अंबिकापुर@सामजिक न्याय प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार

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अंबिकापुर 20 फरवरी 2023 (घटती-घटना)। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बिकापुर के अध्यक्ष तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश अम्बिकापुर राकेश बिहारी घोरे के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बिकापुर के सचिव अमित जिन्दल ने 20 फरवरी को बालिका संप्रेक्षण गृह अम्बिकापुर में जांच, विजीट की। इस दौरान विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन कर उपस्थित लोगों को बताया कि 26 नवंबर 2007 को संयुक्त राष्ट्र की साधारण सभा ने तय किया कि प्रत्येक वर्ष 20 फरवरी को विश्व सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मनाया जाएगा। जिन्दल ने बताया कि इस दिन को मनाने का उददेश्य है कि सामजिक अन्याय के विरूद्ध आवाज उठाना और विभिन्न समुदायों को गरीबी, समाजिक भेदभाव के विरुद्ध एकजुट करना है। जिन्दल ने बताया कि सामजिक न्याय प्रत्येक व्यक्ति को प्राप्त हो इसके लिए सविधान में पर्याप्त व्यवस्था की गई है। भारतीय संविधान में भी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बिकापुर के सचिव अमित जिन्दल ने नारी निकेतन में भी विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन कर उपस्थित लोगो को बताया कि किसी भी महिला को महिला होने मात्र के आधार पर नि:शुल्क विधिक सहायता का अधिकार है। अर्थात उसे मुफ्त मैं वकील की सुविधा प्राप्त करने का अधिकार है। जिन्दल ने यह भी बताया कि छग राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण विनियम 2003 के विनियम 13 के अनुसार महिला को उसका आवेदन तैयार करते समय भी प्राधिकरण आवश्यक सहायता करेगा। तथा छग राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण विनियम 2003 के विनियम 30 के अनुसार विधिक सहायता का क्षेत्र अत्यंत व्यापक है तथा इसमें न्याय शुल्क आदेशिका शुल्क का भुगतान तथा अन्य देय प्रभार, ड्राफटिंग, निर्णय की प्रति प्राप्त करना आदि शामिल है। छग राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण विनियम 2003 के विनियम 32 के अनुसार महिला की आय कितनी भी हो उसे निशुल्क विधिक सहायता का अधिकार है।


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