बैकुण्ठपुर@2018 में पूर्व कैबिनेट मंत्री व 2023 में संसदीय सचिव ने एक ही पंचायत सचिव के साथ की अभद्रता…यह कैसा संयोग?

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  • विधायक द्वारा पंचायत सचिव को गाली गलौज व प्रताडि़त करना निंदनीयःसौभाग्यवती सिंह कुसरो
  • ब्राह्मण समाज से आने वाले पंचायत सचिव ने संसदीय सचिव के द्वारा की गई अभद्रता की शिकायत ब्राह्मण समाज के साथ साथ मुख्यमंत्री,विधानसभा अध्यक्ष व सांसद से की
  • पंचायत सचिव के साथ अभद्रता को लेकर विधायक एक बार फिर हो रही ट्रोल
  • क्या सचिव विधायक को ब्राह्मण समाज विरोधी बताने का कर रहे प्रयास?
  • सचिव को विधायक ने व्यक्तिगत लगाया फटकार तो फिर समाज को बीच में क्यों जोड़ रहे ग्राम पंचायत सचिव?
  • सचिव अपने संघ व अपने विभाग के अधिकारियों को शिकायत करने के बजाए इधर-उधर कर रहे शिकायत, आखिर क्यों?
  • शिकायत पुलिस तक पहुंचने से पहले सचिव के पास आया कथन के लिए फोन,जब शिकायत लेकर पहुचें थाने तो शिकायत लेने क्यों की इंकार?

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर,06 अप्रैल 2023 (घटती-घटना)। अभिलेख जाँच करा जेल भेज दूंगी तुम लुच्चा हो लफंगा हो घर बैठ कर ताश की पत्ती फेंको,नौकरी करने से तुमको क्या मतलब है? हड़ताल चल रहा है हड़ताल से वापस आओ तब तुम्हे बताती हूँ तुम यह समझ लो की मेरा कार्यकाल अभी 08 (आठ) माह है इसके बाद भी मै यही रहूंगी मै कहीं नहीं जाउंगी और तुम्हारा जानकारी लेती रहूंगी यह बात विधायक ने पंचायत सचिव से कही यह आरोप सचिव ने अपने क्षेत्र की विधायक पर लगाया है।
कोरिया जिला पंचायत के अंतर्गत जनपद पंचायत बैकुंठपुर के ग्राम पंचायत खोंड में पदस्थ सचिव के द्वारा स्थानीय विधायक व संसदीय सचिव पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने फोन पर गाली गलौज की है यह मामला इस सचिव के साथ कोई पहला नहीं है भाजपा कार्यकाल में 2018 में भी कैबिनेट मंत्री रहे भईयालाल राजवाड़े पर भी आरोप इनके द्वारा लगाया गया था, जो मीडिया में सुर्खियां बना रहा और कहीं ना कहीं भईयालाल राजवाड़े को राजनीतिक नुकसान पहुंचाया। अब सवाल यह है कि यह घटना को दूसरी बार उक्त ग्राम पंचायत सचिव के साथ घटी है वह एक संयोग है या फिर सच में घटी है? क्योंकि 2018 में भी जब भाजपा सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री भईयालाल राजवाड़े थे उस समय भी ग्राम पंचायत तेंदुआ में पदस्थ रहे राम सुशील पांडे को जूते से मारने की बात की गई थी, जिस पर सारे मीडिया व अखबारों में यह खबर भी प्रकाशित की गई, अब खोंड ग्राम पंचायत में पदस्थ रहते हुए स्थानीय विधायक व संसदीय सचिव अपने किसी कांग्रेसी नेता को भेजकर राम सुशील पांडे को गाली गलौज व धमकी उसके ही मोबाइल से दी हैं जिसकी शिकायत सोशल मीडिया में वायरल हो रही है वही ब्राह्मण समाज को आहत पहुंचाने की बात कही जा रही है पर वहीं एक वर्ग का यह भी मानना है कि यह मामला व्यक्तिगत है ना कि सामाजिक।
ग्राम पंचायत सचिव के शिकायत पत्र में स्थानीय विधायक व संसदीय सचिव पर गंभीर आरोप है
प्रार्थी रामसुशील पाण्डेय आ. स्व. श्री समयलाल पाण्डेय, ग्राम/पोस्ट- रनई, तहसील- बैकुन्ठपुर, थाना-पटना, जिला कोरिया के शिकायत के अनुसार स्थानीय विधायक व संसदीय सचिव पर गंभीर आरोप लगाया गया है सचिव के शिकायत के अनुसार ग्राम पंचायत खोड़ जनपद पंचायत बैकुन्ठपुर में सचिव पद पर 2021 से पदस्थ हूँ। पूर्व सरपंच, सचिव के कार्यकाल वर्ष 2018 में ग्राम पंचायत खोड़ के बाहर के ठेकेदार द्वारा स्ट्रीट लाईट लगवाया गया था। जिसकी राशि दिनांक 23/07/2021 को ग्राम पंचायत खोंड़ के खाते में इन्द्राज होने के पश्चात ठेकेदार द्वारा ग्राम पंचायत में बिल लेकर चेक हेतु आया, तब स्थानीय विधायक एवं उनके पीए द्वारा चेक न देने हेतु मेरे ऊपर दबाव बनाया गया और यह कहा गया की चेक काटोगे तो मैं तुम्हें नौकरी से हटा दूंगी तुम्हारा अभिलेख जाँच कर तुम्हे जेल भेज दूंगी, मै भयभीत हो कर दो माह तक चेक नहीं काटा तब हमारे उच्च अधिकारीयों द्वारा चेक काटने को बोला गया तो चेक श्री राघव इंटर प्राइजेज के नाम पर चेक काट दिया गया, तब स्थानीय विधायक द्वारा अपने घर बुला कर बहुत गाली गलौच किये मै डर से किसी को नहीं बतलाया। ग्राम पंचायत खोंड़ के वर्तमान सरपंच श्रीमती ललिता सिंह पति संतोष सिंह द्वारा अपने ही निजी तालाब में घाट निर्माण कार्य कराया गया हैं जिसकी राशि ग्राम पंचायत के खाते की राशि से भुगतान करने हेतु सचिव को दबाव दिया जाता हैं, भुगतान नहीं करने पर ग्राम पंचयत सोरगा के उप सरपंच राजेश कुशवाहा एवं खोड़ के सरपंच द्वारा क्षेत्रीय विधायक को शिकायत किये की तालाब में किये घाट निर्माण कार्य का भुगतान सचिव द्वारा नहीं किया जा रहा है, तब क्षेत्रीय विधायक द्वारा फोन में सचिव के पास पूछ-ताछ किया गया, सचिव के द्वारा जानकारी दिया गया की सरपंच जी द्वारा अपने निजी तालाब में घाट निमार्ण कार्य कराया गया है जिसका शासकीय राशि से भुगतान नहीं किया जा सकता, उसके पश्चात क्षेत्रीय विधायक द्वारा दिनांक 18/03/2023 को रात मे लगभग 08 बजे अपने,फोन से बहुत गाली गलौच किये, इसके बाद दिनांक 19/03/2023 को सुबह लगभग 11 बजे स्थानीय विधायक द्वारा विक्रम सिंह (मोनू) के मोबाईल से पुनः गाली गलौच करते मुझे बोले की तुम अपने आप को क्या समझते हो तुम्हे उठवा कर कलकत्ता भेज दूंगी, तुम्हारा पूरा अभिलेख जाँच करा के जेल भेज दूंगी तुम लुच्चा हो लफंगा हो घर बैठ कर ताश की पत्ती फेंको, नौकरी करने से तुमको क्या मतलब है, अभी हड़ताल चल रहा है हड़ताल से वापस आओ तब तुम्हे बताती हूँ तुम यह समझ लो की मेरा कार्यकाल अभी 08 (आठ) माह है इसके बाद भी मै यही रहूंगी मै कहीं नहीं जाउंगी और तुम्हारा जानकारी लेती रहूंगी। मैं बी.पी.,सुगर, हार्ट का मरीज हूँ और में बहुत ही ज्यादा भयभीत हो गया हूँ मुझे डर है की कभी भी श्रीमती अम्बिका सिंह देव के द्वारा कभी भी किसी रूप में हानि पहुचा सकती है।
विधायकों का गुंडागर्दी चरम पर पहुंच गई है
विधायक द्वारा पंचायत सचिव को गाली गलौज व प्रताड़ित के मामले में जनपद पंचायत बैकुंठपुर की अध्यक्ष सौभाग्यवती सिंह कुसरो ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि घटना निंदनीय, छत्तीसगढ़ मैं जब से कांग्रेस की सरकार आई है विधायकों का गुंडागर्दी चरम पर पहुंच गई है हमारे जनपद पंचायत बैकुण्ठपुर के ग्राम पंचायत खोड़ के सचिव के साथ गाली गलौज व प्रताडç¸त बैकुंठपुर विधायक अंबिका सिंह देव के द्वारा की गई है जिसकी मैं घोर निंदा करती हूं एक महिला विधायक के द्वारा इस तरह से कृत्य करना अशोभनीय वह निंदनीय है मैं जनपद पंचायत की अध्यक्ष होने के नाते अपने पंचायत सचिव को प्रताडç¸त करने का पुरजोर विरोध करती हूं बैकुण्ठपुर विधायक के द्वारा लगातार जनपद पंचायत के कार्यो में दखलंदाजी किया जाता है जिससे हम जनपद पंचायत जनप्रतिनिधि आहत है इसी प्रकार विगत कुछ माह पूर्व जनकपुर के ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष के द्वारा भी पंचायत सचिव को प्रताड़ित किया जा रहा था, जिसे पंचायत सचिव के द्वारा आत्महत्या कर लिया गया अगर विधायक का रवया इसी प्रकार रहा तो हमें विधायक के खिलाफ आंदोलन हेतु बाध्य होना पड़ेगा जिला युवा कांग्रेस कोरिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जय भारत सत्याग्रह आंदोलन के तहत पोस्टकार्ड अभियान जवाब दो मोदी जी का किया विमोचन।
कई बार शिकायत पुलिस तक पहुंचने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होती,बिना शिकायत पहुंचे भी बयान के लिए बुला गया कैसे?
ग्राम पंचायत सचिव के द्वारा किए गए विधायक के खिलाफ शिकायत मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहें हैं। कई बार पुलिस के पास शिकायत जाने के बाद भी पुलिस तत्परता नहीं दिखाती और मामले में जांच या बयान को लेकर ढुलमुल रवैया अपनाती है लेकिन मामला विधायक के खिलाफ शिकायत से जुड़ी है इसलिए पुलिस की तत्परता अलग नजर आई और पुलिस ने ग्राम पंचायत सचिव को बयान दर्ज करने का बुलावा भेजा है जबकि शिकायत पुलिस तक पहुंच भी नहीं पाई थी और बुलावा आ गया। राम सुशील पांडे ने बताया कि मेरी तबीयत खराब थी इस वजह से मैं थाना नहीं गया था जब मैं 6 अप्रैल को थाना गया तो थाने में मेरी शिकायत लेने से मना किया गया, पुलिस अधीक्षक से शिकायत की है पर मुझे यह समझ नहीं आया कि जब मैं शिकायत लेकर थाना पहुंचा ही नहीं तो पांडवपारा पुलिस सहायता केंद्र से मुझे बयान देने के लिए क्यों बुलाया गया और जब मैं शिकायत लेकर थाने पहुंचा तो शिकायत लेने से मना क्यों किया गया?
आखिर चुनाव के अंतिम समय में ही जनप्रतिनिधियों की ऐसी शिकायत क्यों आती है?
लगातार देखा जा रहा है की जैसे जैसे चुनाव की तिथियां नजदीक आती हैं वैसे ही विधायक या जनप्रतिंधियों की शिकायत भी आने लगती है अब इसके पीछे की वजह क्या है यह सोचने वाली बात है। वैसे माना जाए तो ऐसा इसलिए भी होता है की विधायक 4 साल अपने क्षेत्र की जनता से दूरी बनाए रखते हैं और इस बीच अपने ही कामों में व्यस्त रहते हैं और जब चुनाव समीप आता है और जनता के बीच वह जाते हैं और जनता किसी मामले में शिकायत करती है तो वह अधीर हो जाते हैं और इसी दौरान उनका गुस्सा उनपर हावी हो जाता है और इस तरह की घटनाएं घट जाती हैं।
लगातार जनसंपर्क करें जनप्रतिनिधि तो नहीं आएगी ऐसी नौबत
इस मामले में बाद यह बात समझ में आती है की यदि जनप्रतिनिधि लगातार पूरे 5 साल यदि जनता की सुध ले और उनकी समस्याओं को सुनने की कोशिश कर निराकरण का प्रयास करें तो ऐसी नौबत नहीं आएगी की ऐन चुनाव के वक्त उन्हे इस तरह का व्यवहार किसी कर्मचारी के साथ करना पड़े क्योंकि कर्मचारी भी सजग बना रहेगा और अपना काम समय पर पूरा करता रहेगा।
क्या समाज दिलाएगा न्याय या फिर न्याय के रास्ते पर ही चलना होगा?
मामले में ग्राम पंचायत सचिव ने शिकायत ब्राह्मण समाज के समक्ष भी की है सचिव ने मामले को सामाजिक रंग क्यों दिया है यह तो वही जाने लेकिन लोगों का मानना है की सचिव ने पूरे मामले से समाज को जोड़ने का प्रयास इसलिए किया है क्योंकि इससे विधायक को समाज का दोषी साबित किया जा सके और जिससे विधायक को नुकसान हो चुनाव में। वैसे समाज क्या न्याय दिलाएगा और किस तरह न्याय दिलाएगा यह अलग विषय है लेकिन न्याय न्याय के रास्ते ही चलकर मिलेगा यही कहा जा सकता है।
सचिव के साथ यदि गलत हुआ है तो पहले पुलिस के पास जाना चाहिए या फिर समाज के मुखिया के पास?
मामले में सचिव ने सबसे पहली शिकायत समाज के समक्ष की है जबकि उन्हे पुलिस के समक्ष और अपने उच्च अधिकारियों के समक्ष पहली शिकायत दर्ज करानी थी। सचिव ने ऐसा क्यों किया यह वही बता सकते हैं लेकिन उनके द्वारा ब्राह्मण समाज को किए गए शिकायत से यह जरूर समझा जा सकता है की उनकी मंशा विधायक को पूरे ब्राह्मण समाज का दोषी निरूपित करना है और वह इसीलिए पहले समाज के समक्ष शिकायत दर्ज किए हैं।
सचिव के साथ घटित मामला सही है तो क्या संघ आएगा सामने?
मामले में सचिव के साथ घटी घटना में क्या संघ सामने आएगा। सचिव के लिए दो संघ समाने आने योग्य हैं जिनमे एक ब्राह्मण समाज का संघ है और दूसरा सचिव संघ दोनो को ही मामले की जानकारी है और अब देखना है की कौन सचिव के साथ खड़ा होता है। अभी तक ब्राह्मण समाज साथ ही सचिव संघ दोनो मामले से अनभिज्ञ जैसे बने हुए हैं।


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