कोलकाता , 08 फरवरी, २०२३ (ए)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित तौर पर कुछ महत्वपूर्ण सुराग हासिल किए हैं। ये सुराग युवा तृणमूल कांग्रेस के गिरफ्तार नेता कुंतल घोष की ओर इशारा करते हैं, जिन्होंने उगाही के पैसे को जायज बनाने के लिए लॉटरी का इस्तेमाल किया था। ईडी के सूत्रों ने कहा कि घोष के मामले में लॉटरी का एंगल कुछ हद तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और पार्टी के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल के खिलाफ हासिल किए गए सुरागों के समान है। घोष के लोग अलग-अलग व्यक्तियों से पुरस्कार विजेता लॉटरी टिकट खरीदता था और उनका उपयोग पशु-घोटाले की आय से बेहिसाब धन को खाते में बदलने में करता था।
ईडी सूत्रों ने कहा कि इस मामले में मंडल और घोष की कार्यशैली में बुनियादी अंतर है। मंडल के खिलाफ आरोप है कि उनके आदमी इन पुरस्कार विजेता टिकटों को व्यक्तियों से जबरदस्ती पुरस्कार राशि से बहुत कम राशि देकर खरीदते थे, जबकि घोष के आदमी विजेता को राजी कर ज्यादातर मामलों में जीती गई पुरस्कार राशि से थोड़ी अधिक राशि का भुगतान कर पुरस्कार-विजेता टिकट प्राप्त करते थे।
दूसरा अंतर यह है कि मंडल ने मुख्य रूप से उन पुरस्कार विजेता लॉटरी टिकटों को लक्षित किया जिसमें जैकपॉट, दूसरा पुरस्कार और तीसरा पुरस्कार शामिल था, जहां जीतने की राशि करोड़ों या लाखों में थी। हालांकि, घोष के मामले में, उन्होंने जनता का ध्यान भटकाने के लिए हजारों की छोटी राशि वाले पुरस्कार विजेता टिकटों को निशाना बनाया।
ईडी सूत्रों ने कहा कि उन्हें कुछ सुराग मिले हैं कि कुंतल विभिन्न जिलों में मुखबिरों की एक सीरीज चलाता था, जो नियमित रूप से उन जिलों में ऐसे लॉटरी टिकट जीतने वाले व्यक्तियों पर नजर रखते थे।
मूल पुरस्कार विजेता से टिकट प्राप्त करने के बाद, वह बैंक खाते के विवरण के साथ संबंधित लॉटरी एजेंसी के कार्यालय में टिकट प्रस्तुत करता था, जहां पुरस्कार राशि जमा करनी होती है। इस उद्देश्य के लिए उनके विभिन्न करीबी सहयोगियों के नाम पर कई बैंक खाते खोले गए।
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