खाद्य विभाग कार्यवाही के नाम पर कर रहा है खानापूर्ति
खादय विभाग के अधिकारी कहते हैं कैसे पकड़े बोरी बदली रहती है
खादय विभाग के अधिकारियों के कार्य प्रणाली पर उठ रहे तरह तरह के सवाल,उचित मूल्य के चावल को लेकर खुलेआम जारी है कालाबाजारी
पीडीएस के चावल खरीदी बिक्री में बिचौलिए जिले एवं विकास खंड मे हैं सक्रिय,जानबूझकर अनजान बना बैठा है जिले का खाद्य विभाग, अधिकारी भी बैठे हैं मौन
- राजेन्द्र शर्मा-
खड़गवां,12 फरवरी 2023 (घटती-घटना)। एमसीबी जिले में छाीसगढ़ सरकार की सबसे बड़ी महत्वकांक्षी योजना जिसमें गरीब परिवारो को एक रुपए किलो चावल दिए का प्रावधान है और गरीब रेखा से ऊपर जीवनयापन करने वालों के लिए 10 रूपये किलो चावल दिए जाने का प्रावधान है।लेकिन इस योजना के आड़ में उचित मूल्य में मिल रहे चावल की कालाबाजारी का बड़ा खेल चल रहा है इस विकास खंड मे प्रति माह लगभग हजारो विंटल चावल जो शासकीय उचित मूल्य की दुकानो से वितरण किया जाता है,उसे गांव के कुछ चर्चित बिचौलिए एवं कोचियों द्वारा राशन कार्ड धारियों से ऊंचे दाम पर घर घर चार पहिया वाहनों मे भरकर एवं हाट बाजारों मे फड लगाकर धडल्ले से खरीदते देखे जा सकते हैं और अपने निर्धारित अड्डों पर खरीद कर राइस मिलरो के पास बेचा जाता है,यह खरीदी लगभग विभिन्न कोचियों एवं दलालों के माध्यम से प्रीतिदिन पूरे विकास खंड सतर पर लगभग 10से 15 लाख रुपए तक की खरीदी बताई जाती है, और यह खेल खाद्य विभाग के संरक्षण में कथित रूप से विकास खंड में जारी है और खाद्य विभाग सबकुछ जानकर भी मौन और मूकदर्शक बना है।
पीडीएस के चावल की
बारीकी से जांच करने की जरूरत
क्षेत्र के चर्चित कौचिए एवं दलालों और पीडीएस दुकान संचालकों की जांच कराई जाए तो इनके कई काले कारनामों का चिट्ठा खुल जाएगा। सूत्रों की माने तो पूरे शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पीडीएस के चावल की खरीदी कर रहे हैं, क्षेत्र के दर्जनों कौचिए एवं दलाल शहर के सफेदपोश राइस मिलरो के लिए काम कर रहे हैं क्षेत्र के हाट बाजारों मे धडल्ले से दिन दहाडे भर ऑटो और पिकअप गांव एवं सभी वार्डों में जाकर राशन कार्ड धारियों से माल खरीदते हैं और अपने गोदामों में स्टाक करते हैं और धडल्ले से सफेद बोरीओ मे भरकर खुलेआम दिनदहाड़े
इनके करीबी सफ़ेद पोश राइस मिलर के यहां ऊक्त चावल को पहुचाते है यह खेल पूरे क्षेत्र में पूरी तरह रात दिन खेला जा रहा है।
एक रूपए किलो का चावल खरीद राइस मिलरो को बेचा जा रहा 20 रूपए में
पीडीएस आ चावल कौचिए एवं दलाल कथित गरीबी रेखा राशन कार्ड धारियों से 1 रूपए किलो का चावल 15 रूपए किलो में खरीदकर राइस मिलरो को रूपए 20 के दर से बेचते हैं, क्षेत्र राइस मिलरो का क्षेत्र मे दबदबा होने के कारण स्थानीय प्रशासन भी उनके आगे नतमस्तक रहता है।
छाीसगढ़ शासन के नए नियमों के आधार पर यदि पीडीएस के चावल की कोई भी खरीदी बिक्री करता है तो उस पर आवश्यक वस्तु अधिनियम और अन्य पीडीएस की धाराओं के तहत सीधे जेल भेजने के निर्देश हैं।
इस मे खादय विभाग के अधिकारी कहते हैं कि चावल में यह तो नहीं लिखा होता कि ये चावल पी डी एस का है,शासन के नियमों के अनुसार यदि सरकारी बरदाने में है तो वही चावल सरकारी माना जाएगा इस आधार पर कौचिए एवं दलाल प्लास्टिक की बोरियों में चावल एकत्र करते हैं इन्हीं प्लास्टिक की बोरियों में राइस मिल तक चावल पहुंचाते भी है,
पीडीएस के चावल की खरीदी बिक्री में लाखों रुपए प्रति महीना कमाया जा रहा है और इस तरह से शासन के आंखों में धूल झोंकने का काम किया जा रहा है।
छाीसगढ़ सरकार का चावल बिचौलियों के लिए लाखों रुपये कमाई का जरिया
पूरे जिले में प्रत्येक महीने लगभग पचासो हजार किंटल चावल की खपत होती है उसी तरह से जिले में फर्जी कार्ड धारियों की भी संख्या बहुत अधिक है इन फर्जी गरीब कार्ड धारियों का चावल कौचिए खरीद लेते हैं इस पूरे जिले से लगभग चावल 25 से 26 हजार किंटल चावल वापस राइस मिलरो के बहुत ही आसानी से उन तक पहुंच जाता है फिर से राइस मिलर उस चावल को साफ सफाई करके सरकारी बरदाने में पैक कर खाद्य अधिकारी के निर्देश पर सरकारी एफसीआई गोदामो में प्रतिदिन भेजते रहते हैं और फिर से वह चावल पीडीएस दुकानों में भेजा जाता है सरकारी दुकानों से फिर आम जनता तक पहुंच जाता है आधा चावल आम जनता के उपयोग में आता है और फिर ऊंचे दाम पर ये लाचार और गरीब कार्ड धारी लोग पुनः उन कौचिए और दलालों को बेचते हैं कौचिए एवं दलाल राइस मिलरो को भेजते हैं और इस तरह से खरीदी बिक्री का बड़ा खेल लगातार क्षेत्र में दिनदहाड़े खुलेआम खेला जा रहा है।