मनेद्रगढ़@एमसीबी जिले में क्या चल रहा?…बस गुलाब विनय और शराब का मुद्दा चल रहा

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  • आबकारी उप निरीक्षक ने भरतपुर सोनहत विधायक पर लगाया शासकीय कार्य में बाधा डालने का आरोप जो सोशल मीडिया में हुआ वायरल
  • गणतंत्र दिवस के दिन एक ढाबे पर कार्यवाही के दौरान कार्य में बाधा उत्पन्न करने का है आरोप
  • ढाबे पर मध्यप्रदेश की शराब परोसे जाने की सूचना पर ढाबे पर पहुंचा था आबकारी विभाग का दल
  • आबकारी विभाग के दस्ते के साथ मनेद्रगढ़ पुलिस थाने के निरीक्षक सहित अन्य पुलिसकर्मी भी थे मौजूद
  • ढाबे पर गणतंत्र दिवस के दिन पकड़ी गई थी मध्यप्रदेश की शराब

रवि सिंह –
मनेद्रगढ़ 17 मार्च 2023 (घटती-घटना)। इस समय एमसीबी जिले में सबसे ज्यादा कोई मसला सुर्खियों में है तो वह है मनेंद्रगढ़ विधायक व सोनहत भरतपुर विधायक की आपसी लड़ाई जो शराब पर जाकर अटक गई, छत्तीसगढ़ विधानसभा से लेकर पूरे प्रदेश में इसकी गूंज सुनाई दे रही है इस समय लोग चुटकी भी लेने लगे हैं और पूछ रहे हैं कि इस समय एमसीबी जिले में क्या चल रहा है तो जवाब मिलता है एमसीबी जिले में इस समय गुलाब विनय और शराब का मुद्दा चल रहा है, काफी लंबे समय से जिले में क्लब बार को लेकर सियासत हो रही है और यह सियासत अब विधानसभा के प्रश्नकाल तक पहुंच गई जहां पर दो विधायक खड़े होकर शराब के कारोबार पर अपनी बात रखते नजर आए,वहीं इनके मंत्री को भी समझ नहीं आया कि जवाब क्या दें तो उन्होंने भी आपसी समंजस की बात कही। अब तो विधानसभा प्रश्नकाल के मुद्दे के बाद एक सोशल मीडिया पर शिकायत भी वायरल हो रही है जो अलग ही कहानी बयां कर रही है जिसे लेकर लोग काफी तर्क वितर्क के साथ सोशल मीडिया पर भिड़े हुए हैं शिकायत वायरल होते ही विनय के समर्थक हमलावर हो गए हैं और गुलाब के समर्थक डिफेंस करते नजर आ रहा है अंदर खाने में श्रेष्ठ होने की लड़ाई चल रही है जो अब सबको नजर आने लगी है अब श्रेष्ठ कौन है यह तो 2023 का विधानसभा चुनाव बताएगा फिलहाल तो फजीहत जारी है।
एमसीबी नवीन जिले में शराब का मामला अब उलझता जा रहा है और शराब मामले में अब आबकारी उप निरीक्षक ने भरतपुर सोनहत विधायक पर शासकीय कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाया है जो सोशल मीडिया में वरयल हो रहा है जिसमे आबकारी उप निरीक्षक ने जिला आबकारी को इस आशय की लिखित शिकायत भी दी है जो पत्र स्वरूप सामने आया है। मनेद्रगढ़ में मध्यप्रदेश का शराब खपाया जा रहा है और इस मामले में राजनीतिक सहयोग भी मिल रहा है यह बात कई बार सामने आ चुकी है वहीं मनेद्रगढ शहर में क्लब बार बनाकर भी मध्यप्रदेश की शराब खपाई जा रही है जिसकी गूंज विधानसभा में भी सुनाई दी,अब मामले में नया मोड़ आ गया है भरतपुर सोनहत विधायक जो क्लब बार का विरोध कर उसे बंद करने की मांग कर रहे थे और उनका तर्क था की उनके क्षेत्र में शराब का कारोबार वह नहीं होने देंगे उन्हीं पर आबकारी विभाग के अधिकारी द्वारा यह आरोप लगाया जा रहा है की वह अवैध शराब पर कार्यवाही के दौरान कार्यवाही में बाधा उत्पन्न कर रहे थे और उन्होंने कार्यवाही नहीं करने को लेकर आबकारी विभाग के दस्ते के साथ अभद्रता भी की है।
क्या है पूरा मामला,क्यों विधायक पर लगा है आरोप?
मनेद्रगढ़ के आबकारी उप निरीक्षक ने अपनी जिला आबकारी अधिकारी को भेजी गई शिकायत में लिखा है की उन्हे मुखबिर से मोबाइल पर सूचना मिली कि हाइवे ढाबा में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन मध्यप्रदेश की शराब परोसी जा रही है और सूचना पर आबकारी बल वृत एवम मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी सचिन सिंह एवम उनका पुलिस बल मौके पर ढाबा पहुंचा, जहां 24 नग 180 मिली रॉयल स्टेग व्हिस्की केवल मध्यप्रदेश में बिक्री लिखा हुआ 4 नग खजुराहो बीयर 3 नग सिम्बा बीयर बरामद हुआ और कार्यवाही के दौरान ही भरतपुर सोनहत विधायक दल बल के साथ ढाबे पर पहुंचे और वह गाड़ी से उतरते ही अभद्रता से पेश होते हुए मुखातिब हुए और उन्होंने आबकारी दस्ते को भला बुरा कहते हुए बहोत कुछ कहा और उन्होंने यह भी कहा की महिला लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष के यहां छापा मारने की हिम्मत कहां से आई और यह मेरा घर है मेरे घर में छापा मरेगा कहते हुए उन्होंने आबकारी उप निरीक्षक को कहीं दूर फिंकवा देने की बात कही और आबकारी उप निरीक्षक का हांथ पकड़कर उसे किनारे धकेल दिया।इस तरह विधायक ने कार्यवाही में बाधा उत्पन्न की और उन्होंने कार्यवाही नहीं होने दी।
इस दौरान आबकारी विभाग का दस्ता विधायक के समाने मजबूर नजर आया और लौट आया।
जिले के दोनों विधायक शराब मामले में आते रहें हैं आमने-सामने
जिले के भरतपुर सोनहत विधायक और मनेद्रगढ विधायक शराब मामले में आमने सामने आते रहें हैं। बताया जाता है की मनेद्रगढ में मध्यप्रदेश की शराब बड़ी मात्रा में खपाई जाती है और पूरे मामले में राजनीतिक संरक्षण भी प्रदान किया जाता है। दोनो विधायक अपने अपने समर्थकों के इस अवैध कारोबार के लिए आमने सामने खड़े हैं और यही वजह है की इसकी गूंज विधानसभा तक सुनाई दी और स्वयं आबकारी मंत्री में आपसी विवाद की बात विधानसभा में कही। कुल मिलाकर एक दूसरे के समर्थकों के इस अवैध कारोबार को संरक्षण देना ही विवाद की वजह है और इसलिए दोनो आमने सामने हैं।
जब विधायक की अवैध शराब कारोबारियों को संरक्षण देंगे ऐसे में कानून व्यवस्था की स्थिति क्या होगी?
वैसे मनेद्रगढ़ जिले में दो विधायक अवैध शराब मामले में जिस तरह खुलकर इसलिए सामने सामने हैं की उनके समर्थक किसी परेशानी में न पड़ें इसको लेकर यही कहा जा सकता है की जिले की कानून व्यवस्था का हाल क्या होगा समझा जा सकता है।


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