- आखिर क्यों भड़क गई जनपद पंचायत खड़गवा की अध्यक्ष?
- क्या आदिवासी महिला होने पर हो रही हैं उपेक्षा की शिकार?
- विधायक व अधिकारी कर रहे है सार्वजनिक कार्यक्रम में निरंतर अध्यक्ष की उपेक्षा
- जिस कार्यक्रम में जनपद अध्यक्ष ने उपेक्षा का लगाया आरोप
- उक्त कार्यक्रम को मंच संचालक ने कार्यक्रम को बताया ब्लॉक कांग्रेस कमेटी का कार्यक्रम
- कार्यक्रम नवनिर्मित पुल के उद्घाटन का जैसा की बताते हैं सूत्र,ऐसे में कैसे हो गया लॉक कांग्रेस कमेटी का कार्यक्रम?
- मंच संचालक जिन्होंने कार्यक्रम को बताया ब्लॉक कांग्रेस कमेटी का वह स्वयं भारतीय डाक विभाग में कार्यरत:सूत्र
- कार्यक्रम में विकासखंड के अन्य कर्मचारी भी थे उपस्थित, क्या राजनीतिक दल के कार्यक्रम में भीड़ जुटाने बुलाए गए थे कर्मचारी?
–रवि सिंह –
चिरमिरी/खड़गवा 21 फरवरी 2023 (घटती-घटना)। खड़गवां जनपद पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती सोनमती उर्रे ने प्रेस वार्ता कर उनकी निरंतर हो रही उपेक्षा को लेकर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। जनपद पंचायत खड़गवा की अध्यक्ष सोनमती उर्रे ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत, कोरबा लोकसभा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत,मनेंद्रगढ़ विधायक डॉ विनय जायसवाल के द्वारा कोडंगी में पुल निर्माण का भूमिपूजन गत दिवस किया गया। जिसमे मुझे अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के द्वारा आमंत्रित किया जाना उचित नही समझा गया। इस दौरान मैं स्वयं कार्यक्रम में पहुंची और जमीन पर बैठ गई। मेरे वहा पहुंचते ही नेताओं और अधिकारियों में हड़बड़ी मच गई। जिसके बाद मुझे मंच पर बैठाया गया इस दौरान मैंने माइक लेकर उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी महिला होने का खामियाजा मुझे उठाना पड़ रहा है। निरंतर अधिकारियों और यहां के कांग्रेसी नेताओ के द्वारा मुझे अनदेखी किया जाता है। मैं आज अपनी पहचान की मोहताज नहीं हूं लेकिन मेरी पद की जो पहचान है कम से कम उसका सम्मान होना चाहिए। ज्ञात हो की ग्राम पंचायत कोडांगी के पास एक पुल के उद्घाटन के लिए मंच पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत कोरबा संसदीय क्षेत्र की सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत मनेंद्रगढ़ विधानसभा के विधायक डॉ विनय जायसवाल चिरमिरी नगर पालिक निगम की महापौर श्रीमती कंचन जायसवाल नगर पालिक निगम की सभापति श्रीमती गायत्री बिरहा के साथ कई ग्राम पंचायतों के सरपंच सचिव एवं अन्य कई प्रशासनिक अधिकारी के बीच जनपद पंचायत खड़गवा की अध्यक्ष पहुंची जहां एक तरफ उनके क्षेत्र में पुल के उद्घाटन समारोह में आमंत्रित न किए जाने का दुख रहा। वहीं दूसरी ओर द्वेषपूर्ण भावनाओं को लेकर जनपद अध्यक्ष ने मंच से पूरे भड़ास के साथ कहा कि मुझे किसी प्रकार की जानकारी दी नहीं जाती। अभी 8 महीना चुनाव का बचा है मैं एक आदिवासी महिला हूं। मैं जिधर रहूंगी अपने आदिवासी समाज के साथ रहूंगी। अध्यक्ष श्रीमती सोनमती ने कहा कि मैं एक आदिवासी महिला हूं बार-बार मेरा तिरस्कार किया जाता है। कम से कम मेरे पद का सम्मान होना चाहिए आज मैं जिस पद पर हूं उस पद की गरिमा है लेकिन भाजपा की समर्थित अध्यक्ष होने के कारण हर बार मुझे उपेक्षित किया जाता है ऐसा पहली बार नहीं हुआ है इससे पहले भी अन्य कई कार्यक्रमों में भी इस प्रकार की उपेक्षा की जाती रही है। जबकि इससे पूर्व भाजपा के शासन काल में भी कांग्रेस समर्थित जनपद जिला पंचायत अध्यक्ष रहे है जिनकी कभी उपेक्षा नहीं किया गया। कांग्रेस सरकार में ही इस तरह का कार्य किया जा रहा है। भाजपा शासन के कार्यों को ही केवल पूर्ण करने का काम कांग्रेस कर रही है, कोई नया काम इस क्षेत्र में कांग्रेस नहीं कर पाई है हो सकता है उसी कारण ये सार्वजनिक कार्यक्रमों में बुलाना उचित नहीं समझते है।
कार्यक्रम में मंच संचालक ने कार्यक्रम को बताया ब्लॉक कांग्रेस कमेटी का कार्यक्रम
जिस कार्यक्रम में जनपद अध्यक्ष ने अपनी उपेक्षा को लेकर अपनी भड़ास भरे मंच से निकली उक्त कार्यक्रम में ही मंच संचालक ने जनपद उपाध्यक्ष के उद्बोधन के बाद यह जानकारी सार्वजनिक की की कार्यक्रम ब्लॉक कांग्रेस कमेटी का कार्यक्रम है। वैसे उक्त विषय में सोशल मीडिया में यह सवाल भी विपक्ष ने उठाया की क्या पुल का उद्घाटन ब्लॉक कांग्रेस कमेटी का कार्यक्रम है और क्या उक्त पुल का निर्माण ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने कराया है। वैसे विपक्ष के सवालों पर सत्ताधारी दल के लोग इस विषय पर मौन नजर आए।
कार्यक्रम में शासकीय कर्मचारियों की भी थी उपस्थिति,मंच संचालन भी भारतीय डाक विभाग के कर्मचारी द्वारा किया जा रहा था
कार्यक्रम जिसे जनपद उपाध्यक्ष के गुस्से से भरे उद्बोधन के पश्चात बेजवाब हुए सत्ताधारी दल के लोगों ने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी का कार्यक्रम बताकर बचने का प्रयास किया में शासकीय अधिकारी एवम कर्मचारियों की भी उपस्थिति थी और पूरी व्यवस्था भी वही सम्हाल रहे थे जैसा सूत्रों का कहना है,वहीं कार्यक्रम को मंच से जिन्होंने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी का कार्यक्रम बताया वह भी भारतीय डाक विभाग के कर्मचारी हैं जो लगातार मंच संचालन करते आ रहे है।
क्या शासकीय कर्मचारियों को भीड़ बढ़ाने कार्यक्रम में बुलाया गया था?
जिस नवनिर्मित पुल के उद्घाटन कार्यक्रम में जनपद अध्यक्ष ने अपनी भड़ास सत्ताधारी दल के नेताओ और अधिकारियों एवम कर्मचारियों पर उपेक्षा को लेकर निकाली उक्त कार्यक्रम को सत्ताधारी दल ने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी का कार्यक्रम बताकर बचने का प्रयास जरूर किया लेकिन यदि कार्यक्रम सत्ताधारी दल का था तो कर्मचारियों एवम अधिकारियों को क्या भीड़ बढ़ाने बुलाया गया था यह भी सवाल सत्ताधारी दल से विपक्ष कर रहा है।
कर्मचारी अधिकारी खुलेआम कर रहे राजनीतिक कार्यक्रमों में शिरकत
भाजपा की पिछली सरकार और अबकी कांग्रेस सरकार में यदि एक विषय पर देखा जाए जो अधिकारियों एवम कर्मचारियों के नेतागिरी से जुड़ी हुई है तो वर्तमान सरकार में कर्मचारी अधिकारी खुल कर राजनीतिक मंच साझा कर रहें हैं और उन पर कोई भी अंकुश नहीं लगाया जा रहा है जबकि भाजपा के शासनकाल में ऐसा कम ही देखने को मिलता था। वर्तमान में शासकीय विभागों में कार्यरत लोग ही मंच संचालन कर रहें हैं और खुलेआम नेतागिरी में शामिल हो रहें हैं जैसा की कोडंगी पुल उद्घाटन में भी देखा गया जहां भारतीय डाक विभाग में कार्यरत व्यक्ति राजनेताओं के लिए कसीदे पढ़ते देखे गए और वह वैसे भी खुलेआम नेतागिरी करते हैं जैसा सूत्रों का कहना है।
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