माघी पुन्नी मेला के अंतिम दिन लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु
राजिम ,18 फ रवरी 2023 (ए)। माघी पुन्नी मेला के समापन अवसर महाशिवरात्रि पर इस कदर भीड़ लगी रही कि अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ दिये। धक्का-मुक्की की भीड़ हर तरफ होती रही। वैसे मेला क्षेत्र 7 किलोमीटर से अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है। गरियाबंद, धमतरी, रायपुर जिला को मिलाकर तीनों जिला के सीमा पर यह मेला भरा हुआ है। बता देना जरूरी है कि शुक्रवार से ही महाशिवरात्रि के लिए भीड़ जुटना प्रारंभ हो गया था। शाम होते ही भीड़ बढ़ती जा रही थी। देर रात तक तो सांस्कृतिक कार्यक्रम बंद होने के बावजूद श्रद्धालुगण मेला क्षेत्र का भ्रमण करते रहे। पहट तीन बजे पुण्य स्नान शुरू हो गया था जो आज दिनभर चलती रही। स्नान पश्चात् भक्तों ने दीपदान किया।
यात्रियों के आने-जाने के लिए परिवहन विभाग ने रूट बदल दिया है। नवापारा से होते हुए जिला मुख्यालय गरियाबंद जाने के लिए बेलाहीघाट पुल, चौबेबांधा पुल पारकर पहुंचा जा रहा था। इस बायपास रोड में भी गाड़ी मोटरों का रेलमपेल लगा रहा। इसी तरह से ब्लॉक मुख्यालय फिंगेश्वर एवं महासमुंद जाने के लिए राजिम भक्तिन माता चौक पर रस्सा लगाकर शहर के अंदरूनी हिस्से पर आवागमन ब्रेक कर दिया गया था। बड़ी गाçड़यां पथर्रा होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग महासमुंद के लिए प्रस्थान कर रही थी। चूंकि सड़कें की चौड़ाई कम होने के कारण वाहनधारियों को संभल कर गाड़ी चलाना पड़ा।
हर पांच मिनट में
होती रही टै्रफिक जाम
भीड़ को कवरेज करने के लिए जिला प्रशासन ने जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात कर दिये है। बावजूद इसके विषम परिस्थितियां बनती रही। राजिम पुल के मध्य में बैरीकेट्स लगाकर डिवाईडर बना दिये गये है। सुबह से ही भीड़ गई और देखते ही देखते जाम की स्थिति निर्मित होती रही। साधुसंतों की स्नान यात्रा जैसे ही चौराहे से होकर गुजरी पांव रखने तक की जगह नहीं मिली। यही स्थितियां सभी सड़कों पर देखने को मिली। बाहर से आने वाले यात्रियों को पार्किंग स्थल पर ही रोक दिया गया। आने वाले श्रद्धालुओं को पैदल मेला स्थल तक आना पड़ा। चौबेबांधा मार्ग पर सत्ती मंदिर के पास लोहे का ब्रेकर लगा दिये थे। जिसके कारण चार पहिया या फिर दो पहिया वाहन को जाने नहीं दे रहे थे। भीड़ को देखते हुए होमगार्ड के जमान भी टै्रफिक पुलिस का काम किया। शहर में हर पांच मिनट में टै्रफिक जाम की स्थिति तस्वीर को बदल कर रख दी।
मेला क्षेत्र में होते रहे धक्का-मुक्की
पिछले तेरह दिनों में पहली बार धक्का-मुक्की की नौबत देखने को मिली। चौड़ी रेत की सड़कें होने के बावजूद धक्के खा कर आगे बढ़ते रहे। इन्हें देखकर एक बुजुर्ग ने आखिरकार कह ही दिया यही तो मेला है। धक्का नहीं खाया तो मेले का मजा का कहां लिया। महानदी आरती स्थल के तिराहे पर बड़ी भीड़ रही। वीवीआईपी मार्ग, रामवाटिका, अटलघाट मार्ग, मामा-भांचा मार्ग से लेकर पूरे नदी क्षेत्र में रेलमपेल देखने को मिला।
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