नई दिल्ली@विपक्षी दलों की जेपीसी की मांग सही नहीं

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सुप्रीम कोर्ट की समिति ज्यादा विश्वसनीय,हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर पवार का बयान
नई दिल्ली,07 अप्रैल 2023 (ए)।
अडानी मुद्दे को लेकर संसद के बजट सत्र में खूब हंगामा हुआ। विपक्षी दल संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी की मांग पर अड़े रहे, लेकिन सरकार ने उनकी बात नहीं मानी और आखिरकार सत्र खत्म भी हो गया। अब इस पूरे मामले में प्रमुख विपक्षी दलों में से एक एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार का बयान सामने आया है।
शरद पवार ने विपक्ष की जेपीसी वाली मांग को गैरजरूरी बताया। उन्होंने कहा कि सबको पता है कि जेपीसी में सरकार का बहुमत रहेगा, ऐसे में संसदीय समिति कभी भी मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का ही विकल्प सबसे अच्छा है।
पवार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक समिति बनाई, जिसमें रिटायर जज, एक एक्सपर्ट, एक प्रशासक और एक अर्थशास्त्री थे। उन्हें एक समय सीमा दी गई, जिसमें जांच करनी थी। दूसरी ओर विपक्ष चाहता था कि जेपीसी इसकी जांच करे। अगर जेपीसी बन भी जाती तो वो सरकार की निगरानी में काम करती। ऐसे में सच्चाई कैसे सामने आती। एक बात साफ है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बना दी थी, तो इस मांग की कोई जरूरत नहीं थी।
पवार ने आगे कहा कि मुझे नहीं पता इस मांग के पीछे कांग्रेस की क्या मंशा थी? बस मुझे ये पता की सर्वोच्च अदालत की समिति काफी महत्वपूर्ण थी। उन्होंने ये भी साफ किया कि जिस तरह से राहुल गांधी बड़े बिजनेस घरानों पर निशाना साधते हैं, वो उससे सहमत नहीं हैं।
जब टाटा-बिड़ला पर बरसते थे पवार
उन्होंने कहा कि ऐसा इस देश में कई सालों से होता आ रहा है। मुझे याद है कि कई साल पहले जब हम राजनीति में आए थे तो सरकार के खिलाफ बोलना होता था तो टाटा-बिड़ला के खिलाफ बोलते थे। निशाना कौन था? टाटा-बिड़ला। अब पता चलता है कि उन्होंने देश के लिए कितना योगदान दिया है। आज टाटा-बिड़ला का नाम सबसे आगे नहीं है, अलग-अलग टाटा-बिड़ला सरकार के सामने आ चुके हैं, इसलिए इन दिनों अगर सरकार पर हमला करना हो तो अंबानी और अडानी का नाम लिया जाता है।
कई सेक्टर में अंबानी
का योगदानः पवार
पवार ने कहा कि जिन लोगों (अडानी-अंबानी जैसे बिजनेसमैन) को आप निशाना बना रहे, अगर उन्होंने कुछ गलत किया है, तो आपको 100 प्रतिशत अधिकार बोलने का है, लेकिन बिना किसी मतलब के हमला करना, ये मेरी समझ में नहीं आता। आज अंबानी पेट्रोकेमिकल, बिजली समेत कई क्षेत्रों में योगदान दे रहे। क्या देश को इन सब चीजों की जरूरत नहीं है। ये ऐसे लोग हैं जो इस तरह की जिम्मेदारी लेते हैं और इसके लिए काम करते हैं। अगर उन्होंने गलत किया है तो आप हमला कीजिए, लेकिन उन्होंने ये इंफ्रास्ट्रख्र बनाया है, उनकी आलोचना करना मुझे ठीक नहीं लगता।


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