एमसीबी,मनेन्द्रगढ़ @क्या सरकारो के नुमाइन्दे की मेहरबानी से अबैध कारोबार के कारोबारी मस्त?

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शासन व प्रशासन लाख दावे करे पर जमीनी हकीकत तो यह है की अवैध कारोबार में संलिप्त कारोबारियों को यही शासन व प्रशासन रास आ रहा

रवि सिंह –
एमसीबी,मनेन्द्रगढ़ 12 अप्रैल 2023 (घटती-घटना)। नवीन एमसीबी जिला के सिटी कोतवाली मनेन्द्रगढ़, चिरीमिरी व झगराखाण्ड थाना अंतर्गत खोगापानी मे अवैध कारोबार व माफि़या कारोबारियो पर पुलिस का शिकंजा के कुछ कमजोर होने से अवैध कारोबारियो के होसले बुलन्दियो पर भी है कारण पुलिस के द्वारा सटोरियों व सीमा प्रान्त से आने वाली अवैध शराब व अवैध कबाड़ सहित बाबनपरी के शोकिन पर कार्यवाही नही की जा रही जिस कारण इन दिनों सट्टे के साथ अवैध कारोबार का संचालन जोरो पर है। सूत्रों की माने तो स्थानीय लोगों की मदद से सट्टे का कारोबार चल रहा है। मनेन्द्रगढ़ व नगर पंचायत खोगापानी में लंबे समय से यह कारोबार का संचालन हो रहा है लेकिन यहां तक वर्दी धारियों की पहुंच नहीं हो पा रही है और यही कारण है कि स्थानीय लोगों की मदद से सट्टा का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है।
युवाओं की जिंदगी हो रही तबाह
सट्टा जैसे संगीन अपराध को स्थानीय लोगों द्वारा भरे समाज में खिलवाया जा रहे है। इससे युवा वर्ग के लोगों पर ज्यादा असर दिखाई पड़ रहा है। जहां युवा वर्ग के लोग सट्टा जैसे संगीन अपराध में संलिप्त हो रहे हैं, लेकिन इस अपराध को रोकने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है। मनेन्द्रगढ़ , झगड़ाखांड व खोंगापानी के हर गली मोहल्ले और बाजार में खुलेआम सट्टे का कारोबार चल निकला है। कभी कभार पुलिस दो-चार छोटे एजेंटों को पकड; कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेती है। जबकि हकीकत यह है कि सटोरियों के कारनामों को जानने के बाद भी पुलिस अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं, यही वजह है कि यह कारोबार फल फूल रहा है। मनेंद्रगढ़,झगड़ाखांड व खोगापानी को सट्टे ने अपनी चपेट में ले लिया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग अब खुलेआम सट्टा खेल रहे हैं और उनमें पुलिस का भी कोई डर नहीं नजर आता। वहीं पुलिस भी इस पूरे मामले पर अपनी आंखें मूंदे हुए हैं। जिस कारण तंग गलियों में काफी लोग सट्टे के धंधे में लगे हुए हैं। वहीं हालात देखकर लगता है कि इस पूरे मामले में कहीं ना कहीं पुलिस की भी मिलीभगत है। क्योंकि जिस तरह लोग खुलेआम सट्टा लगा रहे हैं, माना जा रहा है कि मनेन्द्रगढ़,झगड़ाखांड व खोगापानी में रोजना लाखों रुपए का सट्टा खेला जा रहा है। धड;ल्ले से चल रहे इस कारोबार को इलाके के सफेद पोश और थाने का खुला संरक्षण प्राप्त है, सूत्रों की माने तो कोयलांचल नगरी (खोगापानी)में ही प्रतिदिन लाखों का कारोबार होता है।
गिरोह के हौसले बुलंद
जानकार सुत्रो की मानें तो सट्टा व्यापार के लालच में फंसकर कई लोग अपनी किस्मत आजमाते है। बाद में इसमें फंसकर अपना सब कुछ भी गवां बैठते है। पुलिस इस अवैध कारोबार में लिप्त लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं करती है, कार्यवाही न होने की वजह से इस गोरखधंधे पर पूरी तरह अंकुश नही लग पा रहा है और अवैध कारोबार में लिप्त गिरोह के लोगो के हौंसले बुलंद हैं। जिस कारण यह कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक लोग फोन पर अपना नंबर बताते लिखवाते हैं और नंबर आने पर इन्हीं सट्टा खाईवाल एजेंटों के माध्यम से पैसे का लेन-देन किया जाता है।
सट्टा माफिया व अवैध कारोबारियो हो रहे मालामाल
जानकारी हो सट्टा का यह खेल जीरो से लेकर नौ नंबर तक चलता है और नेट पर एक ही नंबर आता है, जिससे नौ नंबरों का रुपये उन्हें सीधा-सीधा बच जाता है, जिससे खिलाड़ी का वह नंबर फंसता है वह इसमें खुश हो जाता है कि उसे दस के 80 मिल गये, लेकिन अन्य बाकी खिलाडियों के रुपये जिनके नंबर नहीं फंसते उनका सीधा रुपये सट्टा माफियाओं की जेब में जाता है। अब यह कारोबार कोढ की तरह फैल चुका है। ऐसा नहीं है कि शासन व प्रशासन के लोग अवैध कारोबार करने वालो से अनभिग्य है! हास्याप्रद इस बात शासन व प्रशासन जो तीन लोक की जानकारी पलभर मे पता लगा सकने वाला विभाग भला इस अवैध कारोबार पर अंकुश नहीं लगा सकती। कुछ पुलिस अधिकारी ऐसे भी आएं जिन्होंने सट्टे के कारोबार को पूरी तरह बंद करा दिया था। लेकिन शासन व प्रशासन के सुस्त रवैया अवैध कारोबारियो का कारोबार फिर से फलने फूलने लगा है। सट्टा का यह कारोबार शासन व प्रशासन की नाक के नीचे ही फल-फूल रहा है। अब देखना यह है कि इस कारोबार पर फिर पूर्णतः अंकुश लग पाता है या नहीं। या फिर छोटे एजेंटों को पकडकर बड़े खाईवालों को बचाने का प्रयास किया जाता है। इन दिनों सोसल मीडिया में सट्टे को लेकर तरह तरह की बात की जा रही है।


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