बैकुण्ठपुर@क्या एक ही अनुविभाग में पदस्थापना के लिए ही कोरिया में पदस्थ हैं एसडीएम पति समीर शर्मा?

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  • अंततः हटाये गये पटना व बैकुंठपुर तहसीलदारज्राजस्व मामले के निपटारे में रूचि नही ले रहे थे तहसीलदार
  • पटना से हटाये गये लेकिन बचरापोड़ी पदस्थापना से फिर उठ रहा सवाल…अन्य तहसीलदारों की भी हुई नई पदस्थापना
  • घटती-घटना ने लगातार किया खबरों का प्रकाशन

रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 20 अप्रैल 2023 (घटती-घटना)। घटती-घटना अखबार में राजस्व संबंधी मामलों को लेकर लगातार खबर प्रकाशन के बाद अंततः कई तहसीलदारों को ईधर से उधर तबादला किया गया है, कलेक्टर द्वारा किए गए इस फेरबदल में जिले में पदस्थ सभी तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदार प्रभावित हुए हैं,अधीक्षक भू अभिलेख को भी बदल दिया गया है। सबसे बुरी स्थिति बैकुंठपुर व पटना तहसील की थी जहां पदस्थ तहसीलदार राजस्व मामले के निपटारे में भी रूचि नही ले रहे थे,जिससे कोरिया की स्थिति प्रदेश में निचले क्रम में आ चुकी थी। बतलाया जाता है कि तहसीलदारों की कार्यप्रणाली से कलेक्टर कोरिया विनय कुमार लंगेह खुद नाराज थे,उन्होने पिछले दिनों तहसीलदारों पर कार्यवाही भी की थी। तबादले में बैकुंठपुर एसडीएम अंकिता सोम के पति पटना तहसीलदार समीर शर्मा को भी हटाकर बचरापोड़ी भेजा गया है लेकिन उन्हे पत्नी के ही अनुविभाग में फिर से पदस्थ कर दिये जाने से एक बार फिर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है।
मनोज पैकरा को बैकुंठपुर तहसीलदार की जिम्मेदारी
कोरिया कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने पत्र जारी कर छत्तीसगढ शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के परिपत्र के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रशासनिक दृष्टिकोण से जो कार्य विभाजन आदेश जारी किया है उसके अनुसार डिप्टी कलेक्टर चांदनी कंवर को प्रभारी तहसीलदार पटना,तहसीलदार मनहरण सिंह राठिया को भू अभिलेख कोरिया, नायब तहसीलदार समीर शर्मा को प्रभारी तहसीलदार बचरा पोड़ी नायब तहसीलदार मनोज कुमार पैकरा को प्रभारी तहसीलदार बैकुंठपुर,नायब तहसीलदार भीष्म पटेल को नायब तहसीलदार बैकुंठपुर व सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख नीलिमा लकड़ा को प्रभारी तहसीलदार सोनहत का दायित्व सौंपा है। यहां यह उल्लेखनीय है कि तमाम शिकायतों के बाद भी बैकुंठपुर एसडीएम पति समीर शर्मा को पटना से हटाकर बचरापोड़ी का तहसीलदार बनाया गया है जबकि श्री राठिया को भू अभिलेख कार्यालय भेजा गया है। एसडीएम पति के ऊपर कलेक्टर की कृपा क्यों बरसी है यह तो वहीं बतला सकते हैं लेकिन इस आदेश में एसडीएम का प्रभाव स्पष्ट दिखलाई दे रहा है। ज्ञात हो कि बचरापोड़ी तहसील भी बैकुंठपुर अनुविभाग का हिस्सा है, हाल ही में एसडीएम अंकिता सोम ने पहली बार यहां एसडीएम कार्यालय का लिंक कोर्ट लगाया था। सवाल पहले की तरह उठ रहा है कि यदि किसी पक्षकार के जमीन के किसी मामले में यदि तहसीलदार पति द्वारा कोई आदेश पारित किया जाता है और उस आदेश से संतुष्ट न होने की स्थिति में वह पक्षकार जब अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में अपील प्रस्तुत करेगा तब कि स्थिति में तहसीलदार पति के आदेश को आखिर एसडीएम पत्नी कैसे बदलेंगी। यदि वह आदेश को नहीं बदलेंगी तब स्पष्ट है कि पक्षकार का हित प्रभावित होगा या वह जबरन परेशान होता रहेगा। ऐसी स्थिति में प्रशासनिक प्रमुख को चाहिए कि कम से कम एक अनुविभाग में ही पति-पत्नी अधिकारी की पदस्थापना से बचें जिससे कि लोगो को न्याय मिल सके।
कब बदलेंगी एसडीएम, पूछती है जनता
लंबे समय के बाद आखिरकार कलेक्टर ने तहसीलदारों को बदल दिया है कुछ को लूप लाईन में डाला गया है तो कुछ को शिकायतों के बाद भी मलाईदार जगह बैठा दिया गया है। तहसीलदारों की पदस्थापना के बाद सवाल उठ रहा है कि आखिरकार जिस एसडीएम कार्यालय और वहां पदस्थ अधिकारी से आम जन बुरी तरह परेशान है उस एसडीएम को आखिर कब हटाया जाएगा। जिला मुख्यालय में एसडीएम कार्यालय का हाल और खुद एसडीएम अंकिता सोम के कार्यक्षमता और व्यवहार की स्थिति किसी से छिपी नही है, आम जन, पक्षकार, अधिवक्ता या कि अन्य कर्मचारियों से उनका रूखा व्यवहार और परेशान करने की बात आम हो चुकी है,लेकिन यह बात प्रशासनिक प्रमुख तक कैसे नही पहुंची यह सोचनीय विषय है। या यह कहा जा सकता है कि सब कुछ जानते हुए भी जिले के मुखिया चुप बैठे हुए हैं। परेशान लोगो ने बैकुंठपुर एसडीएम को भी बदलने की मांग कलेक्टर कोरिया से की है जिससे कि लोगो को समय पर न्याय मिल सके।
अनुभवी राजस्व अधिकारियों की कमी से काम प्रभावित
कोरिया जिला अब विभाजन के बाद अधिकारियों की कमी से भी जुझ रहा है। सत्ता पक्ष और स्थानीय विधायक के मौन के बाद स्थिति और दयनीय हो चुकी है। आज जिले में यदि अनुभवी अधिकारियों की खोज की जाए तो उनकी संख्या काफी कम है। सबसे ज्यादा बुरी स्थिति राजस्व विभाग की ही है,इसी लोकसभा क्षेत्र में प्रदेश के राजस्व मंत्री का निवास है और वह कोरिया की राजनीति से भी भलिभांति परिचित हैं इसके बावजूद यहां अधिकारियों की कमी सत्ता पक्ष पर सवालिया निशान है। जानकारों का कहना है कि अब कोरिया जिले में कोई भी अनुभवी अधिकारी आना पसंद नही करते,नव चयनित या सजा के रूप मे भेजे गए अधिकारी ही कोरिया आकर अपना टाईम पास करते हैं जिससे कि विभागों की हालत खराब है। आम जन परेशान है,अधिकारी समय पर उनका काम नही कर रहे हैं जिम्मेदार जनप्रतिनिधि सिर्फ कार्यक्रम में फोटो खिंचाने तक ही सीमित रह गए हैं।
दलालो के आगे अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक नतमस्तक
जिले में राजस्व विभाग का हाल बेहाल है,आम जन इस विभाग से इतना परेशान है कि हाय तौबा मचा हुआ है,बिना पैसे के लेनदेन के शायद ही किसी भू स्वामी का काम होता है,विभाग के हाल हो लेकर इस बार विधानसभा सत्र में भी मामला उठ चुका है,विपक्ष ने आरोप लगाया है कि राजस्व विभाग को इन दिनों दलाल चला रहे हैं। जिला मुख्यालय में भी एसडीएम व तहसीलदार कार्यालय से लेकर अन्य राजस्व कार्यालयों में इन दिनों दलालो का आना जाना लगा रहता है। सूत्र बतलाते हैं कि दलाल पटवारी और अन्य राजस्व अधिकारियो के सहयोग से ही अपना हर काम कर रहे हैं,कई पटवारियो और अधिकारियों के घर का पूरा खर्च सिर्फ दलाल ही उठा रहे हैं कुछ दलाल तो राजस्व अधिकारियों से कुछ भी काम कराने का दावा करते फिरते हैं। दलाली के दम पर कमाये गए अवैध पैसे के बल पर वे अपनी पकड़ मजबूत कर काम कर रहे हैं,भू स्वामी को अपने चंगुल में लेकर दलाल उन्हे परेशान भी करते हैं लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के कारण उन पर कभी कार्यवाही नही होती। बतलाया जाता है कि बैकुंठपुर क्षेत्र में कुछ पटवारी ऐसे हैं जो कि अपने परिवार के सदस्यों को ही दलाली काम में लगा कर रखे हैं,अपने हल्के के क्षेत्र में जमीन की दलाली का काम अब पटवारियों के रिश्तेदार ही कर रहे हैं,दलालों को राजनैतिक दल के नेताओं का समर्थन भी हासिल है इससे इंकार नही किया जा सकता ।


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