अंबिकापुर@भूपेश सरकार की प्रस्तुत वर्तमान
बजट पूरी तरह है चुनावीःअभिषेक शर्मा

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  • नियमतीकरण पर सरकार का मौन रूख 150000 कर्मचारीयों के भविष्य के साथ खिलवाड़
  • गोठानों में बन रहे खाद के लिए प्रति एकड़ 16 हजार रुपए किसानों को देना पड़ रहा
  • एम्स की जगह मानसिक अस्पताल दे कर सरगुजावसियों को किया उपेक्षित

अंबिकापुर,10 मार्च 2023 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार द्वारा पिछले दिनों प्रस्तुत बजट पर शुक्रवार को प्रदेश आर्थिक प्रकोष्ठ सह संयोजक अभिषेक शर्मा ने संकल्प भवन भाजपा कार्यालय अंबिकापुर में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भूपेश सरकार द्वारा प्रस्तुत वर्तमान बजट पूरी तरह चुनावी बजट है, किसी भी स्थिति में पूरा नहीं होने वाला। बड़े-बड़े वादों का पिटारा लेकर फिर से कौंग्रेस सरकार जनता को भरमाने की कोशिश कर रही है जबकि उन्हें भी मालूम है कि अभी चार पांच महीने बाद आचार संहिता लग जाना है फिर कोई काम होगा भी नहीं। उन्होंने कहा कि अपने घोषणा पत्र में बेरोजगारी भत्ता देने की बात करने वाली भूपेश सरकार ने बेरोजगारी भत्ता तो नहीं दिया बल्कि बजट में 2.50 लाख रुपए सालाना आय से कम आय, दो साल एवं अन्य कठिन शर्त रख कर बेरोजगारों को छला है। गोठानों में बन रहे खाद के लिए प्रति एकड़ 16 हजार रुपए किसानों को देना पड़ रहा है जिसमें सरकार की ओर से बजट में सब्सिडी का प्रावधान किया जाना चाहिए था, लेकिन छत्तीसगढ़ के किसानों को फिर से छला गया। स्वामी आत्मानंद स्कूल बढ़ाने के चक्कर में पुराने बिल्डिंग की लीपापोती कर करोडों खर्च कर दिया गया। डीएमएफ मद का पूर्ण दुरूपयोग किया गया। बजट में नए विद्यालय निर्माण हेतु कोई प्रावधान नहीं किया। शिक्षको की नियुक्ति ज्यादातर प्रतिनियुक्ति पर की जा रही है जबकि रोजगार और गुणवत्ता बढाने नवीन भर्तीयां आवश्यक थी। नवीन स्थापित उद्योगों में केंद्र सरकार की सबसिडी तुरंत उपलब्ध हो रही है परंतु राज्य सरकार के हिस्से की सबसिडी पर सरकार का बजट मौन रहा। बजट में सरगुजा को एम्स की जगह मानसिक अस्पताल दे कर सरगुजावसियों को उपेक्षित किया गया है। कांग्रेस का उद्देश्य केवल छल कपट कर पुन: सरकार बनाना है जनता के हित से इनका कोई सरोकार नहीं है। शासकीय कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड करते हुऐ कोई नया प्रावधान नहीं किया गया बल्कि ओलड पेंशन स्कीम को पुन: लागू करने हेतु शपथ पत्र भरवाकर सरकार ने कर्मचारीयों को अपनी बात रखने के दरवाजे भी बंद कर दिए। नियमतीकरण पर सरकार का मौन रूख 150000 कर्मचारीयों के भविष्य के साथ खिलवाड है। नए उद्योगों हेतु कोई प्रावधान नहीं किया गया बल्कि माफियाओं ने प्रवासी उद्योगपतियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा जिला संवाद प्रमुख संतोष दास, सह संवाद प्रमुख रूपेश दुबे, व्यवसायी प्रकोष्ठ जिला संयोजक रविंद्र तिवारी तथा आर्थिक प्रकोष्ठ जिला संयोजक उमेश अग्रवाल शामिल रहे।


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