- 2 साल पहले चरचा खदान में कर्मचारी के मौत मामले में खान प्रबंधक,सुरक्षा अधिकारी,शिफ्ट इंचार्ज व बेल्ट इंचार्ज के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या का मामला हुआ दर्ज
- डीजीएमएस की रिपोर्ट के अनुसार चार लोगों की लापरवाही से गई थी कर्मचारी की जान
- चरचा थाना में दर्ज हुआ एक अधिकारी व तीन स्टॉप पर मामला,सह प्रबंधक के पत्र में लापरवाही करने वाले का दिया नाम
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 12 फरवरी 2023 (घटती-घटना)। कोयला खदान के अंदर कई बार दुर्घटना में कामगरो की जान चली जाती है पर लापरवाही उजागर नहीं हो पाती जिस वजह से मामला थाने तक नहीं पहुंचता, कई दुर्घटनाओं में ऐसा ही देखने को मिला है एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र के अंतर्गत संचालित चरचा, कटकोना व पांडवपारा खदानों में कई बार श्रमिकों की जान चली गई, वह भी अधिकारियों व स्टाफ की लापरवाही से पर मामला उजागर ना होने की वजह से दोषी अधिकारी हर बार बच निकला करते थे, खदान के अंदर जांच करने वाले एजेंसियां अधिकारियों को बचाया करती थी और खदान दुर्घटना को हादसा बताकर फाइल बंद हो जाया करता था, ऐसे कई हादसे इस इस क्षेत्र में हुए होंगे पर किसी पर भी अपराध पंजीबद्ध नहीं हुआ, चरचा खदान में मई 2020 में एक खदान हादसे में एक व्यक्ति की मौत हुई थी, जिस मामले में 2 साल बाद चरचा थाने ने 304 ए के तहत खान प्रबंधक सहित 3 स्टाफ के खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया है और यह मामला डीजीएमएस के रिपोर्ट व प्रबंधक के आवेदन पर किया गया है यह अब तक का पहला ऐसा मामला है जिस में लापरवाही करने वाले पर कार्यवाही होने की उम्मीद जगी है।
मिली जानकारी के अनुसार एसईसीएल चरचा खदान में पदस्थ एनोसेंट तिर्की पिता कामिल तिर्की की उम्र 49 वर्ष निवासी वीटीसी कॉलोनी चरचा का 29 मई 2020 व 30 मई 2020 के दरमियानी रात करीब 2:00 बजे चरचा खदान के अंदर सी 7 पॉइंट पर अकेले ही ड्यूटी पर कार्य कर रहा था, उसके साथ अन्य किसी व्यक्ति की ड्यूटी नहीं लगाई गई थी जबकि बेल्ट ऑपरेटिंग करते समय अनिवार्य रूप से दो व्यक्तियों की ड्यूटी लगी होनी थी, जबकि मृतक की कैटेगरी 5 सपोर्ट मिस्त्री के पद पर चरचा वेस्ट में पदस्थ था और उस दिन उसके पास पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था भी उपलध नहीं थे, इसके बावजूद बेल्ट ऑपरेटिंग करने का कार्य उसे दिया गया, जिस दौरान बेल्ट ऑपरेटिंग करते समय डिस्चार्ज ड्रम में फंसने से कर्मचारी की मौत हो गई, पुलिस ने घटना के पश्चात जांच दौरान लगातार सब एरिया मैनेजर चरचा व खान सुरक्षा महानिदेशालय से मृत्यु के संबंध में रिपोर्ट चाहा गया, जो रिपोर्ट में खान सुरक्षा महानिदेशालय बिलासपुर द्वारा मृतक की मरने की वजह प्रबंधक की गलती बताई, जिसके बाद पुलिस ने घटना दिनांक के दौरान जिम्मेदार अधिकारी व स्टॉप का नाम सह प्रबंधक को पत्र लिखकर मांगा जिसके बाद सह प्रबंधक ने घटना दिनांक में पदस्थ खान प्रबंधक, बेल्ट इंचार्ज, सेफ्टी ऑफिसर, शिफ्ट इंचार्ज का नाम बताया जिस पर पुलिस ने इनके विरोध 304 (ए) गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जिसमें इनकी अधिकारियो की लापरवाही से एक कर्मचारी की मौत होने का मामला आया है।
यह थी प्रबंधक की लापरवाही
जिस व्यक्ति के खदान दुर्घटना में मौत हुई थी उससे उसके पद के विपरीत दूसरा काम कराया जा रहा था, जबकि वह उतने सुरक्षा उपकरणों के साथ वहां पर नहीं था जिस समय प्रबंधक उससे यह काम करा रही थी उस समय उसे अकेले उस जगह पर जाने दिया यही वजह है कि खान प्रबंधक से लेकर सुरक्षा अधिकारी, शिफ्ट इंचार्ज व बेल्ट इंचार्ज इसमें दोषी माने जा रहे हैं। डीजीएमएस की रिपोर्ट के अनुसार भी यही बताया गया कि प्रबंधन की लापरवाही है जिस पर पुलिस ने 2 साल बाद मामला पंजीबद्ध किया है।
2 साल तक क्या कर रही थी पुलिस?
प्रबंधन की लापरवाही से जब कर्मचारी की मौत हुई थी उसके बाद पुलिस 2 साल तक क्या कर रही थी? आखिर अपराध क्यों नहीं पंजीबद्ध किया था? सूत्रों की माने तो उस समय पदस्थ पुलिस कर्मचारियों ने अधिकारियों को बचाने के लिए मोटी रकम भी ली थी जिस वजह से अपराध पंजीबद्ध नहीं हो रहा था, 2 साल बाद एक विवेचक के द्वारा इस मामले में तत्परता दिखाते हुए मामला पंजीबद्ध कर लिया गया।
पहली बार लापरवाही मिलने पर एसईसीएल अधिकारी व स्टाफ के विरुद्ध हुआ मामला पंजीबद्ध
खदान हादसे प्रबंधन स्तर पर ही समेट लिए जाते थे नौकरी व मुआवजा देकर उसके पीछे की लापरवाही पर पर्दा डाल दिया जाता था जिस वजह से कई बार लापरवाही की वजह से दुर्घटनाएं होती रही और अधिकारी कर्मचारी बचते रहे पहली बार लापरवाही को लेकर मामला पंजीबद्ध हुआ है जो आगे होने वाले लापरवाहीओं अंकुश लगाएगा।