- क्या एनएसयूआई के युवा नेताओं को अपनी सरकार में नहीं मिली उपयुक्त जगह व झंडे लगाने के लिए पोल की सुविधा।
- शासकीय परिसर के तिरंगा पोल पर फहरा दिया एनएसयूआई का ध्वज?
- रवि सिंह-
मनेंद्रगढ़,09 अप्रैल 2023 (घटती-घटना)। नवीन जिले के बनने के बाद से नवीन जिले में जहां अपार संभावनाएं अच्छा करने की हो सकती थी पर ऐसा होता दिख नहीं रहा है नवीन जिला बनने के बाद से ही व अस्तित्व में आने के बाद से ही आलोचनाओं की मार झेल रहा है और उसकी वजह कोई और नहीं वहां के जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी हैं, साा का नशा इस कदर छा गया है सााधारी दल के नेताओं को कि सही गलत का फर्क भूल गए हैं, मर्यादा भी कोई व्यक्तिगत जीवन में है यह भी भूल चुके हैं, कुछ करने से पहले उसका परिणाम क्या होगा इस बात की तनिक भी चिंता नहीं होती? कुछ ऐसा ही मामला एक बार फिर सामने आया है जो आलोचकों के लिए काफी है मनेंद्रगढ़ के पीडल्यूडी विश्राम गृह में एनएसयूआई कार्यकर्ताओ ने फहरा दिया एनएसयूआई का ध्वज, यह एनएसयूआई का 53 वा स्थापना दिवस का अवसर है। इतनी बड़ी राष्ट्रीय पार्टी की एक शाखा है एनएसयूआई क्या अपने ही सरकार में इनके पास अपने ध्वजा के लिए जगह नहीं थी या उसके लिए पाइप व पोल नहीं थे की ध्वजारोहण के लिए इन्हें शासकीय परिसर में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में होने वाले ध्वजारोहण के लिए लगे पाइप में इन्होंने एनएसयूआई का ध्वजारोहण कर दिया? और शपथ ले ली, शपथ भी क्या ली होगी कि हम कहीं पर भी कजा कर लेंगे?
ज्ञात हो की मनेंद्रगढ़ जिला एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडेय का गृह जिला है जहां एनएसयूआई का 53 वा स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। इसी को लेकर प्रदेश एनएसयूआई अध्यक्ष नीरज पांडे के निर्देश पर सभी जिला में एनएसयूआई का स्थापना दिवस मनाने के निर्देश दिए गए थे, जिसके तहत मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले के जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ के पीडल्यूडी रेस्ट हाउस में जो कि शासकीय भवन है वहा झंडा फहराया गया। एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष दिव्यम पांडेय की मौजूदगी में पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष राजकुमार केशरवानी और युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष हफीज मेमन ने शासकीय भवन में झंडा फहरा दिया।
शासकीय ध्वज पोल की जगह किसी अन्य पोल व स्थान पर फहराया जा सकता था ध्वज
पी डलू डी रेस्ट हाउस के तिरंगा फहराने वाले शासकीय पोल में कांग्रेस नेताओं ने ध्वज फहरा दिया। वैसे वह चाहते तो कहीं और भी ध्वज फहरा सकते थे लेकिन साा का नशा ऐसा सिर चढ़ कर बोल रहा है की कांग्रेस नेताओं ने यह भी नहीं देखा की मामले में आलोचना होगी और बात का बतंगड़ भी बनेगा उन्हे तो साा का सुरूर है और वह सही गलत पहचानना भी भूल चुके हैं।