करीबी गुर्गा अबू सावंत सिंगापुर से डिपोर्ट
मुंबई ,19 अप्रैल 2023 (ए)। भारतीय एजेंसियों को विदेश में एक और बड़ी कामयाबी मिली है। अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के सबसे करीबी लोगों में से एक और उनका फाइनेंस हैंडलर संतोष महादेव सावंत उर्फ अबु सावंत को केंद्रीय एजेंसियों और मुंबई क्राइम ब्रांच द्वारा संयुक्त रूप से की गई कार्यवाईं के बाद मुंबई डिपोर्ट करके लाया गया है। दिल्ली में अबू सावंत को सीबीआई ने अपनी कस्टडी में लिया है। पिछले दो दशकों से छोटा राजन का यह गुर्गा फरार चल रहा था। इसके खिलाफ मकोका सहित कई अन्य मामले दर्ज हैं।
संतोष उर्फ अबू सावंत के प्रत्यर्पण को लेकर साल 2000 में सिंगापुर के साथ कागजी कार्रवाई शुरू हुई थी। उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी था। भारतीय एजेंसियों की दो दशक से ज्यादा समय की मेहनत के बाद उसे डिपोर्ट किया जा सका। सिंगापुर में रहते हुए अबू सावंत होटल व्यवसाय की आड़ में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के लिए काम कर रहा था। उसके ऊपर मुंबई क्राइम ब्रांच के साथ-साथ सीबीआई ने भी कई केस दर्ज किए हैं। गैंगस्टर डीके राव के बाद छोटा राजन गैंग में संतोष सावंत नंबर 2 था।
जब साल 2000 में छोटा राजन हमला हुआ तो उसके बाद रवि पुजारी, हेमंत पुजारी, बंटी पांडे, संतोष और विजय शेट्टी, एजाज लकड़ावाला जैसे उसके नजदीकियों ने भी उसका साथ छोड़ दिया था। लेकिन अंडरवर्ल्ड में पैठ जमाने में लगा संतोष सावंत, डीके राव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर छोटा राजन के साथ खड़ा रहा और जल्द ही उसका करीबी भी बन गया। डीके राव के पास गैंग संभालने का काम था, तो छोटा राजन ने अबू सावंत को अपनी और गैंग की काली कमाई का हिसाब-किताब रखने की जिम्मेदारी सौंप दी।
संतोष सावंत के पिता पेशे से रियल एस्टेट कारोबारी थे। ऐसे में उसे प्रॉपर्टी डीलिंग और फाइनेंस की अच्छी खासी समझ थी। उसने छोटा राजन की कंपनी की प्रॉपर्टी डीलिंग और फाइनेंस हैंडलिंग का काम पूरी तरह टेकओवर कर लिया था। उसके ऊपर मुख्य रूप से धमकाने और रंगदारी वसूली जैसे आरोप हैं। मुंबई सहित पूरे देश मे टारगेट सेट करना, उनसे संपर्क कर धमकाना और प्रोटेक्शन मनी के नाम पर रंगदारी वसूलना, ये सब काम सावंत के ही जिम्मे था।
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