मनेंद्रगढ़@दिग्गज नेता व नपा उपाध्यक्ष के क्रेशर पहुंची राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण द्वारा गठित संयुक्त टीम

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  • संयुक्त टीम में सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड व जिला प्रशासन के अधिकारी रहे शामिल
  • नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में हुई थी शिकायत,8 महीने बाद पहुंची जांच दल
  • क्या राजनीतिक संरक्षण होने की वजह से कमियों को सुधारने के लिए मिला नगर पालिका उपाध्यक्ष को काफी समय?
  • दिनभर चला पत्थर खदान व क्रेशर का निरीक्षण..बारीकी से हुई जांच…जांच दल ने क्या कमी पाई इसका नहीं हुआ खुलासा
  • शिकायत के बाद से ही नाप उपाध्यक्ष अपनी पत्थर खदान को लेकर थे चिंतित स्थानीय विधायक को लेकर लगा रहे थे कार्यालय का चक्कर
  • जांच दल ने जितना समय दिया है क्या उतने समय में नपा उपाध्यक्ष सब कुछ सही कर लिए होंगे या फिर मिलेगी कमी?
  • नपा उपाध्यक्ष पत्थर खदान में करा रहे थे अवैध लास्टिंग व बड़ी मात्र में विस्फोटक सामग्री के स्टाक करने की हुई शिकायत
  • पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों ने उत्पादन बंद करने एवं बिजली काटने के दिए निर्देश, फिर भी नेताजी बड़ी दबंगई से चला रहे हैं क्रेसर
  • साापार्टी के नेता होने के कारण जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही करने से कतरा रहे

रवि सिंह –
मनेंद्रगढ़ 26 अप्रैल 2023 (घटती-घटना)। मनेंद्रगढ़ नगरपालिका के उपाध्यक्ष की रंगदारी सत्ता में उनके पहुंचने के बाद बड़ी चरम पर है, कांग्रेस सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्य होने के नाते शासन प्रशासन को अपनी कठपुतली समझने वाले नेताजी के सामने जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, खनिज विभाग, छत्तीसगढ़ विद्युत विभाग, सभी शासकीय महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारियों ने इनके सामने घुटने टेक हुए हैं, नेताजी गिट्टी क्रेशर के संचालक हैं, जिनके कई क्रेशर और खदान हस्तिनापुर में स्थित हैं, जहां एक तरफ मनेंद्रगढ़ शहर नए जिले के उद्घाटन के जश्न में व्यस्त है वही नए कलेक्टर कार्यालय से महज 800 मीटर दूर नेताजी अपनी गिट्टी खदान में बड़े धड़ल्ले से प्रतिदिन 100 से 120 अवैध ब्लास्टिंग कर रहे हैं, जिसकी लंबी चौड़ी शिकायत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को की गई थी जिसके 8 महीने बाद राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण द्वारा न्यायिक प्रक्रिया से शिकायत का निपटारा करने के लिए एक जांच टीम गठित करके नापा उपाध्यक्ष के पत्थर खदान भेजा गया, जिस गठित टीम में सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल, बोर्ड स्टेट पोलूशन कंट्रोल बोर्ड व जिला प्रशासन के अधिकारी रहे शामिल, संयुक्त टीम के दौरा पूरे दिन भर तीनों पत्थर खदानों की नाप जोख कि जिसकी लंबाई चौड़ाई सभी को नापा गया, शिकायत के समय तो भारी कमियां व अवैध उत्खनन की बात सामने आई थी पर 8 महीने बाद क्या सारी कमियों को नपा उपाध्यक्ष सही कर लिए या फिर वाकई में जो जांच टीम आई उसे भी कमिया मेलेगी? सही तरीके से जांच रिपोर्ट बनाकर कार्यवाही करेगी यह एक बड़ा सवाल है, वैसे खबर लिखे जाने तक जांच टीम ने कार्यवाही की कोई भी बात नहीं बताई है देर रात तक कार्यवाही की बात सामने आ सकती है।
मिलीजानाकारी के अनुसार राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के जिम्मेदार अधिकारियों की मौजूदगी में अंततः नगर के कांग्रेसी नेता कृष्ण मुरारी तिवारी और उनकी सभी खदानों की जांच के लिए दर्जनों अधिकारियों की टीम खदान पहुंची है बताया जाता है की खदान में नियम विरुद्ध तरीके से उत्खनन कार्य किया गया है, उत्खनन के लिए निर्धारित गाइडलाइन को नजरअंदाज करते हुए पूर्व के अधिकारियों ने पत्थर उत्खनन की लीज आवंटित की है और लगभग गलत तरीके से संचालित हुई हैं, सुबह से ही बड़ा गहमागहमी का माहौल था अस्थानीय राजस्व के अधिकारी खदान में मौजूद थे, खदान की गहराई चौड़ाई और सीमा के बाहर कितना उत्खनन किया गया है उसका नाम जोख कई घंटे चला, पर्यावरण संरक्षण मंडल की टीम ने वातावरण को भी कंप्यूटराइज मशीन से नापा तो पाया कि पूरा इलाका प्रदूषित हो चला है, यदि ऐसा होता रहा तो लोगों को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ेगा जिसको लेकर अधिकारी काफी गंभीर दिख रहे थे उन्होंने अभी फिलहाल कृष्ण मुरारी तिवारी और उसके परिवार की सभी खदानों की जांच की है आगे आसपास के और खदानों की भी जांच की जानी है जो काफी वर्षों से बेधड़क नियम विरुद्ध तरीके से संचालित की जा रही हैं खबर लिखे जाने तक अभी तक जांच चल ही रही थी जिसकी संपूर्ण जानकारी अगले दिवस दी जाएगी।
छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने तत्काल खदान व क्रेशर का उत्पादन बंद करने एवं बिजली काटने का दिया था आदेश जिसका नहीं हुआ पालन
क्षेत्रीय कार्यालय छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल अंबिकापुर अपने पत्र क्रमांक 1513/छ.प्र.स.म 2021/ 13.12.2021 को कोरिया कलेक्टर, खनिज अधिकारी कार्यपालन अभियंता छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी को पत्र लिखकर तत्काल प्रभाव से इनके खदान और क्रेशर का उत्पादन बंद करने व सील करने एवं बिजली काटने के निर्देश दिए गए थे, अपने पत्र में क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी ने क्रेशर संचालक कृष्ण मुरारी तिवारी को लिखा है कि आप छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के द्वारा जल प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम 1974 की धारा 33 का एवं वायु प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम 1981 की धारा 130 का के तहत निहित शक्ति के अधीन आप को निर्देशित किया जाता है कि खदान को तत्काल प्रभाव से उत्पादन भंडारण बंद करें, खदान को जारी विद्युत सप्लाई एवं अन्य सुविधाएं संबंधित विभाग द्वारा तत्काल प्रभाव से बंद की जावेगी, उन्होने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि आपके द्वारा निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो बिना अग्रिम सूचना के खदान बंद करवाने की कार्रवाई के साथ जल प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम 1974 की धारा 41 एवं वायु प्रदूषण निवारण नियंत्रण अधिनियम 1981 की धारा 37 एवं अन्य के तहत की गई कार्रवाई के लिए आप स्वयं उत्तरदाई होंगे। इस पत्र को दिए गए लगभग विभाग को 1 वर्ष होने वाले हैं लेकिन अभी तक सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी का जलवे दार नेता होने के कारण जिला प्रशासन के सभी अधिकारी इन पर कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं, यह श्रीमान दिन रात अपने सभी प्रश्नों को संचालित कर रहे हैं और ग्राम पंचायतों में सत्ताका धौंस बताकर बड़े महंगे दर पर गिट्टी का सप्लाई कर रहे हैं। जिले के खनिज अधिकारी ने भी अपने प्रतिवेदन में ब्लास्टिंग का लाइसेंस नहीं होने और ब्लास्टिंग किए जाने की बात लिखी है, खदानों से पत्थर उत्खनन के बाद पत्थर को क्रेसर तक परिवहन के लिए अभिमान पास की आवश्यकता होती है जिसमें खनिज इस्पेक्टर और खनिज अधिकारी अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हैं उसके उपरांत ही अभिवहन पास जारी किया जाता है।
शिकायत के बाद भी जिम्मेदार विभाग ने अवैध ब्लास्टिंग बंद नहीं कराया
विदित हो कि मनेंद्रगढ़ निवासी ठेकेदार गौरव गुप्ता ने इस संदर्भ में पुलिस के आला अधिकारियों को अपना शिकायती पत्र प्रेषित करते हुए लिखा है कि नगरपालिका उपाध्यक्ष के द्वारा अपने गिट्टी खदान से जो महज नेशनल हाईवे से कुछ मीटर दूर है, लगातार पिछले कई वर्षों से अवैध ब्लास्टिंग की जा रही है जिसकी शिकायत उन्होंने लिखित तौर पर जिम्मेदार विभागों को की है लेकिन अभी तक अवैध ब्लास्टिंग बंद नहीं कराई गई है और बड़े धड़ल्ले से विस्फोटक का इस्तेमाल किया जा रहा है,खदान के समीप काफी मात्रा में ग्रामीणों का निवास है, एनजीटी के नियमों के मुताबिक नेशनल हाईवे से खदान लगभग 500 मीटर दूर होना चाहिए लेकिन महज 40 मीटर दूरी पर खदान संचालित है कई बार हैवी ब्लास्टिंग के कारण ग्राम वासियों ने आंदोलन भी किया था, लेकिन दबंग नेता जी के दबंगई के कारण ग्रामवासी इनके खिलाफ आवाज उठाने से डर रहे हैं, यदि उठाते भी हैं तो उन्हें डरा धमकाकर शांत करा दिया जाता है बेचारे मजबूरन मौत के साए में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं, इनकी मनसा भी सीएम साहब से मिलकर इन के विरुद्ध शिकायत करने की है पिछले बार गए थे लेकिन उन्हें सीएम साहब से नहीं मिलने दिया गया मिली जानकारी के अनुसार नेशनल हाईवे में कई वाहन चालक चोटिल भी हो चुके हैं लेकिन थाने वगैरह में तगड़ी दखल होने के कारण उनके खिलाफ अभी तक कोई अपराधिक मामला पंजीबद्ध नहीं किया जा सका है कृष्ण मुरारी जिले में कई खदान और कई क्रेशर संचालित करते हैं, क्या सत्तापक्ष में होने के बाद उन्हें नियम विरुद्ध कार्य करने के कांग्रेस पार्टी ने अधिकार दे दिए हैं या फिर बार-बार आवेदन होने के बाद भी उन पर कार्यवाही नहीं किए जाने के निर्देश शासन ने जिला अधिकारियों को दिए हैं गौरव गुप्ता ने हमारे प्रतिनिधि को जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें एक दिन मनेंद्रगढ़ थाने में बयान के लिए बुलाया गया था उन्होंने विधिवत अपने पत्र के मुताबिक आवश्यक दस्तावेज पुलिस प्रशासन को उपलब्धकरा दिए हैं किंतु अभी तक उन पर कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती है।
क्या ब्लास्टिंग कि आवाज प्रशासन के कानों तक नहीं पहंुचती थी?
बड़ा सवाल यहां उत्पन्न होता है कि इतनी बड़ी मात्रा में ब्लास्टिंग में उपयोग होने वाले अमोनियम नाइट्रेट, ईडी कैप्सूल बत्ती सहित अन्य अतिसंवेदनशील सामग्री इन्हे कहां से प्राप्त होती हैं, इनके पास कोई मैगजीन नहीं है यह मनेंद्रगढ़ शहर में रहते हैं, यदि यदि विस्फोटक सामाग्री शहर में रखते हैं तो शहर भी सुरक्षित नहीं है अंबिकापुर संभाग में हमेशा नक्सलियों की गतिविधियां सुनने को मिलती रही है, कोरिया जिले में भी नक्सलियों की सुगबुगाहट हमेशा देखी गई है ऐसी स्थिति में पर्याप्त मात्रा में नेताजी के पास विस्फोटक का होना अथवा लगातार ब्लास्टिंग कि आवाज सुनने के बाद प्रशासन के द्वारा कार्यवाही नहीं किया जाना पुलिस प्रशासन कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है।
अभिषेक सिंह एसडीएम मनेंद्रगढ़
इस संबंध में उन्होंने कहा की नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को एक शिकायत किया गया था जिसके अंतर्गत वहां के कोर्ट के बेंच ने एक टीम गठित की है जो क्रेशर के लिए पत्थर खदानें आवंटित की गई उसकी जांच हो सके, इस टीम में सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, स्टेट पोलूशन कंट्रोल बोर्ड व जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल है जिसके द्वारा इन खदानों की जांच हो रही जांच के बाद टेक्निकल टीम इसकी जांच रिपोर्ट देगी जिसके बाद ही आपको पता चला।


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