बैकुण्ठपुर@पहले संजय चौक,फिर घड़ी चौक और अब अंततःकोरिया कुमार चौक के नाम से जाना जाएगा जिला मुख्यालय बैकुंठपुर का मुख्य चौक

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  • क्या अंबिका हुईं कांग्रेस प्रत्याशी तो फिर काका के नाम पर होगी राजनीति?
  • स्व.डॉ.रामचंद्र सिंहदेव की जयंती के बहाने शक्ति प्रदर्शन कर दिया कुछ ऐसा ही संदेश

रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 13 फरवरी 2023 (घटती-घटना)। पहले संजय चैक, फिर घड़ी चैक और अब अंततः कोरिया कुमार चौक के नाम से जाना जाएगा जिला मुख्यालय बैकुंठपुर का मुख्य चौक, कांग्रेस शासन काल में नगरपालिका परिषद बैकुंठपुर की तात्कालिक परिषद के द्वारा घड़ी चौक को हटाकर कोरिया कुमार चौक करने का प्रस्ताव पास किया गया था, प्रस्ताव पास करने के बाद गत वर्ष ही चौक पर कोरिया कुमार की आदमकद प्रतिमा लगाई गई और उसका अनावरण इस चुनावी वर्ष में जयंती के अवसर पर किया गया, कुमार साहब की जयंती के अवसर पर प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव,गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू,शिक्षा मंत्री प्रेरमसाय सिंह,संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव,सविप्रा उपाध्यक्ष गुलाब कमरो, विधायक विनय जायसवाल,देवेन्द्र यादव समेत अनेक जनप्रतिनिधियो की मौजूदगी में प्रतिमा का अनावरण किया, मुख्यमंत्री को पैलेस के पीछे ग्राउंड पर भी ले जाया गया जहां उन्होने समाधि पर पुष्प अर्पित किया, चुनावी वर्ष में हुए इस आयोजन को लेकर अब लोगो की तरह तरह प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है।
क्या काका के नाम पर ही लड़ा जाएगा आगामी चुनाव ?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम से लगभग 1 घंटा देरी से बैकुंठपुर पहुंचे,स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव,गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, शिक्षा मंत्री प्रेममसाय सिंह के साथ मुख्यमंत्री का उड़नखटोला मिनी स्टेडियम मे बनाये गये हेलीपेड पर पहुंचा यहां से वे सीधे मुख्य चैक पहुंचे और स्व.कुमार साहब की प्रतिमा का अनावरण कर पुष्प अर्पित किया। मुख्य चौक पर काका यानि की कुमार साहब की प्रतिमा लगाई गई और अब उस चौक को भी कोरिया कुमार चौक के नाम से जाना जाएगा, चुनावी वर्ष में प्रदेश के मुखिया के हाथो कराये गये अनावरण कार्यक्रम के बाद अब कयास लगाया जा रहा है कि आगामी चुनाव बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस काका के नाम पर ही लड़ेगी।
टूटा कोरिया,अब काका का सपना आखिर कैसे होगा पूरा
मध्यप्रदेश से जब छत्तीसगढ का विभाजन नही हुआ था तब 25 मई 1998 को सरगुजा से अलग करते हुए कोरिया जिले का निर्माण किया गया था,उस दौरान मध्यप्रदेश की दिग्विजय सरकार में मंत्री रहे स्व.डॉ.रामचंद्र सिंहदेव ने अपनी राजनीतिक शक्ति के बदौलत बैकुंठपुर को जिला मुख्यालय बनवाया,सर्वविदित है कि उस दौरान मनेंद्रगढ से लेकर अन्य कई क्षेत्रों में भारी बवाल हुआ था। तब से कोरिया वासी बैकुंठपुर को जिला मुख्यालय और कोरिया जिला बनवाने का श्रेय कोरिया कुमार को ही देते हैं। वर्ष 2000 में केन्द्र की तात्कालिक अटल बिहारी सरकार ने मध्यप्रदेश से अलग करते हुए छत्तीसगढ राज्य का निर्माण किया उसके बाद ही धीरे -धीरे कोरिया में विकास की उम्मीद जगी, प्रारंभ के तीन वर्ष प्रदेश में कांग्रेस सरकार और फिर तीन पंच वर्षीय भाजपा शासनकाल में विकास के काफी काम हुये उसके बाद भी विकास की संभावनांए बनी हुई थी,2018 में फिर प्रदेष में कांग्रेस की सरकार बनी और देखते ही देखते बहुत ही कमजोर नेतृत्व के कारण अंततः कोरिया जिला अपने बाल्यकाल यानि की 22 साल में ही कांग्रेस की सरकार ने ही विखंडित कर कोरिया वासियों के सपने को चूर चूर कर दिया। पिछले विधानसभा चुनाव में खुद को कुमार साहब का राजनैतिक उत्तराधिकारी बताकार मैदान में उतारी विधायक अंबिका सिंहदेव जनता को यह समझाने में कामयाब ता हो गईं कि उन्हे काका का सपना पूरा करना है, लेकिन इसी कार्यकाल में काका के सपनो का कोरिया विखंडित कर दिया गया जिसकी बहुत ही टिस कोरिया वासियों के मन में है और इस त्रासदी को कोरिया वासी कभी भूल नही सकेंगे। सवाल यही उठता है कि काका के सपनो का कोरिया तोड़ने वाले आखिर अब कैसे उनके सपनो को पूरा कर पांएगे। उनकी जयंती पर प्रतिमा लगाने से ही सपना पूरा हो पाएगा यह आमजनो के मन में एक बहुत बड़ा सवाल है।
मुख्यमंत्री ने जयंती पर आकर क्या संदेश दिया
प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने करकमलो से कोरिया कुमार की प्रतिमा का अनावरण किया और घड़ी चैक का नाम कोरिया कुमार चैक करने का औपचारिक शुभारंभ किया,जिसने कोरिया को बसाया,संजाया संवारा उसी के कोरिया का विखंडन भूपेश बघेल द्वारा ही कर दिया गया और फिर आकर प्रतिमा का अनावरण किया गया। कोरिया का विखंडन कर कुमार साहब की प्रतिमा का अनावरण, यह दर्द अनावरण कार्यक्रम में भी स्पष्ट झलक रहा था, कार्यक्रम स्थल पर कांग्रेसियों के अलावा, स्कूली बच्चो की भीड़,पत्रकार,अधिकारी कर्मचारी,चुनिंदा व्यापारी और नगरपालिका के अमले के अलावा शहर के आमजनो,व्यापारियों की भीड़ एकदम नही थी,कार्यक्रम स्थल पर कोरिया के विभाजन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले मुख्यमंत्री के अलावा भरतपुर सोनहत विधायक गुलाब कमरो के साथ मनेंद्रगढ विधायक विनय जायसवाल भी मौजूद रहे,यह दृश्य अब कोरिया वासियों हो हर पल चोट करता है। तो वहीं सवाल उठता है कि जयंती कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बैकुंठपुर आए और बमुश्किल आधा घंटा समय यहां उन्होने दिया,न किसी विकास की घोषणा की और न ही कोरिया वासियों को कुछ सौगात ही दी, आखिर वे क्या संदेश देना चाहते थे यह समझ से परे है।
मतलब परिवार से दूर रहकर राजनीति ही करेंगी अंबिका सिंहदेव
हाल ही में विधायक अंबिका सिंहदेव की पारिवारिक लड़ाई सामने आई है, उनके पति ने सोषल मीडिया का सहारा लेकर कई बातो को सार्वजनिक कर दिया है, उन्होने साफ शब्दों में कह दिया कि अंबिका जी राजनीति छोड़े या मुझे, कई बातों के सामने आने के बाद अंबिका सिंहदेव के राजनैतिक भविष्य के बारे में लोग काफी आषंकित थे लेकिन इस कार्यक्रम को देखकर अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे राजनीति के मैदान मे ही रहना चाहती हैं, वे परिवार से दूर रहेंगी।
जयंती के बहाने शक्ति प्रदर्शन
प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम के बाद कोरिया पैलेस के पीछे मैदान में कुमार साहब की समाधि पर मुख्यमंत्री समेत तमाम नेताओ ने उन्हे श्रद्वांजलि अर्पित की,यहां लाई गई भीड़ प्रषासनिक अमले की देन थी,पंचायतो में सचिवो को भीड़ लाने की जिम्मेदारी दी गई थी,भीड़ स्वस्फूर्त नही आई थी,कांग्रेसियो के अलावा शहरवासी भी काफी कम थे,किसी प्रकार भीड़ जुटाकर विधायक अंबिका सिंहदेव ने शक्ति प्रदर्शन ही किया है,उन्होने संदेष देने का प्रयास किया कि वे ही आगामी चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस की प्रत्याशी होंगी। उन्हे पार्टी मैदान में उतारती है या नही यह तो देखने वाली बात होगी लेकिन इतना तय है कि जयंती कार्यक्रम को उनके लिए शक्ति प्रदर्शन का माध्यम बनाया गया।


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