कोरबा,11 मार्च 2023 (घटती-घटना)। कोरबा पधारे आचार्य जिन मणिप्रभसूरीश्वर ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि भारत में धर्मांतरण नहीं होना चाहिए, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। लोगों को अपने धर्म में ही रहना चाहिए। धर्मांतरण का कड़ा विरोध होना चाहिए। वर्तमान में एक दूसरे को लड़ाने की प्रवृçा चल रही है,इससे देश बट जाएगा। जो स्थिति वर्तमान में उत्पन्न हुई है वह ठीक नहीं है। सभी धर्मों को साथ लेकर चलना चाहिए। छाीसगढ़ के लोग बड़े शांति प्रिय हैं।उन्होंने कहा कि लोगों को परम शांति से जीना चाहिए। सहभाव और सहयोग से ही परम शांति स्थापित हो सकती है। प्रभु महावीर के संदेश व सिद्धांतों को पूरे विश्व को अनुशरण करना चाहिए। इससे ही परम शांति मिल सकती है। पाश्चात्य संस्कृति को लेकर कहा कि यह क्षणिक है, इससे शांति नहीं मिल सकती। लगातार पाश्चात्य संस्कृति में डूबे युवा भी साधु संत हो रहे हैं, जिनका आचरण व दिनचर्या ही पाश्चात्य संस्कृति से जुड़ा था। जब तक जीवन का मूल्य नहीं समझेंगे आत्मा में यह विकार चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति पर नाज है। सभी धर्म गंगा, यमुना, सरस्वती का त्रिवेणी का संगम हैं। सभी संस्कृति व उपदेश आपस में एक होते हैं। हमारा जीवन सरल व सहज होना चाहिए ढ्ढ कोरबा टीपी नगर इंदिरा विहार में जैन समाज द्वारा भव्य मंदिर तैयार किया गया है। उक्त मंदिर में मूर्ति की कल प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी जिसके लिए समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जैन मुनि शामिल होने कोरबा पहुंचे हैं।
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