- शिकायतों की लंबी लिस्ट के बावजूद मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी पर आखिर कौन है मेहरबान ?
- ना थाना ना बदला ना जिला बदला एक ही थाने में इतने लंबे समय से कैसे हैं जमे हुए मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी?
- 4 महीने की दुधमुही बच्ची की मां को जाना पड़ा जेल,पुलिस की कार्यवाही पर उठे सवाल
- पुलिस ने जब आबकारी मामले में इतनी बड़ी कार्यवाही की तो प्रेस विज्ञप्ति जारी क्यों नहीं की?
- आदिवासी गरीब महिला का जेल जाना पूरे शहर में चर्चा का विषय
- आखिर कब मिलेगा मनेंद्रगढ़ वासियों को इस थाना प्रभारी से निजात
- उप निरीक्षक से निरीक्षक हो गए फिर भी स्थानांतरण का इंतजार, पदोन्नति के बाद तबादले की सूची का इंतजार
- बड़े अवैध कारोबारियों के लिए इनका रहना सुखद क्यों?
- इनके कार्यकाल में बड़े अपराधी पाक साफ छोटे तबके के लोग आरोपी क्यों?
-रवि सिंह –
एमसीबी, मनेंद्रगढ़ 01 मार्च 2023 (घटती-घटना)। अविभाजित कोरिया से लेकर विभाजित एमसीबी जिले का इकलौता मनेंद्रगढ़ थाना जहां एक प्रभारी अपने 3 साल का कार्यकाल पूरा करने की दहलीज ही पर खड़े है जो 3 महीने बाद पूरा होगा, इनके एक ही थाने में इतने लंबे कार्यकाल के दौरान शिकायतों की एक लंबी सूची है लेकिन इसके बावजूद इन पर मेहरबानी बरसती रही यह भी एक बड़ा सवाल है कि आखिर मेहरबानी किसकी वजह से बरसती रही? जनता भले दुखी हो जाए पर थाना प्रभारी पर मेहरबानी बरसती रहेगी चाहे क्यों ना चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा पर मेहरबानी तो थाना प्रभारी पर बरसती रहेगी कुछ इसी अंदाज में मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी पर मेहरबानी बरस रही है? शिकायत करने वाले शिकायत कर रहे हैं मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी से प्रताड़ना की शिकायत कई बार हो चुकी है पर जांच में कथन लेने के बाद पूरा मामला ठंडे बस्ते में पड़ जाता है एक बार फिर मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी की शिकायत मुख्यमंत्री सहित तमाम उच्च अधिकारियों से की गई है और उन पर आरोप लगाया गया है अवैध शराब बिक्री करने वाली महिला को उसके 4 महीने के बच्चे के साथ जाना पड़ा जेल। उसके ऊपर जो कार्यवाही की गई है वह थाना प्रभारी द्वारा गलत तरीके से हुई।
महिला के भाई दीपक सिंह के शिकायत अनुसार छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री के नाम एमसीबी जिला कलेक्टर एवं एसपी कार्यालय में शिकायत पत्र सौंप न्याय की गुहार लगाई। दीपक सिंह ने बताया मेरे बड़े पापा की लड़की सिपाही पारा में निवास करते हैं। हम आदिवासियों को शासन द्वारा हमें अपने घर में शराब बनाकर पीने की छूट है। दिनांक 25/02/2023 दिन शनिवार को मेरे बहन घर में अकेली थी मेरा जीजा भी बाहर अमरकंटक गए हुए थे अचानक पुलिस वाले मेरी बहन के घर में दबिश देखकर घुस गए घर में तलाशी लेने लगे 10 बोतल कच्ची महुआ शराब जप्त कर मेरी बहन से केस नहीं बनाएंगे ऐसे कह कर पैसे की डिमांड करने लगे पुलिसकर्मियों के द्वारा 15 हजार की मांग की गई मेरी बहन ने कहा कि मेरे पास 2 हजार है अभी आप ले लीजिए बाकी का पैसा मैं आपको कल दे दूंगी नहीं माने, महिला पुलिस साथ में नहीं थी शाम के समय 07 बजे या 08 का समय होगा मेरी बहन को जबरदस्ती पुलिस वाले अपने साथ में 4 माह का छोटा बच्चा गाड़ी में बैठा कर मनेंद्रगढ़ थाना कोतवाली ले गए। शिकायतकर्ता के आरोप अनुसार दिनांक 25/02/2023 दिन शनिवार मनेंद्रगढ़ कोतवाली थाने में महिला पुलिस के बगैर उपस्थिति रात भर बहन को थाने में बैठा कर रखा गया। दिनांक 26/02/2023 को 10 लीटर शराब जप्त कर, 30 लीटर शराब का केस बना कर जेल भेज दिया मैंने अपने आवेदन में 25/02/2023 सीसीटीवी कैमरा की जांच कर फुटेज की मांग की है। ताकि हमें पता लग सके मेरी बहन के साथ कोई अन्याय तो नहीं हुआ है क्योंकि महिला पुलिस उसके साथ में होना चाहिए जो रात भर उपस्थित नहीं थी। साथ ही यह भी पता लग जाएगा। जब मेरी बहन मनेंद्रगढ़ थाना कोतवाली उस समय महिला पुलिस उसके साथ थी कि नहीं थी जो जांच का विषय है। मैं मीडिया के माध्यम से अपनी बात छाीसगढ़ के मुखिया तक पहुंचाना चाहता हूं। यह बताना चाहता हूं जब छत्तीसगढ़ राज्य में एक आदिवासी महिला अपने को सुरक्षित महसूस नहीं कर रही है। प्रेस मीडिया के माध्यम से छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री से अपील है मनेंद्रगढ़ कोतवाली थाने का मामला है इससे निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई करने की कृपा करें।
शिकायतकर्ता ने कहा है हमे घर पर पीने के लिए शराब बनाने की है छूट
शिकातकर्ता ने प्रदेश के मुखिया सहित अन्य को भेजे गए शिकायत में उल्लेख किया है की वह आदिवासी समुदाय से आते है और उन्हे घर पर शराब बनाकर पीने की छूट है।उसके बावजूद उनकी बहन के ऊपर शराब मामले में कार्यवाही की गई है और उनकी बहन जिसका तीन वर्षीय बच्चा भी है को गिरफ्तार किया गया है जो गलत है।
शहर में संचालित अवैध शराब ठिकानों पर नहीं डालती मनेद्रगढ पुलिस छापा
मनेद्रगढ़ पुलिस शहर में ही संचालित अवैध शराब ठिकानों पर छापा नहीं डालती जबकि शहर में कई जगह शराब अवैध रूप से परोसी जा रही है। शहर में संचालित अवैध शराब ठिकानों को क्यों छूट दी गई है यह बड़ा सवाल है। मनेद्रगढ थाना प्रभारी की दोषपूर्ण कार्यप्रणाली को लेकर पहले भी इस तरह के सवाल उठते रहें हैं लेकिन उन पर कभी किसी ने संज्ञान नहीं लिया है और उनकी मनमानी बढ़ती जा रही है।
थाना प्रभारी को एक ही पुलिस थाने में होने जा रहें हैं तीन वर्ष,आखिर किसकी है मेहरबानी
शहर के थाना प्रभारी को एक ही पुलिस थाने में तीन वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करते होने जा रहा है। शहर के ही थाना प्रभारी रहते हुए उन्हे पदोन्नति मिली और लोगों को लगा की पदोन्नति उपरांत उनका तबादला जरूर होगा लेकिन नहीं हुआ। आखिर उनके ऊपर किसकी मेहरबानी है यह एक बड़ा सवाल है।
यह है गिरफ्तार महिला के भाई की मुख्यमंत्री से गुहार
महिला के भाई की गुहार प्रदेश के मुखिया से यह है की उसकी बहन को बिना किसी महिला पुलिसकर्मी की उपस्थिति में गिरफ्तार किया गया वहीं उसे रात भर पुलिस थाने में बैठाकर रखा गया जिसकी सीसीटीवी फुटेज से पुष्टि होगी जो पुलिस थाने से मिलेगी वह उसे चाहिए वहीं पूरे मामले में वह प्रेस के माध्यम से प्रदेश के मुखिया तक भी अपनी बात पहुंचाना चाहता है।