अंबिकापुर 05 मार्च 2023 (घटती-घटना)। रंगो का त्योहार होली को लेकर लोगों में विशेष इंतजार रहता है। इस वर्ष होली मार्च के पहले ही सप्ताह में मनाया जाएगा। इसको लेकर बाजार में तैयारियां और रौनक बढऩे लगी है। शहर में जगह-जगह पिचकारी, रंग-गुलाल व अन्य सामानों की दुकानें भी सजने लगी है। होली की खरीदारी को लेकर लोग अभी से काफी उत्साहित हैं। इस बार लोगों में गुलाल की खरीद को लेकर काफी जागरुकता देखी जा रही है। लोग साधारण और केमिकल युक्त गुलाल की जगह पर बिना केमिकल का नेचुरल गुलाल अधिक खरीद रहे हैं। वहीं इस वर्ष विभिन्न प्रकार के फूल व भाजी से निर्मित अबिर गुलाल भी बाजार में उपलध है। हालांकि यह अन्य अबिर-गुलाल से थोड़ी महंगी है पर पूरी तरह नेचुरल है। इससे त्वचा पर किसी तरह का नुकसान नहीं होने की बात कही जा रही है। पिचकारियों की बात करें तो दुकानों पर मिल रही कई प्रकार की पिचकारियां बच्चों को खूब लुभा रही है।
चाइना प्रोडक्ट बाजार से गायब
बाजार में विभिन्न प्रकार के पिचकारी उपलध है। वहीं बच्चों को विशेष रूप से डोरेमोन व छोटा भीम वाली पिचकारी काफी पसंद आ रहा है। वहीं खास बात यह है कि बाजारों में त्वचा पर नकारात्मक असर डालने वाले चाइना के रंग इस बार बाजारों से पूरी तरह गायब दिख रहे हैं।
पिछले वर्ष की तुलना
में सामानों के बढ़ें हैं दाम
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष महंगाई कुछ बढ़ी है। व्यवसायियों का कहना है कि पिचकारी, रंग-गुलाल व अन्य सामानों में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 15 से 20 प्रतिशत महंगे हुए हैं।
डरावने व राजनेताओं के
मुखौटों पर प्रतिबंध
जिला प्रशासन का सख्त निर्देश के बाद इस वर्ष डरावने व राजनेताओं के चेहरे का मुखौटों पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। अगर डरावने व राजनेताओं के चेहरे का मुखौटो बेचने पाए जाने पर दुकान सील करने का निर्देश है। इस लिए व्यवसायी ऐसे मुकौटे बेचने में परहेज कर रहे हैं।
किसके कितने दाम
पिचकारी – 50 से 2000 रुपए तक
सामान्य गुलाल- 20 रुपए से शुरू
हर्बल रंग – 50 रुपए से शुरू
कलर स्प्रे – 100 रुपए से शुरू
होली के मौके पर आपको बाज़ार में पेस्ट, सूखे रंग, गीले रंग जैसे कई विकल्प मिल जाएंगे। बाजार में ज्यादातर ऐसे रंग मिलते हैं, जिनमें केमिकल्स की मात्रा काफी होती है। लेकिन फिर ये सस्ते और पक्के होते हैं, इसलिए ज़्यादातर लोग इन्हीं को खरीदते हैं। ये रंग न सिर्फ आपकी त्वचा बल्कि शरीर के कई अंगों को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
डॉ. पीके सिन्हा,
चर्म रोग विशेषज्ञ