नई दिल्ली@अब अरविंद केजरीवाल के सामने आई कई चुनौतियां

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नई दिल्ली,27 फ रवरी 2023 (ए)। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद अब अरविंद केजरीवाल सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं। सत्येंद्र जैन के बाद दिल्ली सरकार के दूसरे बड़े मंत्री की गिरफ्तारी हुई है। मनीष सिसोदिया के पास 18 मंत्रालय की जिम्मेदारी है। सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद से उनके छह मंत्रालय भी इन्हीं के पास हैं। सिसोदिया के पास दिल्ली सरकार के लगभग सभी महत्वपूर्ण मंत्रालय हैं।
दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने सिसोदिया को दिल्ली आबकारी नीति (2021-22) घोटाला मामले में पांच दिन यानी चार मार्च तक सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है। सिसोदिया को अब सीबीआई मुख्यालय लाया गया है। सीबीआई ने कोर्ट में बताया कि सिसोदिया पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। साथ ही कहा कि आगे की जांच के लिए रिमांड जरूरी है।
ये विभाग हैं
सिसोदिया के पास
इनमें शिक्षा, वित्त, योजना, भूमि और भवन, सेवाएं, पर्यटन, कला-संस्कृति और भाषा, जागरूकता, श्रम और रोजगार, लोक निर्माण विभाग के अलावा स्वास्थ्य, उद्योग, बिजली, गृह, शहरी विकास, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण व जल विभाग शामिल हैं। सिसोदिया दिल्ली सरकार में सबसे प्रभावशाली मंत्री है। राज्य सरकार के सभी बड़े मंत्रालय उन्हीं के पास हैं। सिसोदिया सीएम केजरीवाल के सबसे भरोसेमंद नेता हैं। चुनौती ये है कि दिल्ली का अब बजट भी पेश होने वाला है।
दिल्ली का बजट होना है पेश
अरविंद केजरीवाल के सामने दिल्ली सरकार के बनाने के बाद से ये सबसे चुनौती सामने लग रही है। दिल्ली में कुछ दिनों बाद ही बजट पेश होना है। क्योंकि सिसोदिया के पास ही वित्त मंत्रालय है।
यह वह समय भी है, जब सरकार आगामी वित्त वर्ष के लिए बजट की तैयारी कर रही है। ऐसे में वित्त विभाग की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। सिसोदिया सरकार में शुरू से ही वित्त मंत्री रहे हैं और आप सरकार के आने के बाद से सरकार का बजट 30 हजार करोड़ से 75000 करोड़ तक जा पहुंचा है, लेकिन यह सब कैसे आगे जारी रह पाएगा, यह भी एक सवाल है।
कौन पेश करेगा दिल्ली का बजट?
सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि उनकी अनुपस्थिति में दिल्ली का बजट कौन पेश करेगा। अब तक की योजना के अनुसार, बजट सत्र 13 या 14 मार्च से शुरू किया जाना था। अभी बजट बनाने का काम चल रहा है। सभी विभाग बजट में अपने-अपने लिए धनराशि की मांग रख रहे हैं, जिन्हें समायोजित कर बजट बनाया जाना है। दूसरे शब्दों में कहें तो बजट एक ऐसी प्रक्रिया है, जो जल्द नेताओं और अधिकारियों की समझ में नहीं आती है। अब कुल मिलाकर सरकार में कैलाश गहलोत ही एक ऐसे मंत्री हैं, जो अनुभवी हैं। माना जा रहा है कि गहलोत ही बजट पेश कर सकते हैं, लेकिन यह उनके लिए भी आसान नहीं होगा और उन्हें इसके लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
सत्येंद्र जैन से गिरफ्तारी के बाद विभाग लिए लेकिन नहीं लिया मंत्री पद
दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनसे सभी विभाग लेकर सिसोदिया को सौंप दिए थे, लेकिन मंत्री पद अभी भी उनके पास हैं। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि उन्हें जान-बूझकर फंसाया गया है। अगर सिसोदिया के साथ ही ऐसी स्थिति बनती है तो उनके विभाग किसके पास जाएंगे, यह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास बड़ी चुनौती होगी।
अगले साल लोकसभा चुनाव, और भी कई चुनौतियां
अगले साल लोकसभा चुनाव भी होने वाले हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी देशभर में विस्तार भी कर रही है। पार्टी दिल्ली के शिक्षा मॉडल को देशभर में भुनाती है। जबकि शिक्षा मंत्रालय सिसोदिया के पास ही है। इस साल और अगले साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव और 2024 में लोकसभा चुनाव भी होने हैं। अगर सिसोदिया का मामला लंबा चला तो अरविंद केजरीवाल के सामने कई चुनौतियां होंगी, जिनका सामना करना होगा और उन्हें हल करना होगा।


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