ने की। उन्होने अपने उद्बोधन में सभी का स्वागत करते हुए कहा कि संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय, सरगुजा अकादमिक एवं शोध संबंधित गतिविधियों में तेजी लाने की ओर अग्रसर है। आदिवासी बहुल्य सरगुजा क्षेत्र में उच्च शिक्षा का प्रचार प्रसार करने के उद्देश्य से इस कांफ्रेन्स का आयोजन किया गया है। उन्होने आगे कहा कि विश्वविद्यालय शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों को गुणवश्रापूर्ण शिक्षा प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध है एवं इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय द्वारा छश्रीसगढ़ राज्य एवं अन्य राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर के उच्च शिक्षण संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों से अनुबंध किए गए हैं। उन्होने बताया की यह सरगुजा का ऐसा पहला अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रन्स है जिसमें अमेरिकन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट एण्ड टेक्नोलॉजी, यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड ईस्टर्न शोर एवं ग्लोबल नालेज फाउंडेसन, अमेरिका प्रत्यक्ष रूप से विश्वविद्यालय के सहभागी रहे। उन्होने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा इस प्रकार के अकादमिक कार्यक्रमों का आयोजन नियमित रूप से भविष्य में भी किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय के भूतपूर्व डीन प्रो. बलदेव राज गुप्ता ने प्रबंधन एवं विज्ञान के क्षेत्र में उन्नति को, वर्तमान समय में प्रचलित वैश्विक समस्याओं के निराकरण हेतु एकमात्र विकल्प बताया। उन्होने 1755 में आए बडे भूकम्प के पश्चात पूर्तगाल, जर्मनी, स्वीडैन एवं अन्य देशो द्वारा प्रबंधन के क्षेत्र में शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना एवं रूस यूक्रेन यूद्ध के फलस्वरूप भारत-रूस के बीच आर्थिक संबंधों का जिक्र करते हुए प्रबंधन के महत्व को समझाया। कार्यक्रम में ग्लोबल नालेज फाउंडेसन अमेरिका के प्रतिनिधि के रूप में अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर से पधारे प्रो. एच.एस. होता ने बताया कि इस कांफ्रेन्स में अमेरिका, कूवैत, ओमान, स्वीडैन समेत कुल 15 विभिन्न देशों से एवं भारत के विभिन्न राज्यों से शोध पत्र प्राप्त हुए हैं। कार्यक्रम के प्रोग्राम चेयर एवं संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में कम्प्यूटर साइंस के विभागाध्यक्ष हरिशंकर प्रसाद तोण्डे ने बताया कि इस कांफ्रेन्स में 440 लेखकों के कुल 252 शोध पत्र पढ़े जाएंगे एवं 23 आमंत्रित वक्तव्य कुल 15 तकनीकि सत्रों के माध्यम से पूर्ण किए जाएंगे। हेमचन्द यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग की कुलपति प्रो. अरूणा पल्टा भी इस कार्यक्रम में ऑन लाईन माध्यम से जुडीं एवं उन्होने इस कांफ्रेन्स को सरगुजा क्षेत्र के लिए मील का पत्थर बताया एवं इस आयोजन के लिए उन्होने कुलपति प्रो. अशोक सिंह जी की प्रशंसा करते हुए उन्हे शुभकामनाएं दी। आज के कार्यक्रम में नई दिल्ली से आए डॉ. जयन्त विश्वास, बहरामपुर विश्वविद्यालय, उड़ीसा से डॉ. तमोग्नो आचार्य, भुबनेश्वर से आई हुई डॉ. तृप्ती स्वर्णकार, विश्वविद्यालय वानिकी महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आर.एन. खरे, केन्द्रीय विश्वविद्यालय, लखनउ से आए डॉ. सुभाष यादव, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर से डॉ. हरित झा, यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैण्ड से डॉ. दीनेश शर्मा, डॉ. कैथरिन एवं डॉ. केन्दिस रिडलान, बोतस्वाना से डॉ. आर. शिवासामी, फेटेविले यूनिवर्सिटी अमेरिका से डॉ. डेनियल एवं कैनेडा से डॉ. अमिताब सिंह ने विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग के सभी प्राध्यापक, अतिथि शिक्षक तथा समस्त विद्यार्थीगण उपस्थित रहे। मंच का संचालन श्री खेमकरण अहिरवार एवं आस्था पाठक ने किया तथा कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन फार्मेसी विभाग के डॉ. जुनैद खान के द्वारा किया गया।

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