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रायपुर,@आरक्षण बिल में हस्ताक्षर में देरी पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तीखा प्रहार

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राज्यपाल की भूमिकाओं की होनी चाहिए समीक्षा
रायपुर,14 अप्रैल 2023 (ए)।
आरक्षण बिल में हस्ताक्षर में देरी पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर तीखा तंज कसा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यपाल की भूमिका पर सवाल खड़े किये है। संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर जयंती पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया के सवाल के जवाब में कहा कि राजभवन की भूमिका की समीक्षा होनी चाहिए? राज्यपाल विधेयक को कितने दिन रोक सकते है? जनता से जुड़े मुद्दों को क्यों रोका जा रहा है ? युवाओं को नौकरी,भर्तियों में परेशानी हो रही है। इधर राज्यपाल की भूमिका की समीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है भविष्य में ऐसी कोई चर्चा होगी कोई निर्णय होगा तो अलग बात है।
वहीं बीजेपी के मतदाता सूची के सर्वे को लेकर आ रही बातों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी पहले हिंसा कराई और अब सर्वे कराएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी वोट के खातिर सर्वे करा रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी द्वेष भले फैलाए, लेकिन हम प्रेम बाटेंगे। बीजेपी हमारे पीएम आवास सर्वे का समर्थन दे।
आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं,
सीएम भूपेश बघेल बोले – जनता और युवा त्रस्त

आरक्षण विधेयक का मामला गर्माता जा रहा है। आरक्षण विधेयक मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा बयान सामने आया है। आरक्षण मामले में सीएम बघेल ने राजभवन की भूमिका पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि आरक्षण विधेयक पर अब तक राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं हुए हैं।
दरअसल, सीएम बघेल ने आरक्षण विधेयक मामले में राज्यपाल और राजभवन पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि राजभवन की भूमिका की समीक्षा होनी चाहिए। इसके आगे उन्होंने कहा कि राज्यपाल कितने दिनों तक विधेयक रोक सकते हैं? जनता से जुड़े मुद्दों को क्यों रोका जा रहा है ? इससे युवाओं को नौकरी, भर्तियों में परेशानी हो रही है।
आदिवासियों का हित संरक्षित करना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज यहां उनके निवास परिसर में गरियाबंद, महासमुंद और धमतरी जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति भुंजिया और कमार समाज के प्रतिनिधि मण्डल ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों के हितों का संरक्षण राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है। राज्य सरकार ने पिछले 4 सालों में अनुसूचित जनजाति के हितों में अनेक फैसले लिए हैं।
मुलाकात के दौरान छत्तीसगढ़ शासन के आदिम जाति कल्याण मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, संसदीय सचिव विनोद सेवन लाल चंद्राकर, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, समाज के प्रतिनिधि नवतू राम, गुंजलाल कमार उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने सीधी भर्ती के संबंध में युवाओं की जिज्ञासाओं का समाधान किया।


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