रायपुर @गुरु कृपा से मिली ईश्वरी शक्ति का सदुपयोग जनमानस के कष्ट निवारण करने के लिए समर्पित हैं : बाबा सिलहटी वाले

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गांव गांव में शिविर लगाकर करते हैं आम जनता का कष्ट निवारण
-दुलारे अंसारी-
रायपुर,16 मार्च 2023 (घटती घटना)।
भारतवर्ष साधु संतों का देश है ।यहां पर गंगा जमुनी संस्कृति के धारा अविरल बहती है ।भारत में सभी संप्रदाय के सूफी संत महात्मा अध्यात्मिक गुरु वह शास्त्री सहित अन्य विधाओं विधा में पारंगत महापंडित विद्वान रहे हैं ।और है भी वही कुछ दुष्ट प्रवृत्ति के लोगों ने साधु संत महात्माओं संत का चोला ओढ़कर संत साधु की समाज को बदनाम करने की साजिश भी रची जिसके फलस्वरूप आज कुछ लोग जेल की हवा खा चुके हैं ।और कुछ अभी भी अपने दुष्कर्म का दंड पाते हुए सलाखों के पीछे हैं ।छत्तीसगढ़ की पावन भूमि में अनेक साधु संत हुए जिसमें प्रमुखता का नाम गिरौदपुरी धाम में सतनाम धर्म के प्रवर्तक बाबा परम पूज्य गुरु घासीदास जी जो कि एक पूर्ण गृहस्थ संत रहे,उन्हीं की परंपरा को निभाते हुए उन्हीं की के पदचिन्हों का अनुसरण करते हुए कवर्धा जिले से 17 किलोमीटर दूर एक छोटे से ग्राम में एक गरीब किसान के घर बाबा रमेश गिरी का जन्म हुआ वह बचपन से ही गुरु घासीदास जी के महिमा से प्रभावित होकर साधना में लग गए ।बाद में उन्हें परिवारिक बंधन में बंधना पड़ा यूं कहा जाए कि वह एक गृहस्थ संत है । उनके बताए अनुसार 11 वर्ष के लिए ईश्वरीकृपा शक्ति प्राप्त हुआ है।और वे बिना किसी स्वार्थ के लोगों की दुख-दर्द दूर करने में निरंतर आज भी कर रहे हैं। उन्होंने इस परम शक्ति सिद्धि का प्रयोग पहले अपने ग्राम सिलहटी में कर अपने ही गृह ग्राम के कुछ पीडि़तों को चंगा किया बाद में उनकी प्रतिष्ठा बढ़ती गई और लोगों का सिलहटी में आप आना इस कदर बढ़ गया कि प्रतिदिन लोगों की संख्या 3 से 4 हजार होने लगी जिससे छोटे से ग्राम में रहने वाले आम जनता को सुविधाओं का सामना करना पढ़ रहा था।कष्ट निवारण कार्य में बाधा आने लगी तो उन्होंने यह निश्चय किया कि वह गांव गांव जाकर शिविर लगाकर लोगों का कष्ट निवारण करेंगे ।इसी श्रृंखला में ग्राम भिंडरा बालोद जिले में एक कष्ट निवारण शिविर का सफल आयोजन किया ।आइए आयोजन विशिष्ट योगदान ग्राम के भाई संजय आनंद व उनके परिवार ने इस कार्य का बीड़ा उठाया इस आयोजन की विशेषता या रही कि यहां पर आने वाले सभी पीडç¸तों व उनके परिवारों के लिए जलपान व दोनों समय भोजन की व्यवस्था तथा रात्रि कालीन विश्राम की भी व्यवस्था आनंद परिवार के द्वारा की जा रही है। अब आगामी कष्ट निवारण शिविर का आयोजन ग्राम भेंडरा ड्रा में ही आगामी 18 मार्च को शिविर का आयोजन करेंगे बाबा रमेश मेरी सिलहटी वाले 1 ग्राम में तीन शिविर का अलग-अलग समय में आयोजन करते हैं । शिविर में आए लोगों की व्यथा सुनकर उनके कष्ट निवारण करने का प्रयास करते हैं। हमारे संवाददाता ने उनसे मुलाकात कर चर्चा की तो उन्होंने स्थानीय भाषा छत्तीसगढ़ी में सहजतापूर्वक वार्तालाप किया वह हमारे प्रश्नों का सादगी पूर्वक जवाब दिया। घटती घटना संवाददाता द्वारा उनसे की गई चर्चा के कुछ अंश प्रस्तुत कर रहे हैं।
घटती घटना :-
बाबाजी आप को यह प्रेरणा कैसे मिली और लोगों के यह कष्ट निवारण का कार्य कब से कर रहे हैं?
बाबाजीः-
मेरे बुजुर्गों व मेरे माता-पिता द्वारा परम पूज्य गुरु बाबा घासीदास जी के चरित्र दर्पण उनके द्वारा मानव समाज के प्रति किए गए कार्य व उनके कथा को सुनता था ।उनके द्वारा किए गए मानव सद्भावना कार्यों से प्रेरित होकर मैंने सत्पुरुष (परमात्मा) का ध्यान में लीन होकर अपने आप को समर्पण कर दिया। और लगातार यह ध्यान का प्रतिफल मुझ े7 वर्षों के पश्चात मुझे एक रात दिवास्वप्न हुआ स्वप्न में गुरुजी का आदेश हुआ कि आप जाकर मानवकल्याण के साथ उनके कष्ट निवारण का कार्य करो सेवा भाव से करे निस्वार्थ करे निष्कपट करे निश्चल करें वरदान आपको 11 वर्ष के लिए दिया जा रहा है ।आपके द्वारा किए गए कार्य से मानव जगत लाभान्वित होंगे ।मैं गुरु जी की प्रेरणा से यह कार्य का आरंभ किया। और लोगों को मेरे द्वारा किए जा रहे प्रार्थना से आराम मिलने लगा ,और यह परमशक्ति मुझे सिर्फ 11 वर्षों के लिए मिली है जिसका मैं सदुपयोग 11 वर्षों तक करता रहूंगा।
घटती घटना :-
बाबाजी आपके द्वारा किस तरह के रोगों का इलाज किया जाता है कृपया विस्तार से बताएं?
बाबाजीः-
सबसे पहले आपको तो मैं यह बता देना चाहता हूं कि मैं कोई तांत्रिक मानत्रिक नहीं हूं मैं एक अपने गुरु बाबा परम पूज्य घासी दास जी का चरण सेवक हूं उन्ही की प्रेरणा से यह कार्य को करता हूं ।मैं सिर्फ उनके द्वारा दिए गए आदेश का पालन करता हूं मुझे ढोंग धतूरा करना नहीं आता। मैं केवल प्रार्थना से ही हर तरह के व्याधि रोगों से आम लोगों को मुक्त करने का एक प्रयास करता हूं। बाकी जो भी करते हैं वह गुरु कृपा से होता है।
घटती घटनाः-
बाबा जी हम देख रहे हैं कि आपके पास राजनीति से जुड़े लोग भी आते हैं तो क्या आप राजनीति में भी दिलचस्पी रखते हैं?
बाबाजीः-
मैंने पहले ही आपको बताया था की परम पूज्य गुरु बाबा घासीदास जी ने मानव मानव एक समाना व सत्य ही मानव का परम आभूषण है इन दो वाक्यों में पूरे विश्व के समस्त ग्रंथों को निचोड़ कर जनमानस में रख दिया है ।रहा सवाल राजनीतिज्ञ लोगों के आने का मैं सभी से सद्भावना पूर्वक चर्चा करता हूं।चाहे वह कांग्रेसी हो भाजपा का हो अपना दल का हो आम आदमी पार्टी का हो छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस का हो या किसी और संप्रदाय या समाज का हो का हो चाहे वह किसी धर्म का हो चाहे वह किसी जाति का हो मेरे लिए सभी बराबर हैं। मैं किसी तरह कोई राजनीति नहीं विश्वास नहीं रखता और ना ही सरकार से मदद लेता मेरे मदद दाता तुझे आम पीडि़त लोग हैं। इन्हीं की मर्जी से वे मुझे जहां चाहे ले जाते हैं मैं वहां चला जाता हूं मुझे लोभ मान सम्मान से कोई नाता नहीं है।और मेरे गुरु की आज्ञा ही मेरे लिए सर्वोपरि है ।इससे आगे मेरा राजनीतिक से कोई वास्ता नहीं है लोग आते हैं। चाहे वो राजनीतिक नेता हो चाहे वो किसी धर्मगुरु हो के आमलोग सभी से समभाव चर्चा करता हूं । गुरु द्वारा दिए गए आशीर्वाद रुपी प्रसाद को वितरण करता हूं।
घटती घटना :-
सुना है आप को ये गुरु कृपाशक्ति सिर्फ 11 वर्षों के लिए मिली है उसके बाद आगे आप क्या करेंगे?
बाबाजी :- देखिए मुझे कृपाशक्ति 11 वर्षों के लिए मिली है ।मैं इन 11 वर्षों तक गुरु के आदेश के तहत सदभावना पूर्वक जनमानस की सेवा करूंगा। उसके आगे गुरु की मर्जी वह जाने वो रखें तो अच्छा या वे अपने पास बुला ले तो अच्छा।


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