- सुमित हत्याकांड में ब्लांक कांग्रेस अध्यक्ष के पुत्र सहित एक अन्य युवक हुआ गिरफ्तार,लेकिन उठ रहे अनेक सवाल
- नहीं थम रही कांग्रेस नेताओं की गुंडागर्दी,पुलिस क्यों बन बैठी है मूकदर्शक?
- फिर एक बार कांग्रेस नेता की गुंडागर्दी की बात आई सामने,युवक ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर धमकाने और पिटने की व्यथा किया बयां
- कांग्रेस नेता के पुत्र द्वारा घायल लिए गए युवक के अंतिम संस्कार से लौटते हुए युवक को विधायक प्रतिनिधि ने धमकाया व पिटा
- सुमित शर्मा हत्या मामले के कई पहलू आ रहे सामने,पुलिस की भूमिका पर भी उठ रहे सवाल
- वर्ष 2022 की भी एक घटना का होने लगा है जिक्र,मारपीट में गई थी एक युवक की जान
- मामले में भरतपुर अस्पताल की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है,अस्पताल ने जारी किया था मृत्यु प्रमाण पत्र
- सोशल मीडिया के माध्यम से पुलिसिया कार्यवाही पर सवालिया निशान लगने लगा है
- ब्राह्मण समाज ने कोरिया एसपी को आईजी के नाम सौंपा ज्ञापन
- जिला पंचायत सदस्य रविशंकर ने कहा अंधेर नगरी चैपट राजा
-रवि सिंह-
मनेंद्रगढ,06अप्रैल 2023 (घटती-घटना)। भरतपुर नवीन जिले एमसीबी का दूरस्थ क्षेत्र है और यह क्षेत्र पहले शांत क्षेत्र के रूप में जाना जाता था जो अब कांग्रेस नेताओं और नेताओं के पुत्रों द्वारा अशांत किया जा रहा है और हत्या जैसी वारदात को अंजाम दिया जा रहा है और पुलिस भी मूकदर्शक बनी बैठी है क्योंकि सत्ताधारी दल के नेताओं का इस कदर पुलिस पर दबाव है की वह चाहकर भी हत्या जैसे मामले में भी मौन है क्योंकि कार्यवाही करने पर उन्हें भी कार्यवाही अपने ऊपर झेलनी पड़ सकती है और इसीलिए वह केवल दर्शक बनी बैठी है। एमसीबी जिले के दूरस्थ वनांचल भरतपुर में परिवार के इकलौते पुत्र के साथ मारपीट के बाद उसके निधन के मामले ने अब तूल पकड़ना शुरू कर दिया है, युवक के निधन के बाद अंततःपुलिस ने भारी दबाव को देखते हुए किसी प्रकार मामला दर्ज कर ही लिया और घटना के आरोपी ब्लाक कांग्रेस कमेटी भरतपुर के अध्यक्ष रविप्रताप सिंह के पुत्र शैलेन्द्र सिंह समेत एक अन्य युवक को गिरफ्तार किया गया है, हलांकि गिरफ्तारी के बाद भी अनेक सवाल सुलग रहे हैं इस मामले मे पुलिसिया कार्यवाही शुरू से ही संदेहास्पद रही है और अभी भी कार्यवाही को लेकर संदेह की स्थिति बनी हुई है। लोग सोशल मीडिया के माध्यम से पुलिस से अनेक सवाल कर रहे हैं,तो वहीं अभी तक पुलिस की इस मामले में चुप्पी बनी हुई है, युवक की गिरफ्तारी के बाद उसे मनेंद्रगढ न्यायालय में लाया गया था जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
पूरे मामले में पुलिस एफआई आर के अनुसार मृतक सुमित शर्मा की मृत्यु दिनांक 2.4.2023 को मेडिकल कालेज शहडोल में हो गई है, जिसके संबंध में वायरल वीडियो एवं प्रेस समाचार से घटना की जानकारी मिलने पर घटना की जांच प्रारंभ की गई, मृतक की मां अनुराधा शर्मा का बयान लिया गया जिसके अनुसार सुमित शर्मा को दिनांक 28 मार्च 2023 को कृष्ण कुमार शर्मा के कहने पर शैलेन्द्र सिंह उर्फ छोटू के द्वारा डंडे व राड से मारा गया है, जिससे उसके सिर में चोट लगी थी, जनकपुर में ठीक नही होने 2 अप्रैल 2023 को उसे मेडिकल कालेज शहडोल ले जाया गया था, जहां ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पीएम रिपोर्ट का अवलोकन किया गया डाक्टर द्वारा अपने अभिमत में सर में गंभीर चोट से मृत्यु होना बताया गया है। जिससे धारा 302,34 भादवी का अपराध घटित होना पाये जाने पर अपराध पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया। उक्त मामले में एमसीबी पुलिस अधीक्षक टीआर कोशिमा ने बतलाया कि शहडोल पुलिस द्वारा अपराध दर्ज कर पीएम रिपोर्ट आने के पश्चात डायरी को शहडोल पुलिस अधीक्षक कार्यालय से एमसीबी पुलिस अधीक्षक कार्यालय भेजा गया। डायरी मिलने के पश्चात पुलिस ने तत्काल मामले को लेकर जांच शुरू की, पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निमेश बरैया व एसडीओपी राकेश कुमार कुर्रे के द्वारा पुलिस टीम बना कर मामले की विवेचना की गई, पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मेडिकल कालेज से पीएम रिपोर्ट के साथ डायरी यहां पहुंची जिसे तत्काल जनकपुर भेज दिया गया। पीएम रिपोर्ट में डाक्टर के द्वारा सिर में गंभीर चोट से मौत होना बताया गया है। जिसके तहत जनकपुर में पुलिस द्वारा मामले में धारा 302,34 के तहत अपराध पंजीबद्व किया गया और प्रकरण में पुलिस ने दो आरोपियों शैलेन्द्र सिंह और कृष्णा शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है और न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।
दाह संस्कार कर लौट रहे सदस्य के साथ फिर हुई मारपीट
भरतपुर क्षेत्र में कांग्रेसियों का आतंक थमने का नाम नही ले रहा है, पहले ब्लाक अध्यक्ष के पुत्र के द्वारा प्राणघातक हमले से युवक का निधन और उसके बाद भी मन नही भरा तो विधायक गुलाब कमरो के प्रतिनिधि गौरव सिंह के द्वारा मृत युवक के पारिवारिक सदस्य को दाह संस्कार करके वापिस लौटते वक्त मारपीट की घटना भी घटित हुई है,जिससे समझा जा सकता है इस क्षेत्र में सत्ता के संरक्षण में कांग्रेसी किस कदर आतंक मचाये हुए हैं। इस संबंध में सोशल मीडिया में वायरल वीडियो के अनुसार अंकुर तिवारी नामक युवक ने बताया कि जब वह अपने भाई सुमित शर्मा का अंतिम संस्कार करके वापिस आ रहा था तभी विधायक प्रतिनिधि गौरव सिंह ने मन्नू भैया की दुकान के सामने मुझे पकड़कर विवाद करते हुए मारपीट करने लगा। अंकुर तिवारी के अनुसार इस क्षेत्र मे कांग्रेसी खुलेआम गुंडागर्दी कर रहे हैं, पहले भाई को मारा, यहां की प्रशासन पैसा खा के चुप हो जाती है,कांग्रेसी दादागिरी कर रहे हैं और कुछ भी करने की धमकी दे रहे हैं, युवक ने सरकार से कार्यवाही की मांग की है। जैसा कि जनचर्चा का विषय है कि मामले को दबाने के लिए शुरू से ही भरतपुर पुलिस पर दबाव बनाया गया था, भरतपुर के अस्पताल में गंभीरावस्था में ईलाज के बावजूद स्थानीय पुलिस ने अपराध दर्ज नही किया जबकि इस दौरान मारपीट करने वाला युवक बैखौफ घुम रहा था। शहडोल के अस्पताल में युवक के निधन की सूचना जैसे ही क्षेत्र में पहुंची उससे माहौल और गर्म हो गया है, इस मसले पर पुलिस प्रशासन से लेकर अस्पताल प्रबंधन पर भी सवालिया निशान लग रहा।
पुलिस का रवैया संदेहास्पद
भरतपुर में कांग्रेस नेता के पुत्र द्वारा किए गए प्राणघातक हमले में युवक की मौत मामले में स्थानीय पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहें हैं और माना जा रहा है की पुलिस पर सत्ताधारी दल के नेताओं का दबाव है और यही वजह है की पुलिस मौन बैठी है। हत्या कारीत करने वाले कांग्रेस नेता के पुत्र को पुलिस अब तक गिरफ्तार करने से बच रही है क्योंकि कांग्रेस नेता विधायक के सबसे खास हैं। युवक के साथ मारपीट की घटना और मारपीट के बाद मृत्यु हो जाने के बाद भी पुलिस ने कोई सक्रियता आरोपी को पकड़ने में नहीं दिखाई। मामले में शुरू से ही भरतपुर पुलिस का रवैया संदेहास्पद रहा है, सवाल उठता है कि घटना के बाद मृतक सुमित शर्मा पांच दिनों तक भरतपुर अस्पताल में ही भर्ती था, हालत अत्यंत गंभीर थी सूत्र बतला रहे हैं कि पहले इसे अत्यधिक शराब सेवन से मौत का मामला बनाया जा रहा था लेकिन दबाव के बाद सर में गंभीर चोट आने से मौत होना बतलाया गया। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि पुलिस अभी भी भारी दबाव में काम कर रही है और उसने पुरी वफादारी आकाओ के लिए दिखाते हुए पूरे मामले को इतना गोल कर दिया है कि कोई भी चक्कर लगाते हुए छोर पर ना जा पाए।
क्या विधायक का खास होना देता है हत्या करने का अधिकार?
मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है की क्या विधायक का खास होना यह अधिकार देता है की किसी की हत्या भी की जा सकती है। भरतपुर में घटी घटना के बाद यह कहा जा सकता है की यह सही है की विधायक का खास होना हत्या का अधिकार देता है इसलिए कांग्रेस नेता के पुत्र को लेकर कानून के रखवाले भी चुप बैठे हैं और हत्या जैसे कृत्य को करने के बाद भी वह खुलेआम घूम रहा है। पुलिस सत्ता के दबाव में है और यह दबाव विधायक के खास कांग्रेस नेता के द्वारा डाला गया है जैसा सूत्रों का कहना है।
वर्ष 2022 अगस्त में भी हुई थी एक युवक की मौत, मामले को दबाया गया?
भरतपुर से एक पुराने मामले का भी पता चल रहा है जो वर्ष 2022 अगस्त माह का है मृतक की पत्नी अमिका केंवट के अनुसार घटना 9 माह पूर्व 26 जुलाई 2022 की है। जनकपुर में मुगौड़ी भजिए का ठेला लगाने वाले उनके पति संतोष केवंट का कांग्रेस के एक नेता से विवाद हो गया, जिसके बाद उनकी ना सिर्फ बेदम पीटाई की बल्कि उसे सीईओ निवास के गेट में लटका दिया, रात भर जब वो घर नहीं आए तो वो उसे ढूंढने निकली, उसे बताया गया कि उसका पति सीईओ निवास के गेट पर लटका है, दो लोगो की मदद से उसे गेट से नीचे उतारा, और उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जनकपुर लेकर गई। 27 जुलाई 2022 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जनकपुर ने शहडोल रेफर कर दिया, परिजन उसे रीवा ले गए, तीन दिन इलाज के बाद रीवा मेडिकल कॉलेज ने उसे जबलपुर मेडिकल कालेज रेफर कर दिया, जहां 10 अगस्त 2022 को उसकी मौत हो गयी। मौत के बाद शव जब जनकपुर पहुंचा तो समाज बैठा और कांग्रेस नेता ने अपनी गलती मानी और कहा गया कि अग तो पति चला गया है वापस नही आएगा, आर्थिक राशि ले लो वो बच्चो के काम आएगी। जिसके बाद अंतिम संस्कार क्रियाकर्म के लिए 50 हजार नकद और 1 लाख 10 हजार चेक स्टांप में लिखकर दिया गया, अंतिम संस्कार के बाद 50 हजार नकद देने से नेंता मुकर गया, जब 1 लाख 10 हजार का चेक बैंक में लगाया गया तो वह भी बांउस हो गया। पीड़िता के अनुसार उसके दो बच्चे और घर में बूढ़ी मां है, एक मात्र कमाने वाला उसका सहारा उसका पति को मार डाला गया। उसने पैसे की मांग कई बार की, परन्तु अब उसे पैसे दिलाने कोई सामने नहीं आ रहा है।
अस्पताल की भूमिका भी है वर्ष 2022 के मामले में संदिग्ध
वर्ष 2022 में जिस युवक की मौत पिटाई से हुई थी उसका मृत्यु प्रमाण पत्र अस्पताल द्वारा जारी किया गया था और उसमे मृत्यु का कारण नहीं लिखा गया है जैसा की बताया जा रहा है। अस्पताल की भूमिका मामले में इसलिए ही संदिग्ध मानी जा रही है। किसी की मृत्यु का प्रमाण पत्र जारी करते समय कारण का उल्लेख होना जरूरी है जो उक्त मृत युवक के मृत्यु प्रमाण पत्र में दर्ज नहीं है। माना जा रहा है की मामले में सत्ता का दबाव डाला गया था और इसलिए ही मृत्यु का कारण दर्ज नहीं है।
क्या मामले में पीडि़त परिवारों को मिलेगा न्याय, या सत्ता के दबाव में होगा उनके साथ अन्याय
तीनों ही मामले में यह बड़ा सवाल उठता है की क्या पीड़ितों को न्याय मिलेगा या सत्ता के दबाव में उनके साथ अन्याय ही होगा। हत्या जैसे मामले में पुलिस का सुस्त रूप आखिर क्यों है और क्या पुलिस मौन तोड़कर आरोपियों को गिरफ्तार करेगी या नहीं करेगी।
अंततःपुलिस ने हत्या का अपराध किया दर्ज, हुई गिरफ्तारी
सुमित शर्मा हत्या मामले में अंततः पुलिस ने अपराध दर्ज कर लिया है,मामले में कांग्रेसी नेता के पुत्र सहित एक अन्य पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है। मामला दर्ज कर पुलिस ने आरोपीयों को गिरफ्तार भी कर लिया है और न्यायालय में पेश कर उन्हे जेल भेजने की तैयारी है। मामले में पुलिस पर चौतरफा दबाव पड़ने पर गिरफ्तारी संभव हो सकी वरना पुलिस मामले में शुरू से ही ढीला रुख अख्तियार कर बैठी हुई थी वरना गिरफ्तारी पहले हुई होती और मामले में युवक के बयान के आधार पर हत्या के प्रयास का भी मामला दर्ज हुआ होता। वैसे मामले में पुलिस ने जिन धाराओं के तहत कार्यवाही की है उसमे यह ध्यान देने वाली बात है की कुछ धाराएं और जोड़ी जानी चाहिए क्योंकि मृतक ने मरने से पहले वीडियो में बयान दिया है जो देखा सुना जा सकता है और एक बड़ा साक्ष्य है।
शोक संतप्त परिवार से मिली पूर्व संसदीय सचिव
घटना की जानकारी मिलने के बाद पूर्व संसदीय सचिव चंपादेवी पावले ने भरतपुर पहुचकर शोक संतप्त परिवार से मुलाकात किया और घटना की जानकारी लिया। उन्होने परिवार के साथ भरतपुर थाना जाकर प्रभारी से मुलाकात किया था और अपराध दर्ज कर कार्यवाही की मांग की थी। इस बारे में पूर्व संसदीय सचिव ने अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि वर्तमान विधायक गुलाब कमरो के संरक्षण में यह सब हो रहा है,चांगभखार शांति का टापू था आज अपराध का गढ बनते जा रहा है,इसका कारण गुलाब कमरो और भूपेश बधेल हैं जो कि इस तरह के अपराध को शह देकर लोगो में भय का माहौल बना हुआ है,इनके संरक्षण में यह सब कार्य हो रहा है। पीçड़त परिवार के साथ हमेशा खड़े होकर न्याय दिलाने की बात पूर्व संसदीय सचिव ने कही है।
क्षेत्रीय विधायक का बयान आया सामने
घटना के तीसरे दिन क्षेत्रीय विधायक और सविप्रा उपाध्यक्ष गुलाब कमरो का बयान भी सामने आया है,उन्होने युवक सुमित शर्मा के निधन पर शोक व्यक्त किया है,और कहा है कि प्रदेश की संवेदनशील भूपेश सरकार अपराध और अराजकता को लेकर हमेशा से गंभीर और चिंतनीशील रही है। विधायक ने इस प्रकार की मार्मिक घटना पर कहा है कि सियासत नही होना चाहिए,अपराधी चाहे किसी भी दल या विशेष का हो कानून से बढकर नही है।
ब्राह्मण समाज ने आईजी के नाम सौंपा ज्ञापन
उक्त पूरे मामले में बैकुंठपुर में ब्राह्मण समाज के द्वारा पुलिस अधीक्षक कोरिया के माध्यम से पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा को ज्ञापन सौंपकर निष्पक्ष जांच और कार्यवाही की मांग की गई है,ज्ञापन सौंपते वक्त बैकुंठपुर इकाई अध्यक्ष शैलेन्द्र शर्मा,धु्रवनाथ तिवारी,अभय दुबे,मनोज शर्मा,बंशीधर शर्मा,मनीष पांडेय,आलोक तिवारी आदि ब्राह्मण उपस्थित थे।
जिला पंचायत सदस्य ने कहा अंधेर नगरी चौपट राजा
युवक की मौत के मामले में क्षेत्र के सक्रिय जिला पंचायत सदस्य रविशंकर सिंह ने भी अपना बयान सोशल मीडिया के माध्यम से जारी किया है, उन्होने कहा है कि शांति का पर्याय रहे चांगभखार को इन दबंगई कांग्रेसी नेताओं ने अपने अय्याशी और गुंडागर्दी की जागिर बना के रखा हुआ है,जबसे कांग्रेस पार्टी सत्ता में आयी है अपराध का गढ बन गया हैचांगभखार। सांसद प्रतिनिधि एवं कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष के दुर्दांत पुत्र के द्वारा दिन दहाड़े लोगो को बीच चैराहे में फिल्मी स्टाईल में कार की डिग्गी में बंद कर के भरी जनसमूह के सामने पीटा जाता है,लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बनकर यह कृत्य देखता रहता है। और कोई कार्यवाही नही होती। वहीं कुछ दिनों बाद पुनःउसी पुत्र द्वारा सुमित शर्मा नामक लड़के को सिर में हाकी स्टीक से जोरदार प्रहार कर के मौत के घाट उतार दिया जाता है। रविशंकर सिंह ने कहा है कि इन कांग्रेसी नेताओं के संरक्षण में विगत 3 वर्षो से चांगभखार में कोरेक्स,नाइट्रा,गांजा जैसे नशीली दवाओ का कारोबार बहुत तेज गति से फल फूल रहा है, छोटे छोट बच्चे युवा इसका शिकार हो रहे हैं और आने वाली पूरी युवा पीढी बर्बाद हो रही है, लेकिन सब जानने के बावजूद भी प्रशासन के द्वारा सत्ता से जुड़े इन नशे के सौदागरों पर कोई कार्यवाही नही होती। क्या क्षेत्रीय विधायक गुलाब कमरो के सरंक्षण में इन अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गए है कि आए दिन नशे में मदमस्त होकर आम जनता को मारेंगे पीटेंगे इनकी जान तक ले लेंगे। रविशंकर सिंह ने कहा है कि कांग्रेसी विधायक गुलाब कमरो के जनकपुर क्षेत्र के विधायक प्रतिनिधि भी इनके संरक्षण में अपनी रौबदारी दिखाते हैं आम जनता पर हाथ उठाते हैं उन्हे डराते धमकाते हैं लोगो में डर का माहौल व्याप्त है कोई इनके खिलाफ आवाज उठाये तो उसके परिवार को डरा धमका के चुप करा दिया जाता है,स्थानांतरण की धमकी दी जाती है, आखिर इन दबंगाइयो पर कब अंकुश लगेगा।
आरोपी की गिरफ्तारी से जुड़े कुछ सवाल
सवालः- क्या उसी वक्त डयूटी पर तैनात रहे डाक्टर ने पुलिस को सूचना दी?
सवालः- यदि हां तो अपराध दर्ज करने की कार्यवाही क्यों नही हुई?
सवालः- यदि नही तो पुलिस ने वायरल वीडियो में घटना की जानकारी प्राप्त करके चिकित्सक के ऊपर अपराध दर्ज किया क्या?
सवालः- जब मृतक और उसकी मां सार्वजनिक तौर पर 4 दिन पहले से घटना की जानकारी दे रहे थे तो पुलिस ने क्या किया?
सवालः- शहडोल से प्राप्त सूचना के कारण अपराध दर्ज किया गया है किंतु अपराधी के डिटेल मे उसके पिता आदि का नाम दर्ज क्यो नही?
सवालः- जब मां ने अपना बयान दर्ज कराया है तो उसे आवेदक क्यो नही बनाया गया या अलग से अपराध दर्ज क्यो नही किया गया?
सवालः- जब अपराध दर्ज करना ही था जैसा कि थानेदार ने लिखा है मीडिया से प्राप्त खबर वीडियो तो अपराध तो पहले ही 307 दर्ज किया जा सकता था क्यो नही किया गया?
सवालः- इतने जघन्य अपराध के लिए मुख्य आरोपी को ही रिमांड पर लेने के लिए एक आवेदन नही किया गया आखिर क्यो?
सवालः- कृष्णा शर्मा को भी आरोपी बना दिया गया है जबकि वह मृतक के साथ था,उसे बयान लेने के लिए थाने बुलाया गया और फिर क्यो आरोपी बनाकर जेल भेल दिया गया?