एससी ने ट्रॉयल कोर्ट को दिए ये निर्देश
नई दिल्ली,14 मार्च 2023 (ए)। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की सुनवाई धीमी नहीं है, मामले में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा का बेटा आरोपी है। सुप्रीम कोर्ट ने 25 जनवरी को आशीष मिश्रा को आठ हफ्ते की अंतरिम जमानत दी थी और जेल से छूटने के एक हफ्ते के भीतर उत्तर प्रदेश छोड़ने का निर्देश दिया था। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की पीठ ने मामले की सुनवाई कर रहे सत्र न्यायाधीश को मुकदमे के घटनाक्रमों के बारे में अवगत कराते रहने का निर्देश दिया।
पीडि़त परिवारों का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने अदालत के समक्ष मुकदमे की धीमी गति के बारे में चिंता व्यक्त की और कहा कि लगभग 200 अभियोजन पक्ष के गवाहों की जांच की जानी है। पीठ ने जवाब दिया कि मुकदमे की गति धीमी नहीं है और अदालत को ट्रायल जज से तीन पत्र मिले हैं।
आशीष मिश्रा का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश के बाद उनके मुवक्किल को जेल से रिहा कर दिया गया और वह सुनवाई की हर तारीख पर निचली अदालत में पेश हुए। पीठ ने 25 जनवरी के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि इस आदेश में निहित अंतरिम निर्देश जारी रहेगा। प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, लखीमपुर खीरी से प्राप्त पत्रों की सामग्री की ओर इशारा करते हुए पीठ ने कहा कि तीन गवाहों की जांच समाप्त हो चुकी है, जबकि उनमें से एक की जिरह चल रही है।
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