चिरमिरी@क्या एसईसीएल चिरमिरी क्षेत्र के सिविल विभाग के अधिकारी भ्रष्टाचार में संलिप्त?

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  • क्या एक दशक से अधिक समय से जमे ओवरशियर और ठेकेदारों के बीच निर्माण कार्यों में चल रही पार्टनरशिप?
  • क्षेत्र में लगातार उठ रही है सिविल विभाग में अधिकारियों एवं ठेकेदारों के अवैध संपçा के जांच की मांग
  • कुशल इंजीनियरों के द्वारा बनाई गई निर्धारित तय राशि से 50 से 60 प्रतिशत बिलो लेकर कैसे करते हैं निर्माण कार्य?
  • मापन सुधार सामंजस्य से सप्लीमेंट्री पेपर में ठेकेदारो और ओवरशियर की हो रही है पार्टनरशिप

रवि सिंह-
चिरमिरी 07 फरवरी 2023 (घटती-घटना)। एसईसीएल चिरिमिरी क्षेत्र के सिविल विभाग के अधिकारियों कि मिली भगत से इन दिनों चल रहे निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है, ठेकेदार और ओवरसियरो के बीच सांठगांठ से करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के कार्य चल रहे हैं, वर्षों से चिरमिरी क्षेत्र में जमे ओवरसियर और ठेकेदारों के बीच कहीं कहीं तो घरेलू संबंध भी बड़े मधुर हो चले हैं, एक ठेकेदार एक ओवर सियर को अपना पेटेंट करा लिया है, पेटेंट कराने के बाद वह ओवरसियर केवल उसी ठेकेदार की गाड़ी में घूमता मिलेगा उसी ठेकेदार के साथ रात रंगीन करेगा उसी ठेकेदार के साथ घर परिवार की खरीदी भी करेगा ऐसी नई परंपरा की शुरुआत इन दिनों चिरमिरी क्षेत्र में देखने को मिल रही है।
मिली जानकारी के अनुसार एसईसीएल प्रबंधन अपने कामगारों को बेहतर से बेहतर सुविधा देने के लिए प्रयासरत रही है, लेकिन जिन कामगारों के जीवन शैली के उत्थान के लिए यह योजना लाई जाती है वे श्रमिक केवल अपनी जिम्मेदारी में मिले कार्यों को करने एवं माह में पेमेंट प्राप्त करने तक ही सजग रहते हैं,, यही कारण है कि शातिर अधिकारी उनके जीवन स्तर को ऊंचा करने एवं उनको बेहतर सुविधा प्रदान करने की गरज से पूरे चिरमिरी क्षेत्र में लगभग प्रतिवर्ष 100 करोड रुपए खर्च करती है, जो सारा पैसा इन अधिकारियों के भ्रष्ट आचरण के कारण भ्रष्टाचार में समा जाता है, और ठेकेदार नेता अधिकारी मिलकर खूब बंदरबांट करते हैं. ठेकेदार काम तो ले लेते हैं पर काम करते ही नहीं है, यदि ठेकेदार काम करना फिर भी चाहता है तो सिविल विभाग के अधिकारी उन्हें काम करने से मना करते हैं क्योंकि उन्हें पता है की जिन श्रमिकों के लिए प्रबंधन ने पैसा आवंटित किया है वे बड़े सहनशील हैं वे इसका विरोध नहीं करेंगे, यदि वह इसका विरोध करते हैं तो उन्हें चिरमिरी का काला पानी कहा जाने वाले सिंदूर गढ़ खदान की तरफ स्थानांतरण की धमकी दी जाती है महाप्रबंधक से मिलकर कई बार विरोध करने वाले कर्मचारी का स्थानांतरण भी करा दिया गया है बेचारा श्रमिक इस तरह से इन अधिकारियों के सामने लाचार होकर इनके किसी भी भ्रष्टाचार का विरोध नहीं कर पाता, और इस तरह से ठेकेदार नेता अधिकारी के हौसले बुलंद हैं और करोड़ों करोड़ों रुपए मिलजुल कर डकारे जा रहे हैं। कौनसा ओवरसियर किस ठेकेदार से पेटेंट…. वह भी क्रमशः अगले अंक में।
महंगाई के दौर में 50 से 60 प्रतिशत बिलो काम कैसे?
सिविल विभाग के ओवरसीयर्स ऐसे भी हैं जो ठेकेदारों के पाटनर भी है उनके द्वारा अपने चहेते और कथित पार्टनर ठेकेदार को इतना प्रतिशत बिलो काम डालो यह भी तय करते हैं और फिर यहीं से जमकर भ्रष्टाचार का खेल शुरू हो जाता है पूरे देश में महंगाई चरम पर है सभी निर्माण कार्यों में उपयोगी सामग्रियों के दर बड़े पैमाने में बड़े हुए हैं वही चिरमिरी एसईसीएल के ठेकेदार और सिविल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के मेलजोल से 50 से 60 प्रतिशत बिलो काम लेकर यह बेहद घटिया सामग्री लगा कर निर्माण और मेंटेनेंस का कार्य कर रहे हैं, कहते हैं कि जब गुणवाा चेक करने वाला अधिकारी निर्माण कार्य में खुद पाटनर हो जाए तो फिर भ्रष्टाचार की कोई सीमा नहीं होती ऐसे ही कुछ इन दिनों चिरमिरी क्षेत्र के सिविल विभाग में देखने को मिल रहा है, भारत सरकार की जांच एजेंसियों को चाहिए कि इन ठेकेदारों को आधे दाम पर कौन सी कंपनियां सीमेंट लोहा ईट गिट्टी प्रदान करती है उन्हें चिन्हअंकित किया जाए और ऐसे कौन से मजदूर हैं जो निर्धारित तय दर से आधे दाम से कम पैसे पर काम करते हैं?
लंबे समय से जमे अधिकारी
चिरमिरी क्षेत्र के सिविल विभाग के लिए जन चर्चा में यह बात अक्सर सुनने को मिलती है कि फला साहब कहां होंगे तो पता लगता है फला उक्त ठेकेदार के साथ होंगे आप उक्त ठेकेदार को फोन लगा लो साहब से बात हो जाएगी, ऐसा इन दिनों ठेकेदार और ओवरसीयर के बीच सांठगांठ और पार्टनरशिप देखने को मिल रही है ओवर सियर झा साहब संजय सिंह राठौर जैसे कई ओवर सियर पिछले 10 12 वर्षों से चिरमिरी क्षेत्र के विभिन्न इकाइयों में जमकर लूटपाट कर रहे हैं मिली जानकारी के अनुसार इन दिनों जो एस ओ सिविल है, वे खुद ही कभी चिरमिरी क्षेत्र में ओवर सियर हुआ करते थे, उनकी भी यह आदत रही है कि वह अपने मित्र ठेकेदार को जहां जहां उनकी पदस्थापना हुई वहां वहां उसे साथ ले गए और पिछले 20 25 वर्षों से उस ठेकेदार से ओवरसीयर के मधुर संबंध आज भी बरकरार है ,,कहते हैं कि जब खेमे का सरदार ही उक्त परंपरा को बढि़या से निर्वहन कर रहा हो तो उसके अधिनस्थ कार्य कर रहे उसके ओवरसियर उक्त परंपरा का निर्वहन करेंगे ही।


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