निगम प्रशासन मौन पुलिस प्रशासन खामोश
-दुलारे अंसारी-
रायपुर,28 मार्च 2023 (घटती घटना)। एक दशक पूर्व तेलीबांधा सरोवर के सौंदर्यीकरण के नाम पर तत्कालीन निगम प्रशासन ने तेलीबांधा सुभाष नगर के झुग्गी बस्तियों को खाली कर वहां सिर्फ से 10 किलोमीटर दूर आरडीए द्वारा निर्माण किए गए बोरियाकला में इन्हें व्यवस्थापित किया गया था। लेकिन तेलीबांधा मरीन ड्राइव के पास बी एस यू पी कॉलोनी का निर्माण किए जाने के बाद उन्हें वहां से हटाकर बीएसयूपी कॉलोनी में पून व्यवस्थापित कर दिया।लेकिन बोरियाकला के बने मकानों की कोई सुध नहीं ली ,फल स्वरूप निगम प्रशासन की निष्कि्रयता के चलते बोरियाकला के मकान खंडहरों में तब्दील हो गए ।हम यहां पर यह बता देना चाहते हैं कि सुभाष नगर से गए अनुसूचित जाति व जनजाति तथा उडि़या बस्ती के लोग अपराधिक गतिविधियों में संलग्न होने के कारण आसपास के लोगों का जीना मुहाल कर दिया था । पिछले दिनों मोहन दुर्गा नामक दुर्दांत अपराधी ने एक बार जाति की महिला की हत्या कर उसकी लाश टंकी में डाल दी थी जोकि यह घटना अखबारों की सुर्खियों में रहा ।जैसे ही बोरियाकला केआरडीए कॉलोनी को निगम प्रशासन ने खाली करवा कर इन्हें मरीन ड्राइव में बने मकानों में शिफ्ट किया उसके बाद से ही यहां अड्डे बाजो व वेश्यावृत्ति का एक छत्र राज्य हो गय यही नहीं वहां के मकानों की हालात यह है कि वहां पर चोरों ने धावा बोलकर वहां की खिड़कियां व दरवाजे तक निकाल लिए । बावजूद इसके निगम प्रशासन ने करोड़ों रुपए के बनाए गए मकान की कोई सुध नहीं ली। और यह विरान कॉलोनी अपराधियों का एक तरह से पनाहगाह बन गया तस्वीरों पर नजर डालने से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है ,कि वह वह खाली शराब की बोतलें वह गर्भनिरोधक वस्तु इस बात का प्रमाण देते नजर आते है ।कि वहां आज भी धड़ल्ले से अपराधियों व वेश्यावृत्ति करने वालों का एक पनाहगाह बन चुका है ।साथ ही पुलिस पेट्रोलिंग की निष्कि्रयता भी सामने आती है। इन मकानों में अब सुवरो व आवारा मवेशियों का कब्जा हो चुका है बार-बार निगम प्रशासन को ध्यान दिलाने के बावजूद भी निगम के अधिकारी व जनप्रतिनिधि इसकी कोई सुधि नहीं ले रहे हैं । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों कुछ अपराधिक तत्वों ने एक लड़के का अपहरण कर जमकर पिटाई की थी ।लेकिन इस बात की पीडि़त लड़के के परिवार वालों ने किसी तरह पुलिस में शिकायत नहीं कर आपसी सामाजिक समझौते कर लिए थे ।ऐसे ही आसपास के ग्रामों के किसानों के मवेशी मरने पर अपने खेतों में उन मवेशियोंके शव को फेंक देते हैं जिसके कारण उन मवेशियों के छिन्न-भिन्न अंग को वहां के आवारा कुत्ते नोच नोच कर खा कर आरडीए के इन बदहाल मकानों में हड्डियों के ढांचे बीखरे देखे जा सकते हैं।हमारे संवाददाता ने जब वहां जाकर आरडीए कॉलोनियों के रखरखाव करने वाले एक अधिकारी से पूछताछ किए जाने पर उन्होंने बताया कि यह मकान अब आरडीए ने निगम प्रशासन को सुपुर्द कर दिया है। अब आगे की जिम्मेदारी निगम प्रशासन की है ।वही निगम के आला अधिकारी राजेश शर्मा जी से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि हमें इस तरह से कोई शिकायत अभी तक नहीं मिली है मिलने पर कार्यवाही की जाएगी लेकिन इन खंडहर मकानों के रखरखाव करने के सवाल पर उन्होंने नो कॉमेंट्स कहकर चुप्पी साध लिया। साथ ही बोरीयां कला संबंधित मुजगहन थाना क्षेत्र के थाना प्रभारी ने इस बात को लेकर किसी तरह किसी के द्वारा कोई शिकायत नहीं किए जाने की बात कही, किंतु हमारे द्वारा बताए जाने पर उन्होंने कहा कि अब वहां पर पेट्रोलिंग गस्त की जाएगी सबसे बड़ी बात यह है कि शहर में बढ़ रहे निरंतर अपराध नशाखोरी हुआ मारपीट की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। वही सुनसान इलाकों में अपराधियों द्वारा जुए का फड़ लगाया जाना अपराधिक गतिविधियों को संचालन किया जाना पुलिस के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। अब देखना यह है कि निगम प्रशासन बोरियाकला में बने करोड़ों रुपए के निर्माण किए गए इस कालोनियों का जीर्णोद्धार कब करवाती है,? वह पुलिस प्रशासन इन अड्डे बाजो की शरण स्थली में कब धावा बोलकर इन पर अंकुश लगाती है?
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