‘पिनाराई बुलबुला’ फूटने वाला है
तिरुवनंतपुरम ,19 मार्च 2023 (ए)। पिनाराई विजयन का नाम केरल के सबसे लंबे समय तक लगातार मुख्यमंत्री रहने के बाद रिकॉर्ड बुक में दर्ज हो गया है। उन्होंने पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव जीता था और सी. अच्युता मेनन को हराया था, जिनके पास पहले 2,364 दिनों का रिकॉर्ड था।
घोटालों में शामिल होने के आरोपों और मुद्दों पर धीमी प्रतिक्रिया ने दूसरे कार्यकाल में विजयन के प्रदर्शन को लेकर राजनीतिक गलियारों में सवाल खड़े कर दिए हैं। कुछ ने यह भी कहना शुरू कर दिया है कि ‘पिनाराई बुलबुला’ फूटने वाला है।
उनके कार्यकाल पर नजर डालें तो यह वह नहीं थे, जिन्होंने 2016 के विधानसभा चुनाव में चुनाव अभियान का नेतृत्व किया था। यह तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष वी.एस. अच्युतानंदन वामपंथियों के सबसे चर्चित प्रचारक थे।
वोटों की गिनती के बाद और वामपंथियों ने शानदार जीत हासिल की, विजयन उभरे और उन्होंने अच्युतानंदन को मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर कर दिया।
अच्युतानंदन को रिझाने के लिए सीताराम येचुरी सहित पार्टी के राष्ट्रीय नेता दिल्ली से राज्य की राजधानी पहुंचे, जिन्होंने पलक्कड़ में मलमपुझा विधानसभा क्षेत्र से शानदार जीत हासिल की थी। अच्युतानंदन को कैबिनेट रैंक के साथ केरल प्रशासनिक सुधार आयोग के अध्यक्ष का पद दिया गया था। तब से लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट सरकार में और सीपीआई (एम) में भी केवल एक ही नेता रहा है और जो अंतिम शब्द भी है, और वह है विजयन।
नवंबर 2017 में जब ओखी लहरें राजधानी शहर के समुद्र तट से टकराईं तो वह पहली बार लड़खड़ाए और लगभग 80 लोगों की जान जाने के बावजूद विजयन ने तुरंत क्षेत्र का दौरा नहीं किया। वह कई दिनों के बाद प्रभावित क्षेत्र में गए और उन्हें स्थानीय लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा और उन्हें सचमुच भगा दिया गया।
विजयन को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है, सबसे पहले उनके पसंदीदा प्रोजेक्ट के-रेल पर, जिसका लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है। 14 में से 11 जिलों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। परियोजना केंद्र से मंजूरी पाने में विफल रही है, लेकिन विजयन इस परियोजना पर आगे बढ़ने के लिए अड़े हैं।
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