- संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग अंबिकापुर के नाम पर हो रही वसूली,वसूली में शिक्षक संघों के नेता शामिल पैसा नहीं देने पर होगी दूरस्थ पोस्टिंग,पैसा वसूलने वाले धमका रहे शिक्षकों को
–रवि सिंह –
कोरिया/सूरजपुर 18 मार्च 2023 (घटती-घटना)। शिक्षक पद से प्रधानपाठक माध्यमिक शाला और सहायक शिक्षक से शिक्षक पद पर पदोन्नति का रास्ता उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद साफ हो गया और जैसे ही पदोन्नति का रास्ता साफ हुआ वैसे ही शिक्षक संघों द्वारा वसूली चालू कर दी गई और संघों के पदाधिकारियों द्वारा पदोन्नत होने वाले शिक्षकों को पैसा नहीं देने पर इस बात को लेकर धमकाया जा रहा है की पैसा नहीं देने पर दूर जगहों पर पोस्टिंग कर दी जायेगी जहां से वापस निकट आना मुस्किल ही नहीं नामुमकिन होगा और लाखों तबादला करवाने में लग जायेंगे। इस संबंध में एक शिक्षक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया की यह वसूली एक जिले में ही जारी नहीं है यह वसूली पूरे संभाग में हो रही है और बकायदा संयुक्त संचालक का नाम भी वसूली में लिया जा रहा है। मनचाहे जगह पोस्टिंग के लिए शिक्षकों से लाखों वसूले जा रहें हैं और जिन शिक्षकों को अन्यत्र पोस्टिंग हो जाने का भय है वह पैसा दे भी चुके हैं ऐसी भी बात बताई जा रही है।
पोस्टिंग के लिए शिक्षक संघ के नेता व ब्लॉक स्तर के विभागीय कार्यालयों में मांगा जा रहा है पैसा- मनचाही पोस्टिंग के लिए शिक्षक संघ के नेता और ब्लॉक स्तर के विभागीय कार्यालयों के कर्मचारियों द्वारा पैसा मांगा जा रहा है यह बताया जा रहा है। पैसा देने पर मनचाही पोस्टिंग ब्लॉक स्तर पर ही कागजों में तय कर दी जा रही है और वही कागज देखकर पोस्टिंग संयुक्त संचालक कार्यालय से होगी यह दावा भी किया जा रहा है। जिस विश्वास के साथ पैसे की मांग की जा रही है और जिस विश्वास के साथ पोस्टिंग के लिए आश्वस्त किया जा रहा है उसे देखकर लगता है यह खेल बड़े स्तर का है और इसमें बड़े अधिकारी शामिल नहीं होंगे यह कहना अभी गलत होगा।
न्यायालय से मिला शिक्षकों को न्याय,अब वसूली कर किया जा उनके साथ अन्याय
उच्च न्यायालय ने पदोन्नति मामले में शिक्षकों के साथ देर से ही सही न्याय किया और शिक्षकों को पदोन्नति मिलने जा रही है वहीं इस पदोन्नति में पोस्टिंग के लिए पैसे का जो खेल खेला जा रहा है उसे देखकर कहा जा सकता है की न्यायालय की न्याय के बाद शिक्षकों के साथ पोस्टिंग पैसे मांगकर अन्याय किया जा रहा है जो गलत है।
काउंसलिंग से पोस्टिंग किए जाने पर नहीं होगा शिक्षकों के साथ अन्याय
शिक्षकों की मानें तो यदि पदोन्नति की पोस्टिंग काउंसलिंग के माध्यम से की जाए तो शिक्षकों को मनचाही पोस्टिंग भी मिल सकती है वहीं उन्हे आर्थिक नुकसान से भी बचाया जा सकता है। पोस्टिंग में काउंसलिंग की मांग भी शिक्षकों की है और वह चाहते हैं की पोस्टिंग पारदर्शी तरीके से हो।
क्या विभाग के उच्च अधिकारी मामले में लेंगे संज्ञान या अनजान बनकर वसूली में रहेंगे शामिल?
पूरे मामले में विभाग के उच्च अधिकारी क्या संज्ञान लेकर वसूली को रोकने का प्रयास करेंगे या वह वसूली रोकने की बजाय इसमें शामिल रहेंगे। यदि वसूली रोकी नहीं गई तो पदोन्नति में करोड़ों की वसूली संभव है और यह एक बहुत बड़ा घोटाला शिक्षा विभाग में होने वाला है जिससे जानकर भी अनजान बनने का विभागीय अधिकारी प्रयास कर रहें हैं।
शिक्षक संघ शिक्षकों की सहायता की जगह शामिल हो रहे वसूली में
शिक्षक संघ के नेता जो शिक्षकों की मदद करने के लिए काम करने का दावा करते हैं और नाजायज वसूली का उन्हे विरोध करना चाहिए वह स्वयं इसमें शामिल होकर शिक्षकों को दूरस्थ पोस्टिंग का भय दिखाकर वसूली कर रहे हैं जो सोचनीय विषय है। जिन संघों का काम शिक्षकों को अनावश्यक वसूली से बचाना है वह स्वयं इसमें शामिल हैं यह गंभीर विषय है शिक्षक संघों के औचित्य पर ही प्रश्नचिन्ह लगा रहा है मामला। वहीं मामले में किसी भी शिक्षक संघ द्वारा काउंसलिंग की मांग न किया जाना और वसूली का विरोध न किया जाना बताता है की उनकी मामले में सहमति है और वह शिक्षकों के शोषण में भागीदार हैं।
हेमंत उपाध्याय संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग सरगुजा संभाग
शिक्षा विभाग के सरगुजा संभाग के संयुक्त संचालक से पदोन्नति में पोस्टिंग के लिए पैसे की मांग की बात को लेकर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा की पैसा कौन मांग रहा है इसकी जानकारी उपलब्ध कराइए मैं उस व्यक्ति पर कार्यवाही करूंगा वहीं उनसे जब पदोन्नति में पोस्टिंग कैसे की जाएगी इसबारे में पूछा गया तो उन्होंने यह कहा की शासन से क्या निर्देश प्राप्त होता है यह इसके बाद तय होगा की पदोन्नति में पोस्टिंग काउंसलिंग के माध्यम से की जायेगी या सीधे पोस्टिंग की जाएगी। संयुक्त संचालक की बातों से यह स्पष्ट हो गया की पैसे की मांग निचले स्तर पर ही की जा रही है और इसकी जानकारी उन्हे नहीं है।