पटना@ बिहारियों पर हमले की अफवाह फैलाने के आरोप में जमुई का युवक गिरफ्तार

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अब तक 4 लोगों पर एफ आईआर दर्ज
पटना,06 मार्च 2023 (ए)।
बिहार पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि तमिलनाडु में अप्रवासी बिहारियों के साथ हिंसा की अफवाह जानबूझकर साजिश के तहत फैलाई गई।
इंटरनेट मीडिया पर सुनियोजित तरीके से भ्रामक और भड़काने वाले फोटो, वीडियो और मैसेज आदि डालकर लोगों के बीच भय का माहौल पैदा किया गया, जिससे विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने की संभावना है।
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के थाने में इस मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस उपाधीक्षक स्तर के पदाधिकारी के द्वारा पूरे मामले की जांच की जा रही है।
पोर्टल के संचालकों पर भी प्राथमिकी
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, आपत्तिजनक पोस्ट करने के मामले में चार लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसमें जमुई के अमन कुमार, यूट्यूब पर पोर्टल चलाने वाले मनीष कश्यप व राकेश तिवारी के साथ ट्विटर यूजर युवराज सिंह राजपूत शामिल हैं।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जमुई से अमन कुमार को गिरफ्तार भी कर लिया है, उसके पास से कई आपत्तिजनक पोस्ट एवं मोबाइल में साक्ष्य मिले हैं। इसकी जांच की जा रही है।
वहीं, एक अन्य अभियुक्त युवराज सिंह राजपूत पहले से भोजपुर के नारायणपुर थाना कांड मामले में वांछित है, उसके द्वारा छपरा के मुबारकपुर घटना के बाद भी आपत्तिजनक पोस्ट किए जाने के साक्ष्य मिले हैं।
ईओयू ने जारी कियाप्रिजर्वेशन नोटिस
आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा तमिलनाडु प्रकरण से जुड़े पोस्ट को लेकर अलग-अलग इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म को प्रिजर्वेशन नोटिस जारी किया गया है।
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इसके तहत ट्विटर और यूट्यूब पर 15-15, फेसबुक पर नौ और जीमेल पर तीन भ्रामक पोस्ट किए जाने को लेकर नोटिस जारी की गई है। इसके तहत इंटरनेट मीडिया पर संबंधित लिंक और विवादित पोस्ट का पूरा साक्ष्य तीन माह तक सुरक्षित रखा जाएगा, ताकि जांच के क्रम में विधिसम्मत कार्रवाई की जा सके।
भ्रामक व झूठे वीडियो शेयर करने पर होगी कार्रवाई
बिहार पुलिस ने एक बार फिर दोहराया कि तमिलनाडु में बिहारियों पर हमले के प्रसारित वीडियो पुराने हैं। हत्या कर लटकाए जाने वाले वीडियो की जांच में मालूम हुआ कि यह किसी के आत्महत्या की पुरानी घटना है, जिसका किसी बिहार के निवासी से संबंध नहीं है।
इसी तरह एक अन्य वीडियो झारखंड और बिहार के बीच एक व्यक्ति के आपसी विवाद को लेकर है। इस घटना में तमिलनाडु का तमिलनाडु के किसी व्यक्ति से कोई सरोकार नहीं है।
पुलिस मुख्यालय ने लोगों से अपील की है कि वह किसी भी भ्रामक और झूठे वीडियो पर विश्वास नहीं करें। इसको इंटरनेट मीडिया पर फारवर्ड या शेयर भी न करें। ऐसे वीडियो बनाने से लोगों की भावनाएं भड़क सकती हैं और उन्माद उत्पन्न हो सकता है, जो कानूनन अपराध है।
तमिलनाडु गई टीम की जांच में भी भ्रामक खबर की बात आई सामने
प्रवासी बिहारियों पर हमले की जांच को लेकर तमिलनाडु गई चार सदस्यीय अफसरों की टीम ने सोमवार को भी अधिकारियों और लोगों से मिलकर बातचीत की।
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, अफसरों की शुरुआती जांच में भी भ्रामक खबरों को आधार बनाकर ही अफवाह फैलाए जाने की बात सामने आ रही है।
इस बिंदु पर मजदूरों के संगठनों से भी बात की गई है। अफसरों की टीम बिहार लौटकर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।


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