- क्या कारण बताओ नोटिस देकर उन्हें कार्यवाही से बचाया जा रहा?
- आखिर पटना नयाब तहसीलदार पर मेहरबानी की वजह क्या है?
- पटना नयाब तहसीलदार की कार्यप्रणाली सबसे निम्न स्तर की फिर भी उन पर कारण बताओ नोटिस की कार्यवाही ,वेतन तक नहीं रोका गया
- वहीं कई मामलों में कार्यवाही करने वाले बैकुंठपुर तहसीलदार का वेतन भी रोका गया
–रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 5 मार्च 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के कलेक्टर ने आज राजस्व मामलों में लापरवाही करने पर दो तहसीलदारों को अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए नोटिस जारी कर दिया है वहीं, एक पटवारी को निलंबित कर दिया है। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह की अध्यक्षता में आज राजस्व अधिकारियों की बैठक हुई बैठक में कलेक्टर ने राजस्व से संबंधित विभिन्न प्रकरणों, अविवादित व विवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, व्यपवर्तन के प्रकरणों की समीक्षा करते हुए प्रगति की जानकारी ली इस दौरान तहसील बैकुंठपुर और पटना में संतोषजनक प्रगति ना पाए जाने पर कलेक्टर द्वारा तहसीलदार बैकुंठपुर और प्रभारी तहसीलदार पटना को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है तहसीलदार बैकुंठपुर की आगामी आदेश तक वेतन आहरण पर भी रोक लगाई गई है नोटिस में कार्यशैली में सुधार लाते हुए प्रकरणों के निराकरण और सौंपे गये कार्यों में प्रगति लाने के निर्देश दिए गए हैं साथ ही तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण समक्ष उपस्थित होकर प्रस्तुत करने कहा है वहीं, एक पटवारी को सास्पेंड करने के साथ ही विभागीय जांच के आदेश दिए।
मौजूदा कार्यवाही को देखते हुए एक सवाल भी उत्पन्न हो रहा है कि आखिर पटना तहसीलदार पर मेहरबानी क्यों? जहां पर इनके खिलाफ कई गंभीर शिकायतें हैं वहीं इन्हीं के कार्यकाल में इनकी आईडी से जमीन की हेराफेरी का मामला भी सामने आया था उसके बावजूद इन्हें जिसके खिलाफ पर शिकायत कर एफआईआर पंजीबद्ध करा बचना चाह उसी को तहसील कार्यलय में बुलाकर काम भी कराते हैं फिर भी इनके ऊपर कार्यवाही नहीं की जाती क्यों? कार्यवाही हुई भी तो सिर्फ दिखावा, जबकि इनका भी वेतन रोक कर इन पर विभागीय जांच बैठाना था वह भी जमीन रकबा घटाने बढ़ाने वाले मामले में पर ऐसा करना उच्च अधिकारियों ने उचित नहीं समझा आखिर इसकी वजह क्या है या फिर इन्हें बचाने का पूरा प्रयास हो रहा है? इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता।
बैकुंठपुर व पटना तहसीलदार को नोटिस जारी
गत मंगलवार को संपन्न हुई टीएल मीटिंग के दौरान ही कलेक्टर कोरिया विनय कुमार लंगेह ने राजस्व प्रकरणों की भी समीक्षा की जिसके बाद संतोषजनक प्रगति न पाये जाने पर कलेक्टर ने बैकुंठपुर तहसीलदार मनहरण सिहं राठिया और पटना प्रभारी तहसीलदार समीर शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है दोनो अधिकारियों को जारी नोटिस में कहा गया है कि राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में विभिन्न बिंदुओ की समीक्षा की गई, जिसमें पटना व बैकुंठपुर तहसील की समीक्षा में पाया गया कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण, जाति प्रमाण पत्र, नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरणों के निराकरण की स्थिति अच्छी नही है। विशेषकर पंजीयन कार्यालय से भूमि अंतरण की सूचना पर अभिलेख अद्यतन करने की स्थिति में खाता विभाजन एवं नामांतरण के प्रकरणों की समीक्षा में पाया गया कि बैकुंठपुर व पटना तहसील मे प्रकरणों के निराकरण की स्थिति संतोषजनक नही है, जबकि प्रत्येक समय सीमा की बैठक तथा राजस्व अधिकारियों की बैठक में राजस्व प्रकरणों के निराकरण में विशेष रूचि लेकर प्रकरणों के निराकरण हेतु समय समय पर निर्देशित किया गया है,उपरोक्त में स्पष्ट है कि आप विभागीय कार्यों के संपादन में समुचित रूचि नही ले रहे हैं, फलरूवरूप जिले की प्रगति प्रभावित हो रही है। यह कृत्य छग सिविल सेवा आचरण नियम के प्रतिकुल होकर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। उपरोक्तानुसार कृत्य के लिए क्यों न आपके विरूद्व अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये। नोटिस जारी करते हुए दोनो अधिकारियों को अपना स्पष्टीकरण 3 दिवस के भीतर उपस्थित होकर प्रस्तुत करने को कहा गया है,साथ ही अपनी कार्यशैली में आवश्यक सुधार लाते हुए प्रकरणों के निराकरण तथा सौपे गए अन्य कार्यो में प्रगति लाने की हिदायत दी गई और समय पर जवाब नही देने की स्थिति में एकपक्षीय कार्यवाही की बात कही गई है।
पटना तहसीलदार आरोपी से ही ले रहें हैं तहसील कार्यालय में कार्य
पटना में पदस्थ तहसीलदार तहसील कार्यालय में ही गड़बड़ी करने वाले आरोपी को तहसील में बुलाकर काम ले रहें हैं जिसके ऊपर यह आरोप है की उसने तहसीलदार की आईडी से रकबा बढ़ाकर किसी को फायदा पहुंचाने की कोशिश की थी, मामला संज्ञान में लाने के बाद तहसीलदार ने ही उक्त युवक के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज कराई थी और जिसमे कोई कार्यवाही होने से पहले ही उसे तहसील में बुलाकर पुनः उससे काम लेना उन्होंने शुरू कर दिया जबकि मामले में उसकी गिरफ्तारी की जानी चाहिए थी और स्वयं तहसीलदार को पुलिस की इसमें मदद करनी थी।
तहसील कार्यालय दलालों का बना हुआ है अड्डा
पटना तहसील वर्तमान में दलालों का अड्डा बना हुआ है यह कहना भी गलत नहीं होगा। तहसील कार्यालय में हर काम का मूल्य तय है और किसी भी मामले में दलालों के माध्यम से ही काम होना संभव हो पा रहा है जिससे तहसील आने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और बिना दलालों के उनका काम नहीं होता। दलाल भी अपनी पैनी नजर तहसील आने वालो पर बनाए रहते हैं और हर तहसील आने वाले को मूल्य बताते है।