कोरबा,10 फरवरी 2023 (घटती-घटना)। एसीबी इंडिया प्रा. लिमिटेड चाकाबुड़ा को लाभ पहुंचाने के लिए आदिवासी होने का फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवा कर आदिवासियों की जमीन खरीदी-बिक्री करने के मामले में जांच तेज होने के साथ ही अब इन जमीनों के वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जल्द ही गैर आदिवासियों द्वारा खरीदी गई जमीन मूल आदिवासियों को वापस मिल जाएगी। इसके संबंध में एसडीएम द्वारा आवश्यक कार्यवाही शुरू की गई । दीपका में संचालित मेसर्स एसीबी इंडिया प्रा. लिमिटेड के कुछ लोगों के द्वारा स्वयं को आदिवासी बता कर इसका प्रमाण पत्र जारी करवाया गया। स्थानीय तौर पर किसी भी तरह से स्वयं और न ही इनके पूर्वज निवासी होने के बावजूद फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्राप्त कर स्थानीय वास्तविक आदिवासियों की सैंकड़ों एकड़ जमीन खरीद ली गई। इन्हीं जमीनों पर एसीबी इंडिया ने प्लांट और कालोनी आदि के निर्माण कराए हैं। इस मामले में हुई शिकायत के बाद शासन ने जांच उपरांत 23 फर्जी आदिवासियों को जारी जाति प्रमाण पत्र निलंबित कर दिए हैं। इसके पश्चात फर्जी तरीके से खरीदी गई जमीनों को उनके मूल भू-स्वामियों को वापस करने की मांग पर कार्यवाही चल रही है। इस संबंध में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं अनुविभागीय दण्डाधिकारी पाली के द्वारा सूचना जारी की गई है। जिला स्तरीय प्रमाण पत्र सत्यापन समिति के द्वारा पारित आदेश उपरांत स्थायी जाति प्रमाण पत्र निलंबित किए गए हैं। ये प्रमाण पत्र तत्कालीन कटघोरा एसडीएम द्वारा स्थायी तौर पर जारी किए गए थे जिन्हें अनुसूचित जनजाति के लिए उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति रायपुर के अंतरित आदेश होने तक के लिए निलंबित किया गया है। उपरोक्त अनुसार तहसीलदार हरदीबाजार द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर पाली एसडीएम के न्यायालय में मद 170 ख आदिम जनजाति वर्ग से गैर आदिम जनजाति वर्ग के व्यक्ति को अंतरण के तहत दर्ज प्रकरणों की सुनवाई शुरू कर दी गई है। इसके तहत जमीन के विक्रेता व क्रेता को 22 व 24 मार्च को पृथक-पृथक उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करने कहा गया है। ग्राम नुनेरा के कुल 19, ग्राम रतिजा के 24, ग्राम सरईसिंगार के विक्रेता सुखराम, क्रेता विक्रेता विश्वनाथ तथा ग्राम बांधाखार के इंदल सिंह-विनोद, मनोहर सिंह-विश्वनाथ को उपस्थित होने निर्देशित किया गया है। इस तरह धारा 170 ख के तहत कार्यवाही शुरू हो जाने से उम्मीद है कि जल्द ही जमीन फर्जी आदिवासियों से वापस लेकर मूल आदिवासियों को वापस कर दी जाएगी। इस पूरे फर्जीवाड़ा मामले में जिम्मेदार अधिकारी व कर्मियों सहित अन्य लोगों के विरूद्ध कार्यवाही लटकी हुई है। हालांकि जांच में सारा कुछ स्पष्ट हो चुका है लेकिन अभी अंतिम प्रतिवेदन शेष है। विभाग द्वारा विभागीय तौर पर छानबीन कराई जा रही है। तत्कालीन कटघोरा एसडीएम गजेन्द्र सिंह ठाकुर व अन्य की इसमें संलिप्तता उजागर हुई है। दोनों की निगाहें वास्तविक आदिवासियों को जमीन वापसी के साथ-साथ होने वाली पुलिस कार्यवाही पर भी टिकी हुई है।
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