बैकुण्ठपुर@प्रदेश प्रभारी के बयान से पुराने चेहरों पर दिखने लगी मायूसी

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  • ओम माथुर ने फिर कहा पुराने चेहरो का नही मिलेगा मौका
  • बूथ स्तर पर पार्टी के लिए काम करने की दी हिदायत
  • रवि सिंह-
    बैकुण्ठपुर,07 मार्च 2023 (घटती-घटना)। पिछले दिनो भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने अंबिकापुर में संभाग स्तरीय बैठक ली,बैठक में संभाग के मंडल अध्यक्ष महामंत्री से लेकर जिलाध्यक्ष, महामंत्री, जिला प्रभारी एवं अन्य अपेक्षित प्रमुख पदाधिकारी मौजूद थे। बैठक में प्रदेश प्रभारी ने भाजपाईयों को संगठन की घूंटी पिलाई बूथ स्तर पर काम करने को कहा और एक बार फिर दोहराया कि पुराने चेहरो को मौका नही मिलेगा। यह पहली बार नही है कि प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने इस तरह का बयान दिया है इससे पहले भी यह बात वे सीधे तौर पर बोल चुके हैं,उनके बयान का सीधा अर्थ निकलता है कि भाजपा इस बार कोई रिस्क लेने के मूड में नही है,छत्तीसगढ पर केन्द्रीय नेतृत्व की नजर है और आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट भी पार्टी बिना दबाव के अपने हिसाब से देगी। हां इतना जरूर है कि चेहरा जिताऊ होगा। प्रदेश प्रभारी ओम माथुर चुनावी तैयारियों के सिलसिले से पहली बार अंबिकापुर पहुंचे थे अभी उनका संभाग स्तरीय चल रहा है जिसके बाद वे जिलो का दौरा करेंगे,बतलाया जाता है उक्त बैठक में पदाधिकारियों को उन्होने बूथ स्तर पर एक सक्रिय टीम बनाने का निर्देश दिया है। पदाधिकारियों को बूथ स्तर पर मेहनत की बात कही गई है। एक टाईम लिमिट में काम करने की हिदायत दी गई है।
    क्या कहा ओम माथुर ने
    भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने कई विषयों पर अपनी बात रखी है उन्होने कहा कि जिस प्रदेश में जाता हूं वहां चुनाव को दो हिस्सो में बाटकर काम करता हूं,पहला चुनावी कार्य और दूसरा चुनावी टेक्निकल कार्य। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का क्या असर हुआ यह त्रिपुरा,नागालैंड और मेघालय के विधानसभा चुनाव के नतीजों से दिख रहा है। श्री माथुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण विकास की योजनाओं पर जो काम किया है उसका असर दिख रहा है। प्रदेश प्रभारी ने आने वाले विधानसभा चुनाव में पूरी बहुमत से सरकार बनाने की बात कही है,और कहा कि भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं के आधार पर चुनाव में जीत दर्ज कराती है। हमारी पार्टी के कार्यकताओं में कही नाराजगी नही है,कांग्रेस सरकार के प्रति नाराजगी है या नही इसका निर्णय प्रदेश की जनता करेगी। छत्तीसगढ में सीएम का चेहरा कौन होगा इसका निर्णय न मैं कर सकता हूं न यहां की टीम कर सकती है,भारतीय जनता पार्टी अनुशासन के साथ काम करती है यह किसी परिवार या समाज की पार्टी नही है,पार्टी का सिस्टम बना हुआ है यह सब सेंट्रल पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करता है कई जगह चेहरा घोषित कर चुनाव लड़े हैं और कई जगह बिना सीएम चेहरे पर चुनावी मैदान में उतरे हैं, सेंट्रल पार्लियामेंट्री बोर्ड जो तय करेगा छत्तीसगढ के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उसका पालन करेंगे। उन्होने आगे कहा कि चुनाव में हर राज्य का अपना अलग-अलग फार्मूला लागू होता है यह जरूरी नही कि हम जहां जीते हैं उस फार्मूले को दूसरे स्टेट में लागू किया जाए गुजरात और उत्तरप्रदेश की परिस्थितियां अलग थी और छत्तीसगढ की परिस्थिति अलग है। श्री माथुर ने दोहराया कि विधानसभा चुनाव में जिताऊ कैंडिडेट को ही टिकट दिया जाएगा और हार की संभावना वाले विधायक का टिकट काटने की ओर ईशारा किया। जिससे यह तय है कि पिछले चुनाव में हारे हुए प्रत्याशियों को पार्टी इस बार दूसरी जिम्मेदारी देने के मूड में है। कुल मिलाकर प्रदेश प्रभारी के बयान से पुराने चेहरों को एक बार फिर झटका लग सकता है।
    मतलब सरगुजा संभाग में लगभग नए
    चेहरों को मोका मिलेगा

    प्रदेश में विधायकों के मामलों में बहुत बुरे दौर से गुजर ही भाजपा के लिए केन्द्रीय नेतृत्व काफी गंभीर दिखलाई दे रहा है,यही कारण है कि नई टीम के साथ आगे की रणनीति पर काफी मेहनत किया जा रहा है,पार्टी के हर मोर्चा प्रकोष्ठों को चुनावी तैयारी कराई जा रही है,आए दिन पार्टी के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं,तो वहीं समय-समय पर आम जन से जुड़े मुद्वो को लेकर जमीन पर भी अब पार्टी को देखा जा रहा है पिछले चुनाव में सरगुजा और बस्तर संभाग से पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था,कहा जाता है कि प्रदेश में सत्ता की डगर सरगुजा और बस्तर से ही संभव है इस लिहाज से पार्टी दोनो ही क्षेत्रों पर पूरा फोकस कर रही है। पिछले चुनाव में सरगुजा की एक भी सीट भाजपा नही जीत पाई थी,लेकिन अब स्थिति एकदम उलट है,पार्टी कार्यकर्ता अगर ईमानदारी से काम कर दिए तो सीटों की संख्या में काफी इजाफा होगा। कयास लगाया जा रहा है कि पार्टी सरगुजा संभाग की सभी सीटों पर नये चेहरे की तलााश में है और यदि ऐसा हुआ तो अविभाजित कोरिया की तीनों सीटों पर पिछले चुनाव में हारे हुए प्रत्याशियों का टिकट कट सकता है। आने वाला समय इन चेहरों के लिए काफी अहम होगा, हालांकि देखा जाए तो पिछले चुनाव में हार के बावजूद मनेंद्रगढ के पूूर्व विधायक श्यामबिहारी जायसवाल ने अपनी उपस्थिति प्रदेश भर में दर्ज करा ली है,भरतपुर क्षेत्र से हार के बाद पूर्व संसदीय सचिव चंपा देवी पावले इस बार भी लड़ने के मूड़ में हैं लेकिन उन्हे भी टिकट मिलने की संभावना काफी नगण्य है ठीक इसी प्रकार बैकुंठपुर से दो बार विधायक रहे और पूर्व मंत्री भैयालाल रजवाड़े को पार्टी ने चार बार टिकट दिया है जिसमें दो बार उन्हे जीत और दो बार हार मिली है,हलांकि रजवाड़े बहुल्य क्षेत्र में भी उनके जीत का अधिकतम अंतर 5000 ही रहा है ऐसे में उन्हे भी पार्टी टिकट देगी इसकी संभावना कम नजर आ रही है,पूर्व मंत्री श्री रजवाड़े चुनावी तैयारी मैं हैं और क्षेत्र का दौरा भी कर रहे हैं लेकिन उनकी टिकट में भी संशय बरकरार है। प्रदेश प्रभारी के बयान पर यदि गौर किया जाए तो यदि छत्तीसगढ में चेहरे बदले जाने की स्थिति में पूर्व मंत्री रजवाड़े की टिकट की कट सकती है। प्रदेश प्रभारी के बयान के बाद टिकट की दौड़ में शामिल दूसरे नेताओं में भी उत्साह का माहौल देखा जा रहा है।

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