मनेंद्रगढ़@मौजूदा सरकार में ऐसे भी दृश्य दिख रहे जो शर्मसार करने वाले हैं,पद की गरिमा भी तार-तार हो रही है

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  • संविधानिक पद की गरिमा एमसीबी जिले में शर्मसार हो गई चौरो तरफा आलोचनों में घिरे कलेक्टर
  • क्या नवीन जिले एमसीबी में जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक अधिकारी अपरिपक्व हैं?
  • छाीसगढ़ में कलेक्टर की गरिमा हुई शर्मसार, विधायक और मेयर के पैरों में बैठ गए कलेक्टर

रवि सिंह –
मनेंद्रगढ़ 09 अप्रैल 2023 (घटती-घटना)। कलेक्टर सिर्फ पद नहीं होता… न ही कोई व्यक्ति वह एक संस्थान होता है पूरे जिले के लोगों की उम्मीद का प्रतीक होता है। कलेक्टर जिले में मुख्यमंत्री के नुमाइंदा होते हैं, इसलिए भी यह गरिमा का पद माना जाता है। मगर छत्तीसगढ़ के कुछ कलेक्टर जनप्रतिनिधियों की चापलूसी में कलेक्टर पद की प्रतिष्ठा को ताक पर रख दे रहे हैं। ताजा मामला मनेंद्रगढ़ के चिरमिरी में आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता का है जिला प्रशासन इलेवन और जनप्रतिनिधि इलेवन के बीच मैच के बाद पुरस्कार वितरण के बाद फोटो सेशन के दौरान कलेक्टर के अधीनस्थ कर्मचारी विधायक विनय जायसवाल और उनकी महापौर पत्नी कंचन जायसवाल के साथ खड़े है और कलेक्टर पीएस ध्रुव उनके पैरों के पास जमीन पर बैठ गए फोटो में आप देख सकते हैं।
इससे पहले फरवरी में अमृतधारा महोत्सव में भरे मंच से कलेक्टर पीएस ध्रुव ने विधायक गुलाब कमरो के स्वागत भाषण ऐसा दिया कि मंच पर बैठे नेता उन्हें देखते रह गए थे दरअसल, अधिकारियों का एक प्रोटोकॉल होता है बंद कमरे में अधिकारी भले ही जो भी कर लें, मगर सार्वजनिक समारोहों में मंत्री, विधायक के सम्मान में इस तरह तारीफों के पुल नहीं बांधते। कलेक्टर ने विधायकों को गरीबों का हितैषी, जन-जन का मसीहा बता रहे थे, उस दौरान मंच पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत और उनकी सांसद पत्नी बैठी हुईं थी। गुलाब कमरो से उनकी निकटता जाहिर है, सो उनके प्रतिद्वंदी विनय जायसवाल को साधने के लिए उनके पैरों में बैठने से कलेक्टर ने कोई परहेज नहीं किया।
मैं वहां खिलाड़ी था उत्साहवर्धन के लिए बैठा
अब इस फोटो को लेकर हो रहे विवाद पर कलेक्टर पीएस ध्रुव की प्रतिक्रिया सामने आई है। नवीन जिले के कलेक्टर पीएस ध्रुव ने कहा कि चिरमिरी में कलेक्टर इलेवन और विधायक इलेवन के बीच सद्भावना मैच था। वे कलेक्टर इलेवन टीम के कैप्टन थे। उनकी टीम ने बिना विकेट खोए 82 रन बनाकर जीत हासिल की और मैन ऑफ द मैच उन्हें मिला। मैच के बाद हुए फोटो सेशन में वे मैन ऑफ द मैच की ट्रॉफी और मेडल के साथ नजर आ रहे हैं। फोटो सेशन के दौरान कुछ खिलाड़ी खड़े हैं और कुछ बैठे हैं। बैठे हुए खिलाडि़यों का उत्साहवर्धन करने के लिए वे भी घुटनों के बल वहां बैठे। उन्होंने कहा कि उस मैच में वे एक खिलाड़ी थे और उसी भावना के साथ पूरे मैच में हिस्सा लिया। फोटो का गलत अर्थ निकालना सही नही। कलेक्टर ने कहा कि शनिवार को कलेक्टर इलेवन और विधायक इलेवन की टीम के बीच 6-6 ओवर का मैच हुआ। जिसमें उनकी टीम ने 82 और प्रतिद्वंद्वी टीम जिसका नेतृत्व विधायक विनय जायसवाल कर रहे थे, उन्होंने 8 विकेट खोकर 28 रन बनाए। कलेक्टर ने ये भी कहा कि मैच के बाद हुए फोटो सेशन की तस्वीरों पर विवाद नहीं होना चाहिए, क्योंकि वे वहां कलेक्टर होने के साथ-साथ एक खिलाड़ी भी थे और सिर्फ अन्य खिलाडि़यों के उत्साहवर्धन के लिए घुटनों के बल बैठे। इसके पीछे विधायक के नीचे बैठना या फिर इस तरह की कोई अन्य बात उनके मन में नहीं आई।
कलेक्टर का विधायक के पैरों में बैठना उचित नहीं
भले ही खेल में जीत ही क्यों नहीं दर्ज की हो प्रशासन इलेवन ने। कलेक्टर का विधायक महापौर के पैरों के नीचे बैठना कतई उचित नहीं है। कलेक्टर पद की गरिमा के विरुद्ध है यह मामला,खेल भी कोई राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय नहीं खेला जा रहा सद्भावना मैच में कलेक्टर का यह रूप आलोचना का कारण बन गया है। कलेक्टर को अपनी पद की गरिमा का सम्मान करना था और पुरुस्कार लेकर साथ खड़े होकर फोटोग्राफी करानी थी न की पैरों के नीचे बैठकर।
प्रोटोकॉल में अनुसार भी कलेक्टर का यह कृत्य सही नहीं
कलेक्टर का यह कृत्य प्रोटोकॉल अनुसार भी सही नहीं है। प्रोटोकॉल अनुसार राज्यमंत्री को कलेक्टर को प्रोटोकॉल देना अनिवार्य भी नहीं है। कलेक्टर एम सी बी का यह कृत्य पद की गरिमा के विरुद्ध रहा।


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