रायपुर@बकाया बिजली बिल का मुद्दा विधानसभा में उठा

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मुख्यमंत्री ने दी बकाया राशि की जानकारी
रायपुर,22 मार्च 2023 (ए)।
विधानसभा में आज बिजली बिल के बकाया का मुद्दा उठा। विधायक अरुण वोरा ने मुख्यमंत्री से पूछा कि प्रदेश में कुल कितने बिजली उपभोक्ता है? पिछले 03 वित्तीय वर्षों के अंत में बिजली बिल की कितनी राशि भुगतान बाकी है। उन्होंने ये भी पूछा कि 3 वित्तीय वर्षों के अंत में छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के कुल कितनी राशि के बिजली बिल कितने सरकारी विभागों एवं कितने नगरीय निकायों के द्वारा भुगतान बकाया है।
जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के विभिन्न श्रेणी के 61,24,576 विद्युत उपभोक्ता है। वित्तीय वर्ष 2019-20 के अंत में विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं से राशि रूपये 3,042.10 करोड़ भुगतान हेतु शेष थी, जो वित्तीय वर्ष 2020-21 में बढ़कर रूपये 3,921.88 करोड़ एवं 2021-22 में बढ़कर रूपये 4,298.71 करोड़ हो गई है। (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 के अंत में कुल 32 सरकारी विभागों (नगरीय निकायों को छोड़कर) पर राशि रूपये 386.02 करोड़ की राशि भुगतान हेतु शेष थी,
जो वित्तीय वर्ष 2020-21 में बढ़कर रूपये 675.15 करोड़ तथा 2021-22 में बढ़कर रूपये 628.03 करोड़ हो गई है। इसके अतिरिक्त 170 नगरीय निकायों पर वित्तीय वर्ष 2019-20 के अंत में राशि रूपये 172.85 करोड़ भुगतान हेतु शेष थी, जो वित्तीय वर्ष 2020-21 में बढ़कर रूपये 426.44 करोड़ एवं 2021-22 में बढ़कर रूपये 473.67 करोड़ हो गई है।
डीएफओ के खिलाफ जांच के आदेश
भ्रष्टाचार के मामले में पांच लोगों को सस्पेंड किया गया है। वहीं अब बिलासपुर डीएफओ के खिलाफ जांच के आदेश दिए है। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने विधानसभा में यह बात कही है।
धरमलाल कौशिक ने प्रश्नकाल के दौरान पूछा कि क्या मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर के आदेश पर अक्टूबर, 2021 में आमागुड़ा, भालुमुड़ा और परिक्षेत्र बेलगहना के अंतर्गत अनियमितता व अन्य के संबंध में जांच समिति का गठन किया गया था?
मार्च 2022 में उप वन मंडलाधिकारी कोटा द्वारा जांच प्रतिवेदन वनमंडलाधिकारी बिलासपुर को प्रस्तुत किया गया था. जांच में कौन दोषी पाया गया है? वनमंत्री अकबर ने बताया कि जांच में वन क्षेत्रपाल विजय कुमार साहू, उप वन क्षेत्रपाल सेवक राम बैगा, वन पाल मोहम्मद शमीम, वन रक्षक हितकुमार ध्रुव और मुलेश कुमार जोशी दोषी पाए गए थे. कौशिक ने कहा कि भुगतान के पूर्व निरीक्षण की जवाबदारी किसकी थी? मंत्री ने बताया कि परिक्षेत्र अधिकारी के अंतर्गत सब कार्य होते हैं. रेंजर की जवाबदारी होती है. कौशिक ने वन अधिनियम का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें डीएफओ की जिम्मेदारी होती है.


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