बैकुण्ठपुर@बर्खास्त आरक्षक की दूसरी बार हुई गिरफ्तारी,पुलिस ने एक भी बार नहीं किया प्रेस कॉन्फ्रेंस,आखिर क्यों?

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  • कोरिया के विवादित आरक्षक की दो अलग-अलग मामले में गिरफ्तारी हुई पर किसी भी मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं किया गया
  • एक प्रधान आरक्षक के खिलाफ कई शिकायतें पर नहीं हुई आज तक कोई कार्यवाही क्यों?
  • वही एक प्रधान आरक्षक को षड्यंत्र के तहत काम में अनियमितता बता कर किया गया सस्पेंड: सूत्र
  • क्या एक विवादित प्रधान आरक्षक के लिए अधिकारियों के आंख में बंध गई है पट्टी?
  • कोरिया पुलिस की कार्यवाही पर ही पर ही क्यों उठता है सवाल!
  • क्या द्वेष पूर्वक कार्यवाही करती है कोरिया की पुलिस?

रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 27 मार्च 2023 (घटती-घटना)। कोरिया पुलिस की कार्रवाई पर कई बार सवाल उठते चले आए हैं और यह सवाल पिछले तीन-चार सालों में ज्यादा ही उठते देखे गए हैं, कई मामलों में कोरिया जिले की पुलिस द्वेष पूर्वक कार्यवाही करते नजर आई है ऐसा हम नहीं कहते यह चर्चा का विषय है अभी हाल ही में दो अलग-अलग मामलों में कोरिया पुलिस फिर सवालों के घेरे में है पहला मामला विवादित बर्खास्त आरक्षक की दूसरी गिरफ्तारी का है जिसमे पुलिस ने एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं किया, किस वजह से उसकी गिरफ्तारी हुई किस मामले में आरक्षक आरोपी है इससे पुलिस ने पर्दा नहीं उठाया, जबकि अक्सर कई गंभीर मामलों में पुलिस आरोपी पकड़ने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी देती है पर आरक्षक की गिरफ्तारी मामले में पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से क्यों बची यह बड़ा सवाल है। विवादित बर्खास्त आरक्षक अपने ही विभाग के लिए मोर्चा खोले बैठा था क्या इस वजह से वह बर्खास्त हुआ और एक के बाद एक दो अलग-अलग मामले में उसकी गिरफ्तारी हुई, क्योंकि उसके संबंध अपने ही विभाग में सही नहीं थे ऐसा सूत्रों का कहना है इस बार भी 2 दिन पहले कोरिया पुलिस ने बर्खास्त आरक्षक को उसके घर से गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा पर गिरफ्तारी की वजह अभी तक किसी को नहीं पता, क्योंकि पुलिस ने इस मामले में कोई भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की।
वही ज्ञात हो कि जिले के एक प्रधान आरक्षक के खिलाफ शिकायतों का अंबार है एफआईआर भी एक थाने में दर्ज है इसके बावजूद उसके ऊपर कार्यवाही ना होना कहीं न कहीं पुलिस के बड़े अधिकारियों की तरफ से उसे संरक्षण देने के रूप में माना जा सकता है, बड़ा सवाल यह है की गंभीर शिकायतों पर भी उसके ऊपर ना तो निलंबन की कार्यवाही हुई और ना ही काम से पृथक किया गया, गंभीर शिकायतों के बावजूद कालर को ऊंचा कर दमदारी के साथ काम करते आ रहे हैं, आखिर किसके संरक्षण में ऐसा कर रहे यह तो वही जाने पर वही एक निरीक्षण के दौरान कार्य में अनियमितता पाए जाने के कारण एक प्रधान आरक्षक पर सस्पेंड की कार्यवाही हो जाती है जो पूरे जिले में चर्चा का विषय हो जाता है दबी जुबान पर इस कार्यवाही को गलत भी बता रहे कई पुलिसकर्मी और जिसके ऊपर कार्यवाही की गई है उसे काफी सीधा व नियम से काम करने वाला कर्मचारी बताया जा रहा है पर कार्यवाही क्यों हुई यह तो अंदर खाने की बात है पर यह भी बताया जा रहा है कि षड्यंत्र के तहत उस पर कार्यवाही कराई गई इसके पीछे भी विवादित प्रधान आरक्षक का नाम आ रहा है।
विवादित बर्खास्त आरक्षक पुनः हुआ गिरफ्तार,पुलिस ने नहीं की प्रेस कॉन्फ्रेंस
जिले का विवादित जिसे पुलिस ही विवादित कहती चली आ रही है आरक्षक पुनः गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे दूसरी बार क्यों गिरफ्तार किया गया है इसपर से पुलिस पर्दा उठाने की कोई कोशिश करती नजर नहीं आई है। कोरिया जिले के पुलिस विभाग के ही आरक्षक को क्यों दूसरी बार गिरफ्तार किया गया है क्यों गिरफ्तारी के बाद उसकी गिरफ्तारी को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं किया गया है यह बड़ा सवाल है। यदि उक्त आरक्षक पर गंभीर आरोप हैं और वह विभाग के लिए घातक है तो ऐसे आरक्षक की गिरफ्तारी की प्रेस कान्फ्रेस आयोजित किया जाना जरुरी था जो नहीं किया गया। बताया यह भी जा रहा है उक्त आरक्षक जितना विवादित है जितना भी वह विभाग की पोल खोलता है उस बात से तो विभाग के अधिकारी नाराज है हीं वहीं एक प्रधान आरक्षक जो खुद को विभाग का सबसे शीर्ष पर बताता है के कहने पर जल्दबाजी में उक्त आरक्षक की गिरफ्तारी की गई है।
सीधे साधे नियम से चलने वाले प्रधान आरक्षक को भी चर्चित प्रधान आरक्षक ने कराया निलंबित
जिले के एक प्रधान आरक्षक को भी निलंबित किया गया है। जिस प्रधान आरक्षक को निलंबित किया गया है वह नियम से चलने वाला और सीधा साधा प्रधान आरक्षक है जैसा की लोगों सहित विभाग के भी कर्मचारियों का भी कहना है। उक्त प्रधान आरक्षक को चर्चित प्रधान आरक्षक के निर्देश पर ही वरिष्ठ अधिकारी ने निलंबित किया है यह भी बात विभाग के ही लोग कहते सुने जा सकते हैं। कुल मिलाकर प्रधान आरक्षक जो चर्चित हैं उनकी विभाग में अधिकारियों के ऊपर ऐसी पैंठ है की वह जिसे चाहें निलंबित करा लें जिसे चाहे बर्खास्त करा लें और जिसे चाहें जेल भिजवा दें।
क्या चर्चित एवम विवादित प्रधान आरक्षक को है मनमानी की पूरी छूट?
कोरिया जिले में पदस्थ एक चर्चित प्रधान आरक्षक को अपनी पूरी मनमानी करने की छूट है वहीं उसके विरुद्ध होने वाली शिकायतों पर भी विभागीय अधिकारी मौन रहते हैं और कोई कार्यवाही नहीं करते हैं। चर्चित प्रधान आरक्षक पर कई बार गंभीर आरोप लगे हैं कई बार उसके विरुद्ध शिकायत दर्ज भी हुई लेकिन विभागीय अधिकारियों को वश में करके उक्त प्रधान आरक्षक द्वारा अपनी मनमानी कर ली जाती है और अधिकारी भी उसे छूट प्रदान कर देते है।


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