कोलकाता@कलकत्ता हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

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बेटे को मां-बाप से अलग करना क्रूरता,
पति तलाक के लिए दे सकता है अर्जी
कोलकाता ,10 अप्रैल 2023 (ए)।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने हाल ही में अपने एक फैसले में कहा कि किसी भी पति के पास, मानसिक क्रूरता के आधार पर पत्नी से तलाक लेने का अधिकार है। अदालत एक महिला की अपील पर सुनवाई कर रही थी। महिला ने परिवार अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत उसे अपने पति को तलाक देना था।
हाई कोर्ट ने महिला की अपील को यह कहकर खारिज कर दिया कि अपने पति को उसके माता-पिता और परिवार से अलग करने का प्रयास क्रूरता के बराबर था। अभियोग के मुताबिक, महिला, अपने पति पर दबाव बना रही थी कि वह अपने मां-बाप को छोड़ दे और वह दोनों पति-पत्नी कहीं अलग रहने लगे।
मां-बाप का ध्यान रखना, बेटे की जिम्मेदारीः हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने अपने फैसले को विस्तृत तौर पर बताते हुए कहा कि अगर पत्नी मानसिक रूप से अत्याचार करती है, प्रताडç¸त करती है। साथ ही बिना कोई ठोस वजह बताए पति को पैरेंट्स से अलग रहने के लिए मजबूर करती है तो ऐसे में पति को पत्नी से तलाक लेने का हक है।
असल में परिवार अदालत ने पति की तलाक की याचिका मंजूर कर ली थी, लेकिन महिला ने फैमिली कोर्ट के इस आदेश को कलकत्ता हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। मामले में फैसला सुनाते हुए खंडपीठ ने कहा कि एक बेटे की जिम्मेदारी है कि वो अपने मां-बाप का ध्यान रखे।
अदालत ने यह भी कहा कि भारत में शादी के बाद भी एक बेटे का अपने मां- बाप के साथ रहना एक सामान्य बात है, और उनसे अलग होकर रहना आम बात नहीं है।


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