श्रीहरिकोटा@इसरो फिर रचेगा इतिहास

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ब्रिटिश कंपनी के 36 सैटेलाइट आज श्रीहरिकोटा से होंगे लॉन्च
श्रीहरिकोटा ,25 मार्च 2023 (ए)।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) रविवार को फिर से इतिहास रचने जा रहा है। उसके एलवीएम3 रॉकेट के प्रक्षेपण के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है। ये रॉकेट यूके स्थित नेटवर्क एक्सेस एसोसिएटेड लिमिटेड (वनवेब) के 36 उपग्रहों (सैटेलाइट) को अंतरिक्ष में ले जाएगा। इसरो के मुताबिक काउंटडाउन शनिवार सुबह 8.30 पर शुरू हो गया था, जो सुचारू रूप से चल रहा।
जानकारी के मुताबिक 43.5 मीटर लंबा और 643 टन वजनी भारतीय रॉकेट एलव्हीएम 3 रविवार सुबह 9 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च होगा। इसके जरिए 5805 किलोग्राम वजन वाले 36 एलव्हीएम उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा। वहीं काउंटडाउन शुरू होते ही रॉकेट और सैटेलाइट सिस्टम की जांच शुरू कर दी गई। साथ ही उसमें ईंधन भरने की प्रक्रिया जारी है।
कितनी है
एलव्हीएम की क्षमता?
वैज्ञानिकों के मुताबिक एलव्हीएम एक तीन चरण वाला रॉकेट है। ये एलईओ तक 10 टन और जियो ट्रांसफर ऑर्बिट तक चार टन ले जाने में सक्षम है। इसरो ने इस रॉकेट मिशन कोड का नाम एलव्हीएम3-एम3/वनवेब इंडिया-2 रखा है। उन्होंने आगे बताया कि लॉन्च होने के 19 मिनट बाद सैटेलाइट के अलग होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके बाद 36 सैटेलाइट पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित होंगे। वनवेब के पास अब आर्बिट में 582 उपग्रह हैं। 26 मार्च की लॉन्चिंग के बाद इनकी कुल संख्या 618 तक जाने की उम्मीद है।
ये कंपनी का 18 वां लॉन्च
इस लॉन्चिंग पर वनवेब ने कहा कि वो भारत समेत अन्य देशों को कवरेज देने में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहे। ये उनका 18वां लॉन्च होगा। इसके 36 उपग्रहों का पहला बैच 23 अक्टूबर 2022 को एलव्हीएम3 रॉकेट के साथ लॉन्च किया गया था। ये लॉन्चिंग भी श्रीहरिकोटा से हुई थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक इसरो की वाणिज्यिक शाखा ने वनवेब के साथ 1000 करोड़ से ज्यादा का सौदा किया है। जिसके तहत 72 सैटेलाइट को दो बार में अंतरिक्ष में भेजा जाना है। ये कंपनी के साथ इसरो की दूसरी लॉन्चिंग है।


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