कोरिया/एमसीबी@क्या पुलिस विभाग के कुछ कर्मचारी खुद अवैध कारोबारियों के बन बैठे है सहयोगी?

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  • कोरिया एमसीबी पुलिस विभाग के कुछ कर्मचारी खुद माफिया के कारोबार में है पार्टनर:सूत्र
  • दो चर्चित प्रधान आरक्षक भूमि खरीदी-बिक्री में शामिल,वाहन खरीद कर दे रखा है कबाड़ी को
  • प्रधान आरक्षक ने आय से ज्यादा संपçा कर ली है एकत्रित,क्या है कोई जो जांच कर सके?
  • एक कबाड़ी भी है प्रधान आरक्षक का अवैध कारोबार में पार्टनर
  • प्रधान आरक्षक की संपçा की हो यदि जांच तो खुल सकते हैं कई राज

रवि सिंह-
कोरिया/एमसीबी,02 अप्रैल 2023 (घटती-घटना)। पुलिस का फुल फॉर्म होता है पब्लिक ऑफिसर फॉर लीगल इन्वेस्टिगेशन एंड क्रिमिनल इमरजेंसी जिसका अर्थ है कानूनी जांच और अपराधिक आपात स्थिति के लिए लोक अधिकारी, अर्थात पुलिस के अधिकारी है जो अपने क्षेत्रों को हिंसा व अपराध से मुक्त रखते हैं जनता से प्राप्त शिकायतों का निराकरण करते हैं पुलिस का मुख्य कार्य है कानून व्यवस्था लोक व्यवस्था बनाए रखना तथा अपराध और अव्यवस्थाओं को व्यवस्थित करना, मुख्य रूप से पुलिस एक सामाजिक व्यवस्था है सुरक्षा और स्वास्थ्य के रखरखाव और कानून के परिवर्तन और कार्यकारी, न्यायिक और विधिक शक्तियों के साथ संबंधित सरकार का विभाग होता है, इनके दायित्व बहुत बड़े होते हैं और समाज हित के होते हैं पर इस समय हम छत्तीसगढ़ की बात करें तो क्या पुलिस लोकहित के कार्य करने में दिलचस्पी दिखा रही है या फिर द्वेष पूर्वक कार्य करके वह पैसे कमाने में जुटी हुई है? ऐसे सवाल आज के परिवेश में उठ खड़ा हुआ है। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में पुलिस को लेकर लोग प्रताड़ना ही झेल रहे हैं पुलिस का उपयोग सिर्फ राजनीतिक दलों पर आधारित हो गया है, उन्हीं के इशारों पर कार्यवाही करना या न करना निर्धारित होने लगा है, यही वजह है कि खाकी के पीछे के लोग अपना कर्तव्य भूल कर सिर्फ एक सूत्री धन अर्जन करने में लग गए, बड़े से लेकर छोटे कर्मचारी तक धन अर्जन करने का एक ध्येय बनाकर कार्य कर रहे हैं जिस वजह से कहीं ना कहीं खाकी दागदार हो गई है खाकी पर से भरोसा लगभग उठ चुका है खाकी भी कहीं न कहीं गुलाम दिखने लगी है।
एमसीबी व कोरिया जिले की पुलिस इस समय कर्तव्यों के मार्ग से भटक कर धर अर्जन करने के मार्ग पर चल रही है धन अर्जन करना पहली प्राथमिकता बन गई है और धन अर्जन करने के लिए किस भी है हद तक जाने को तैयार है सूत्रों की माने तो जिसकी कोई सीमा नहीं है अवैध कार्यों में लिप्त लोगों की सहयोगी बन बैठी है पुलिस यही वजह है कि अवैध कारोबार बड़ी तेजी से फल-फूल रहा है और इस अवैध कारोबार में इतना पैसा है पुलिसकर्मियों की संपत्ती में भी बेतहाशा वृद्धि हो रही है जो कहीं ना कहीं प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से पुलिस की वर्दी को दागदार बताने के लिए काफी है। सभी की तो बात करना सही नहीं होगा पर कुछ पुलिस विभाग के कर्मचारी ही क्रिमिनल दिमाग रखते हुए जो अवैध कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं यहां तक कि अवैध कारोबार में पार्टनर बन बैठे हैं सूत्रों की माने तो इतना पैसा कमा लिए हैं कि गाडि़यां किराए पर एसईसीएल में लगा रखी है, माफियाओं को भी गाडि़यां खरीद कर दे रखें माफियाओं के कई कारोबार में पार्टनर बन बैठे हैं इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिसकर्मी ही क्रिमिनल लोगों को पीछे छोड़ कर खुद क्रिमिनल बन बैठे हैं।
अवैध कारोबार में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता लगातार देखी जा रही है
आजकल अवैध कारोबार तेजी से अविभाजित जिले में फल फूल रहा है। एमसीबी नवीन जिले में तो पुलिसकर्मी ही अवैध कारोबारी का पार्टनर बना हुआ है जैसा सूत्रों का कहना है वहीं कोरिया में भी ऐसे पुलिसकर्मियों की कमी नहीं है जो अवैध कारोबारियों के सहयोगी न हों,वहीं पूरा अवैध कारोबार पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में नहीं है ऐसा भी नहीं कहा जा सकता। कोयला,जुआ,नशीली दवा सहित शराब का अवैध कारोबार सबकुछ जिले में जारी है और पुलिस मौन है क्योंकि मामला लाभ का है और पुलिस का भी हिस्सा बंधा हुआ है। सभी अवैध कारोबार का महीना तय है और सभी अवैध कारोबार दिनदहाड़े भी जारी है। थोड़ी सी अतिरिक्त आय के लिए ईमान भी आजकल कोई मायने नहीं रखता यह देखने को मिल रहा है। कोयला क्षेत्रो मे पदस्थापना के लिए कबाड़ क्षेत्रों में पोस्टिंग के लिए जमकर जोर आजमाइश पुलिसकर्मी करते नजर आ सकते हैं। सभी अवैध कारोबार बिना रुकावट जारी रहे इसके लिए पुलिसकर्मियों को लगातार सक्रिय देखा जा सकता है उसकी अपेक्षा कानून व्यवस्था पुलिस के लिए कोई मायने नहीं रखती है।


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